एक साल में हट जाएंगे देशभर के टोल प्लाजा – गडकरी

टोल प्लाजा पर लोगों को निश्चित टैक्स देना पड़ता है लेकिन जल्दी ऐसे नियम बनने वाले हैं जिसके तहत लोगों को उतना ही टैक्स देना होगा जितना उन्होंने हाईवे पर सफर किया है। इसके चलते अब जीपीएस मैपिंग और इमेजिंग के जरिए टोल वसूला जाएगा और लोगों को टोल प्लाजा पर ज्यादा समय तक केवल पैसे देने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही कई टोल प्लाजा भी खत्म किए जा सकेंगे। इस मामले में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि इस बारें में केंद्र सरकार जल्द ही नए नियमों की गाइडलाइन जारी करेगी जो कि सफर को अधिक आसान कर देंगे।

नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट:

अगले एक साल में देशभर के सभी टोल प्लाजा खत्म हो जाएंगे या फिर हटा लिए जाएंगे. इसका ऐलान केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में किया। लेकिन अगर आप इससे ये सोचने लगे हैं कि अब अगले साल से सभी सड़कें टोल फ्री होने वाली हैं, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। टोल प्लाजा के हटने के बाद उनका काम कैमरा करेगा और जीपीएस के जरिए लोगों को अपना टोल टैक्स देना होगा।

इलेक्ट्रिक टोल प्लाजा के बाद सरकार अब एक और कदम आगे बढ़ाते हुए जीपीएस तकनीक से टोल वसूलने की तैयारी में लगी है। टोल कलेक्शन के लिए जीपीएस सिस्टम लागू होने के बाद टोल नाके हटा दिए जाएंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग (MoRTH) मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि नेशनल हाईवे पर अब लोगों को टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा।

संसद के बजट सत्र में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ”सड़कों के मामले में सरकार ने कई नई तकनीकों का इस्तेमाल करना शुरू किया है। इलेक्ट्रोनिक टोल का 97 परसेंट कलेक्शन हो रहा है। अब मैं एक जीपीएस सिस्टम लाना चाहता हूं। टोल ही नहीं रहेंगे। टोल नहीं रहने से मतलब टोल खत्म नहीं होगा। आपकी गाड़ी में जीपीएस सिस्टम लगा देंगे। गाड़ी में जीपीएस सिस्टम अनिवार्य भी कर दिया गया है। जीपीएस पर रिकॉर्ड होगा कि आपने कहां से एंट्री ली और कहां निकले। और आपके बैंक अकाउंट से पैसा कट जाएगा, कोई आपको रोकेगा नहीं, कुछ नहीं।”

नितिन गडकरी ने कहा, “भारत में टोल प्लाजा की जगह पर जीपीएस आधारित ट्रैकिंग सिस्टम लाने के लिए नई पॉलिसी लाने की तैयार कर रहे हैं। इसका मतलब टोल टैक्स का कलेक्शन अब जीपीएस के माध्यम से होगा।”

“मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि एक साल के अंदर देश के सभी टोल निकल जाएंगे. इसका मतलब ये है कि टोल नहीं रहेंगे, लेकिन हमारे सड़कों पर कैमरे रहेंगे जो जीपीएस से आपका इमेज कैच करेगा. उतना ही पैसा आपसे कटेगा. आपको कोई नहीं रोकेगा. टोल में पहले चोरियां भी बहुत होती थीं, कोविड के दौर पर हमारा टोल का इनकम 24 हजार करोड़ रुपये साल का था, जो 10 हजार करोड़ कम होना चाहिए था, लेकिन फास्टैग की वजह से ये इनकम इतनी ज्यादा हुई है. अब 93 फास्टैग लागू हो गया.”

नितिन गडकरी ने कहा कि जनता की सहूलियत के लिए नेशनल हाईवे पर अब हर 60 किलोमीटर के दायरे में केवल एक ही टोल प्लाजा होगा। एक से अधिक सभी टोल नाकों को हटा दिया जाएगा और यह काम 3 महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 60 किलोमीटर के दायरे में एक से अधिक टोल नाके होने गैर कानूनी है।

अब जीपीएस के जरिए टोल टैक्स लोग कैसे चुकाएंगे और जिनकी गाड़ी में जीपीएस की सुविधा नहीं है, वो लोग क्या करेंगे? इन सवालों का जवाब भी केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दिया। उन्होंने बताया कि,

“टोल को लेकर जो जीपीएस लगेगा, वो नई गाड़ियों में लगकर आ रहा है. लेकिन जो पुरानी गाड़ियां हैं, जिनमें जीपीएस नहीं लगा हुआ है, उनमें भी हम फ्री में जीपीएस लगवा देंगे। अब इसमें कोई समस्या नहीं आएगी।”

नितिन गडकरी ने कहा कि टोल नाकों के आसपास के गांव या शहर के लोगों के लिए पास उपलब्ध कराए जाएंगे, आधार कार्ड के आधार पर स्थानीय लोगों को पास इश्यू कराए जाएंगे। इस सिस्टम पर तेजी से काम किया जाएगा।

टोल प्लाजा खत्म होने के ऐलान के अलावा नितिन गडकरी ने एक और ऐलान किया. जिसमें उन्होंने बताया कि स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत अगर आप नई गाड़ी खरीदते हैं तो न सिर्फ आपको उसमें डिस्काउंट मिलेगा, बल्कि टोल टैक्स में भी छूट दी जाएगी। पुरानी गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट करने के बाद अगर गाड़ी की लाइफ खत्म मानी जाती है तो उसे स्क्रैपिंग के लिए भेजा जाएगा, इसके लिए सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। पुरानी गाड़ी का दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाने की बजाए स्क्रैपिंग के लए प्रोत्साहित किया जाएगा, साथ ही दोबारा रजिस्ट्रेशन की फीस ज्यादा वसूली जाएगी।