सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने संसद में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के हक़ की आवाज़ बुलंद की
- · देश भर में कश्मीरी पंडितों को एक समान आर्थिक सहायता नीति व वन प्लेस सेटलमेंट नीति बनाकर उनका पुनर्वास करे सरकार- दीपेंद्र हुड्डा
- · हरियाणा में कश्मीरी पंडितों को हुड्डा सरकार द्वारा 5000 रुपये प्रति माह दी जा रही सहायता को दोबारा बहाल करे सरकार – दीपेंद्र हुड्डा
- · महंगाई को देखते हुए आर्थिक सहायता राशि कम से कम दोगुनी करे हरियाणा सरकार – दीपेंद्र हुड्डा
- · घर-बार, रोजगार छोड़ विपरीत परिस्थितियों में रह रहे कश्मीरी पंडितों के लिये एक समान नीति समय की मांग- दीपेंद्र हुड्डा
चंडीगढ़, 30 मार्च।
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज संसद में कश्मीरी पंडितों को हरियाणा में हुड्डा सरकार के समय मिल रही 5000 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता, जिसे भाजपा सरकार ने बंद कर दिया था, को पुनः शुरू करने और महंगाई के अनुपात में दोगुना बढाने की मांग की। उन्होंने देश भर में एक समान आर्थिक सहायता नीति लागू करने व वन प्लेस सेटलमेंट नीति बनाकर कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की मांग जोरदार ढंग से उठायी। राज्य सभा के शून्यकाल में दीपेंद्र हुड्डा ने कश्मीरी पंडितों की परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीरी पंडित ऐसा वर्ग है जिसे अपने ही देश में विस्थापित कहलाना पड़ा। जम्मू के बाहर सबसे ज्यादा कश्मीरी पंडित दिल्ली और हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में आकर बसे हैं। इनके लिये अलग-अलग सरकारों की अलग-अलग नीति रही है। हरियाणा में पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार ने कश्मीरी पंडितों को सबसे पहले 2005 में 1000 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता की नीति शुरु की थी, जिसे समय-समय पर बढ़ाकर 2014 तक हुड्डा सरकार ने इसे 5000 रुपये प्रति माह प्रति व्यक्ति कर दिया था। लेकिन 2014 के बाद सत्ता में आयी भाजपा सरकार ने कश्मीरी पंडितों को मिलने वाली इस आर्थिक मदद को बंद कर दिया। उन्होंने यह भी मांग करी कि सरकार कश्मीर घाटी में जमीन अधिगृहित कर वन प्लेस सेटलमेंट की नीति पर सेटेलाइट टाउनशिप बनाकर कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिये पुरजोर प्रयास करे।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि करीब 9 लाख कश्मीरी पंडित अपने घर और प्रदेश छोड़कर दूसरे प्रदेशों में रह रहे है। ये किसी कानून की कमी से नहीं, बल्कि कानून-व्यवस्था की कमी के चलते अपने घर से दूर रहने को मजबूर हैं। जब तक कानून-व्यवस्था सही नहीं होगी वो अपने घरों को कैसे लौटेंगे। उन्होंने बताया कि हरियाणा में 32 साल से बसे कश्मीरी पंडितों द्वारा बार-बार माँग करने पर भी 2014 में चुनकर आई भाजपा सरकार ने एक भी पैसे की मदद नहीं की, न ही 2019 में बनी भाजपा-जजपा सरकार ने कोई मदद की।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 2014 से अबतक डीजल पेट्रोल रसोई गैस का भाव लगभग दोगुना हो गया है। इसे देखते हुए कश्मीरी पंडितों को मिलने वाली आर्थिक मदद को दोगुना किया जाए। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में अपना घर-बार, रोजगार छोड़ कर दूसरे राज्यों में रह रहे कश्मीरी पंडित परिवारों के लिये एक समान आर्थिक सहायता की नीति समय की मांग है। अब समय आ गया है कि पूरे देश में हर राज्य में एक समान आर्थिक सहायता एवं पुनर्वास की केन्द्रीय नीति बनायी जाए।