Sunday, February 23

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज भौम प्रदोष व्रत, वारूणी योग (पर्व)

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः चैत्ऱ, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः द्वादशी दोपहर  02.39 तक है, 

वारः मंगलवार।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः धनिष्ठा प्रातः 11.28 तक है, 

योगः साध्य अपराहन् काल 03.13 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः मीन,  चंद्र राशिः कुम्भ, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.19,  सूर्यास्तः 06.33 बजे।