बजट व सरकार की नीतियों से किसान, मजदूर, कर्मचारी, व्यापारी और बेरोजगार समेत हर वर्ग निराश- हुड्डा
- थोथी घोषणाएं करने में विश्वास रखती है बीजेपी-जेजेपी सरकार- हुड्डा
- सरकार यह मानकर घोषणा करती है, मानो इन्हें पूरा नहीं करना- हुड्डा
- प्रदेश को कर्ज में डुबोने के सिवाय सरकार ने नहीं किया कोई कार्य- हुड्डा
- सरकार को कर्ज उतारने के लिए भी लेना पड़ रहा है कर्ज- हुड्डा
- एक लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य हासिल करने में सरकार को 50 से भी ज्यादा वर्ष लगेंगे- हुड्डा
22 मार्च, चंडीगढ़:
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार सिर्फ थोथी घोषणाएं करने में विश्वास रखती है। हर बजट में सरकार यह सोचकर घोषणा करती है कि उसको पूरा नहीं करना है। वो चाहे हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा हो या फिर अन्य घोषणाएं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज यहां पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने प्रदेश को कर्ज में डुबोने के सिवाय कोई कार्य नहीं किया। इस सरकार की कारगुजारियों के चलते आज प्रदेश लगभग तीन लाख करोड़ के कर्ज तले दब गया है। हालात ऐसे हो गए हैं कि रूटीन के कामों और कर्ज उतारने के लिए भी सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है। बावजूद इसके सरकार ने बजट में बड़ी-बड़ी घोषणाएं की हैं। इनको पूरा करने के लिए ना सरकार के पास पैसा है और ना ही कोई नीयत है।
हुड्डा ने कहा कि इस सरकार ने वास्तविकता से ध्यान भटकाने के लिए इन्फ्लेटेड बजट पेश किया है, ताकि लोगों को सुनने में अच्छा लगे। लेकिन लोग इसकी हकीकत को समझ चुके हैं। सरकार द्वारा हर बार घोषणा से विपरीत बाद में अलग-अलग कामों के लिए बजट आवंटन को घटाकर ऊंट के मुंह में जीरे के समान कर दिया जाता है।
उन्होंने निवेश का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार ने बजट में एक लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले साल के आंकड़े बताते हैं कि पूरे साल में प्रदेश में महज 1600 करोड़ रुपये का ही निवेश हुआ है। ऐसे में एक लाख करोड़ निवेश के लक्ष्य को प्राप्त करने में 50 वर्ष से भी ज्यादा का समय लगेगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस बजट से किसान, मजदूर, कर्मचारी, छोटा व्यापारी, बेरोजगार समेत हर वर्ग को निराशा हाथ लगी है। सर्वाधिक बेरोजगारी, रिकॉर्ड महंगाई, आर्थिक मंदी, अर्थव्यवस्था की जर्जर हालत जैसी चुनौतियों से निपटने में यह बजट फेल साबित होगा।