कांग्रेस को एक और झटका! महाराजा कर्ण सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी छोड़ी

वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ कर्ण सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेता और पूर्व एमएलसी विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को सौंप दिया है। बता दें कि विक्रमादित्य सिंह तत्कालीन जम्मू-कश्मीर रियासत के महाराजा हरि सिंह के पोते हैं। 

विक्रमादित्य सिंह

डेमोक्रेटिक फ्रंट, जम्मू काश्मीर/नई दिल्ली: 

नेतृत्व संकट से जूझ रही कांग्रेस को एक और झटका लगा है। जम्मू कश्मीर के कद्दावर कांग्रेस नेता और महाराजा कर्ण सिंह  के बेटे विक्रमादित्य सिंह  ने कांग्रेस छोड़ दी है। मंगलवार को उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनके विचार पार्टी के साथ नहीं मिलते हैं। उन्होंने पार्टी पर जमीनी वास्तविकताओं से अनजान रहने का भी आरोप लगाया। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी को लिखा अपना इस्तीफे वाले पत्र को सार्वजनिक भी किया। वो 2019 का चुनाव उधमपुर ईस्ट से केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से हार गए थे।

पत्र में उन्होंने लिखा है कि वो त्वरित प्रभाव से कॉन्ग्रेस पार्टी से इस्तीफा देते हैं। साथ ही लिखा, “मेरा मानना है कि कॉन्ग्रेस पार्टी जम्मू कश्मीर की जनता की भावनाओं और आकांक्षाओं को समझने में असफल रही है।” विक्रमादित्य सिंह ने 2018 में कॉन्ग्रेस पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया था। सिंह ने कहा कि उन्होंने उसके बाद जम्मू कश्मीर से जुड़े कई मुद्दों पर राष्ट्रहित का साथ दिया, जो कॉन्ग्रेस पार्टी के रुख से एकदम अलग था।

उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक, जम्मू कश्मीर में ‘विलेज डिफेंस कमिटीज’ के पुनर्विकास, अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने जैसे मुद्दों पर उनका रुख कॉन्ग्रेस के विरुद्ध रहा था और उन्होंने गुपकार गठबंधन की निंदा भी की थी। पूर्व विधान पार्षद ने कहा कि वो राष्ट्र हित को देखते हुए जम्मू कश्मीर की जनता की भावनाओं के हिसाब से अपना रुख तय करते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत तेज़ी से बदल रहा है और अगर कोई पार्टी या उसका नेतृत्व इसके साथ तालमेल नहीं बिठाएगा तो वो गायब हो जाएगा। बता दें कि विक्रमादित्य सिंह के पिता कर्ण सिंह जम्मू कश्मीर के सदर-ए-रियासत रह चुके हैं। तीन बार ‘बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU)’ के चांसलर रहे कर्ण सिंह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल, राज्यसभा सांसद और ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ के अध्यक्ष भी रहे हैं। वो कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओ में से एक हैं।