पंचांग 25 मार्च 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज शीतलाष्टमी व्रत है। शीतला अष्टमी का व्रत करने से शीतला माता प्रसन्न होती हैं। इस व्रत की विशेषता है कि शीतला देवी को भोग लगाने वाले सभी भोजन को एक दिन पूर्व की बना लिया जाता है। दूसरे दिन शीतला माता को भोग लगाया जाता है। इसलिए इस व्रत को बसोरा भी कहते हैं।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1944,
मासः चैत्ऱ,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः अष्टमी रात्रि 10.05 तक है,
वारः शुक्रवार।
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः मूल सांय 04.07 तक है, योगः वरीयान रात्रि काल 01.46 तक, करणः बालव,
सूर्य राशिः मीन, चंद्र राशिः धनु,
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.31, सूर्यास्तः 06.25 बजे।