Friday, December 27

बीजेपी के विधायकों ने इल्जाम लगाया है कि वे बीरभूम हिंसा के मामले में विधानसभा में चर्चा कराना चाहते थें, जिसके बाद टीएमसी के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और साथ-साथ मारपीट और धक्कामुक्की भी की। हाथापाई के मामले में स्पीकर ने कार्रवाई करते हुए भाजपा के पांच विधायकों को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया। जिन नेताओं को सस्पेंड किया गया है, उनमें शुभेंदु अधिकारी, मनोज तिग्गा, नराहरी महतो, शंकर घोष, दीपक बरमन का नाम शामिल है।

डेमोक्रैटिक फ्रंट, कोलकाता :

  • पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीरभूम नरसंहार को लेकर हंगामा
  • घायल विधायक असित मजूमदार अस्पताल ले जाए गए
  • टीएमसी और बीजेपी के विधायकों के बीच कहासुनी
  • झगड़ा हाथापाई तक पहुंचा, जमकर मारपीट
  • विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष नेता सुवेंदु समेत पांच विधायकों को किया सस्पेंड

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद जगह-जगह हो रही हिंसा को लेकर ममता बनर्जी सरकार निशाने पर है। अब भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस का झगड़ा विधानसभा तक पहुंच गया है। सोमवार को बंगाल विधानसभा के अंदर बीजेपी और टीएमसी विधायकों के बीच जमकर मारपीट हुई। इस मारपीट में बीजेपी विधायक असित मजूमदार घायल हो गए और मनोज तिग्गा के कपड़े फाड़े गए।असित मजूमदार को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इधर इस घटना के लेकर बीजेपी, टीएमसी की ममता सरकार पर हमलावर हो गई है। उधर विधानसभा स्पीकर ने सुवेंदु अधिकारी समेत पांच विधायकों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड होने वाले विधायकों में शुभेंदु अधिकारी, मनोज तिग्गा, नराहरी महतो, शंकर घोष, दीपक बरमन का नाम शामिल है. इनको अगले आदेश तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में आज सुबह से ही विपक्ष ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की मांग शुरू कर दी। इसी को लेकर टीएमसी के विधायक भड़क उठे और दोनों पक्षों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। देखते ही देखते ये बहस मारपीट में बदल गई। भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि वे बीरभूम में हुई कथित हत्याओं पर चर्चा चाहते थे, जिस पर हंगामे के बाद टीएमसी विधायकों ने धक्कामुक्की-मारपीट की। बाद में स्पीकर ने कार्रवाई करते हुए पांच विधायकों को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया। जिन नेताओं को सस्पेंड किया गया है, उनमें शुभेंदु अधिकारी, मनोज तिग्गा, नराहरी महतो, शंकर घोष, दीपक बरमन का नाम शामिल है। इसके बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में लगभग 25 भाजपा विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट किया और दावा किया कि सदन के अंदर तृणमूल कांग्रेस के विधायकों द्वारा उनकी पार्टी के कई विधायकों के साथ मारपीट की गई।

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने मारपीट की घटना और स्पीकर द्वारा सस्पेंड किए जाने के फैसले पर टीएमसी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “सदन का आखिरी दिन होने के चलते हमने राज्य के कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग की। ऐसा न होने के बाद संवैधानिक तरीके से विरोध किया जिसके बाद सिविल ड्रेस पहने पुलिस कर्मी और TMC के विधायकों ने हमारे (भाजपा के) विधायकों को मारा।” उन्होंने कहा, “तृणमूल कांग्रेस, उनके गुंडे और पुलिस के खिलाफ हमारा मार्च है। इसको लेकर हम स्पीकर के पास भी जाएंगे। बंगाल में जो हालत है उसको लेकर केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए।”

अधिकारी ने कहा, ‘‘विधायक, सदन के भीतर भी सुरक्षित नहीं है…तृणमूल के विधायकों ने सचेतक मनोज तिग्गा सहित हमारे कम से कम 8-10 विधायकों के साथ मारपीट की, क्योंकि हम कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की मांग कर रहे थे।’’

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा, विधानसभा में अराजकता फैलाने के लिए नाटक कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ सदन में हमारे कुछ विधायक घायल हो गए हैं। हम भाजपा के इस कृत्य की निंदा करते हैं।’’