पंचांग 26 मार्च 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज गुरू पूर्व में उदय, बृहस्पति आज पूर्व दिशा में प्रात: 6.41 बजे उदय हो गए हैं। बृहस्पति 23 फरवरी को पश्चिम दिशा में अस्त हुए थे। बृहस्पति के अस्तकाल में विवाह, सगाई, मुंडन, गृहप्रवेश सहित अनेक शुभ कार्यो पर प्रतिबंध लग जाता है। लेकिन अभी बृहस्पति के उदय होने के बाद भी शुभ कार्य प्रारंभ नहीं हो सकेंगे क्योंकि मीन मलमास चल रहा है। हां, इतना अवश्य है किबृहस्पति के उदय होने से समस्त राशि वाले जातक शुभ प्रभाव में आ जाएंगे और उन्हें सुख-सम्मान प्राप्त होगा।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1944,
मासः चैत्ऱ,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः नवमी रात्रि 08.02 तक है,
वारः शनिवार।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पूर्वाषाढ़ा दोपहर 02.47 तक है, योगः परिघ, रात्रि काल 10.58 तक, करणः तैतिल,
सूर्य राशिः मीन, चंद्र राशिः धनु,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 06.52, सूर्यास्तः 06.16 बजे।