Panchang

पंचांग 15 मार्च 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज भौम प्रदोष व्रत है। मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत हर महीने के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है। मार्च महीना का यह पहला प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः फाल्गुऩ, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः द्वादशी दोपहरः 01.13 तक है, 

वारः मंगलवार।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः आश्लेषा रात्रि 11.33 तक है, 

योगः सुकृत रात्रि काल 27.40 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः मीन,  चंद्र राशिः कर्क, रा

हु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.35,  सूर्यास्तः 06.25 बजे।