दीपेन्द्र हुड्डा ने अहीर रेजिमेंट की स्थापना की मांग का संसद में दिया नोटिस

  •          भारतीय सेना में ‘अहीर रेजमेन्ट’ का गठन अविलंब किया जाए
  •          ‘अहीर रेजमेन्ट’ के गठन के लिए प्राथमिकता से करेंगे पुरजोर प्रयास

चंडीगढ़, 14 मार्च:

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की स्थापना की मांग का नोटिस संसद में दिया। उन्होंने अपने नोटिस के माध्यम से सरकार से मांग करी कि अब समय आ गया है जब अहीर भाइयों के राष्ट्र के प्रति समर्पण और बलिदान को देखते हुए देश की सेना में उनकी परम्परागत सेवा, जोश और जूनून को आने वाली पीढ़ियों में भी कायम रखने के लिये भारतीय सेना में ‘अहीर रेजमेन्ट’ का गठन अविलंब किया जाए। इस दिशा में वो प्राथमिकता से पुरजोर प्रयास करेंगे। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने सत्ता पक्ष सहित सभी सदस्यों से दलगत राजनीति से अलग हटकर आगे आने और ‘अहीर रेजिमेंट’ की स्थापना की उनकी मांग का समर्थन करने का भी अनुरोध किया।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि यदुवंशी शौर्य का इतिहास किसी परिचय का मोहताज नहीं है। हिन्दुस्तान के कई सौ सालों के इतिहास में मातृभूमि की रक्षा के लिये अहीर समाज ने साहस, वीरता और बलिदान की अनगिनत शौर्य गाथाएं लिखी हैं, जो आज भी देश के नौजवानों के लिये प्रेरणास्रोत हैं। तैमूर और नादिर शाह का आक्रमण हो, 1857 की क्रांति जिसमें राव तुलाराम की शौर्य गाथा की बात हो, प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध हो या आजाद भारत की 1948 का युद्ध हो, चीनी सेना के खिलाफ रेजांग-ला की लड़ाई से लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल युद्ध तक जब भी भारत की आन-बान-शान की बात आयी और देश की सीमाओं पर दुश्मन ने सर उठाने की भूल की, तब-तब ‘जय यादव जय माधव’ के जयघोष के साथ अहीर समाज ने कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मनों के नापाक मंसूबों को मिटटी में मिलाकर भारत माता के वीर सपूत होने का फर्ज बखूबी निभाया है।