Friday, November 22
Demo

जिन राज्य सरकारों ने सीबीआई को जनरल कंसेंट यानी आम सहमती दे रखी है, उन राज्यों में सीबीआई किसी भी मामले में बगैर राज्य सरकार की अनुमति के छापेमारी और गिरफ्तारी कर सकती है। वहीं, जिन राज्यों ने जनरल कंसेंट वापस ले लिया है उनमें सीबीई को कार्रवाई के लिए पहले राज्य सरकार से इजाजत लेनी होती है।

नई दिल्ली: 

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पंजाब, महाराष्ट्र, और पश्चिम बंगाल सहित 9 राज्यों ने अपने यहां किसी मामले की सीबीआई जांच के लिए आम सहमति वापस ले ली है। उन्होंने यह भी बताया कि 2019 से 2022 फरवरी तक राज्यों द्वारा 101 मामलों में सीबीआई जांच की अनुमति दी गई है।  हाल ही में मेघालय ने राज्य में किसी मामले की जांच के लिए सीबीआई को दी जाने वाली आम सहमति वापस ले ली थी।

इससे पहले मिजोरम और गैर-राजग शासित सात राज्यों-महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और केरल ने सीबीआई जांच के लिए आम सहमति वापस ले ली थी।

मेघालय में सत्तारूढ़ गठबंधन में भाजपा साझेदार है जहां नेशनल पीपुल्स पार्टी के नेता कोनराड संगमा मुख्यमंत्री हैं।

एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों ने समिति को बताया कि इन आठ राज्यों में अनेक मामलों में जांच के लिए 150 अनुरोध लंबित हैं।

अधिकारियों ने बताया कि इनमें बैंक धोखाधड़ी, जालसाजी और धन के गबन से संबंधित मामले शामिल हैं।

सीबीआई के निदेशक सुबोध जायसवाल और एजेंसी के अन्य शीर्ष अधिकारियों ने वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील मोदी की अध्यक्षता वाली कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय पर संसदीय स्थायी समिति के समक्ष अपना पक्ष रखा।

समिति के सूत्रों ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा कि जब कुछ सदस्यों ने सीबीआई से आम सहमति वापस लेने के बारे में पूछा तो एजेंसी के अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया कि अब तक नौ राज्यों ने आम सहमति वापस ली है जिनमें सबसे ताजा मामला मेघालय का है।

Comments are closed.

© 2024 Demokratic Front. Hosted at Server Plugs.