करारी हार के बाद पंजाब कांग्रेस में बैठकों का दौर शुरू हो गया है, नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग
विधानसभा चुनाव में मिला हार के बाद कांग्रेस नेता हार पर मंथन के साथ भविष्य की रणनीति बनाने में जुटे हैं। चर्चा है, इस बैठक के जरिए सिद्धू अपनी खोई प्रतिष्ठा हासिल करने की जुगत में हैं। जाहिर है हार के बाद लंबी चुप्पी साधे रहने के बाद सिद्धू एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। इधर, खबर है कि प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सुखपाल खैरा, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रताप सिंह बाजवा में शामिल है. इन्ही में से किसी को नेता प्रतिपक्ष भी बनाया जा सकता है। ऐसे में सिद्धू को क्या जिम्मेदीर मिलेगी ये आलाकमान ही तय करेगा।
डेमोरेटिक फ्रंट संवाददाता, अमृतसर :
पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से मिली करारी हार के बाद पंजाब कांग्रेस में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। इस बीच पार्टी में एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। बीते दिन शनिवार को कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में सिद्धू समेत प्रदेश कांग्रेस के दो दर्जन नेताओं ने बैठक की।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, बैठक में शामिल रहे विधायक सुखपाल खेड़ा ने कहा कि यह पार्टी को दोबारा तैयार करने की कोशिश है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस नेता खेड़ा को विपक्ष का नेता बनाने की इच्छा जता रहे हैं। जबकि, कुछ नेताओं का कहना है कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रमुख नियुक्त किया जाना चाहिए।
एक पूर्व विधायक ने अखबार को बताया कि मीटिंग के दौरान चुनाव में हार और भविष्य की योजनाओं को लेकर चर्चाएं की गई। साथ ही खेड़ा को विपक्ष का नेता और साफ छवि के चलते सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रमुख बनाने पर सहमति जाहिर की। खेड़ा ने ट्वीट किया, ‘हम पता है कि पार्टी बदलाव के जनादेश के साथ भविष्य के फैसले योग्यता और ईमानदारी के आधार पर लेगी।’
खेड़ा ने कहा कि 24 ‘एक समान विचारधारा’ वाले कांग्रेस नेताओं ने सुल्तानपुर लोधी में विधायक नवतेज सिंह चीमा के आवास पर बैठक की। मीटिंग में विधायक, पूर्व विधायक, 2022 चुनाव के उम्मीदवार और पंजाब कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष शामिल हुए। बैठक के बाद सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘हम अच्छी सोच और गंभीरता के साथ पंजाब के अधिकारों के लिए लड़ेंगे।’