‘AAP ने लिया है खालिस्तानी फण्ड और वोट, अब खालिस्तान बनाने में दो साथ’, सिख फॉर जस्टिस

भगवंत मान को लिखी चिट्ठी में कहा कि आम आदमी पार्टी(आआपा) ने बिना प्रचार और बिना कैडर से 70 प्रतिशत सीटें जीती. आआपा को खालिस्तानी समर्थकों से फंडिंग मिली और पार्टी को खालिस्तान समर्थकों से भारी समर्थन मिला। आआपा ने एसएफजे के फर्जी लेटर के जरिए वोट हासिल किए और पार्टी ने खालिस्तान समर्थक सिखों के वोटों को धोखे से अपने समर्थन में किया। सिख फॉर जस्टिस ने अपने लेटर में आरोप लगाया कि खालिस्तानी फंडिंग से आम आदमी पार्टी को वहां भी वोट मिले, जहां प्रचार नहीं किया।

चंडीगढ़: 

आम आदमी पार्टी(आआपा) ने पंजाब विधान सभा की 117 में से 92 सीटों पर जीत दर्ज कर प्रचंड बहुमत हासिल किया। आआपा की जीत के बाद प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने आरोप लगाया है कि खालिस्तान समर्थकों की मदद से आम आदमी पार्टी ने पंजाब चुनाव में जीत हासिल की है। एसएफजे ने आआपा के सीएम कैंडिडेट भगवंत मान को एक चिट्ठी लिखी है।

सिख फॉर जस्टिस की ओर से जारी दस्तावेजी बयानों पर कितना भरोसा करना है या कितना नहीं करना इसके विषय में आधिकारिक तौर पर आप भगवंत मान और आम आदमी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ही जवाब दे सकते हैं। क्योंकि 18 फरवरी को गुरवंत सिंह पन्नू ने इन दोनों नेताओं की जमकर भर्त्सना करते हुए कहा था कि जो चिट्ठी दिखाकर ही यह नेता वोट बटोर रहे हैं वह फर्जी है साथ ही चौंकाने वाली बात यह है कि 11 मार्च को जारी उसी लेटर हेड पर एक पत्र भगवंत मान के नाम लिखा गया जिसमें उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने सिख फॉर जस्टिस का पैसा तो इस्तेमाल किया लेकिन जीत का सेहरा स्वयं बांधकर संस्था को नजरअंदाज भी किया

यह दोनों पत्र सरकार बनने से पहले ही सार्वजनिक हो गए हैं उम्मीद है मान और केजरीवाल जल्द ही इस मुद्दे पर सार्वजनिक स्पष्टीकरण देंगे।

लेटर गुरपतवंत एस पन्नू के हवाले से जारी किया गया है। इसमें लिखा गया है, “आम आदमी पार्टी को खालिस्तान समर्थकों का वोट और फंडिंग दोनों मिला है। यह फंडिंग अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रलिया, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के सिखों ने दी है। आआपा को मिली इस फंडिंग और समर्थन की वजह वो फर्जी लेटर है जो 10 मार्च से पहले वायरल हुआ था। इस पत्र में SFJ द्वारा आप पार्टी को समर्थन देने की बात कही गई थी। इस पत्र में आप पार्टी को पंजाब को अलग खालिस्तान देश बनाने में आम आदमी पार्टी को उम्मीद के तौर पर बताया गया था। इसी के बाद इन्हें पंजाब के 70% उन ग्रामीण क्षेत्रों से भी वोट मिला है जहाँ इन्होने प्रचार भी नहीं किया।”

पन्नू के पत्र के मुताबिक, “खालिस्तान समर्थकों के ये वोट आआपा द्वारा उसी फर्जी लेटर के धोखे से लिए गए हैं। जब मैंने इस पत्र का खंडन किया तब 18 फरवरी को एक व्यक्ति का फोन आया जो खुद को राघव चड्ढा का प्रवक्ता बता रहा था। उसने सिख फॉर जस्टिस से वायरल फर्जी पत्र को सही बताने और बाद में चुनाव जीतने पर पंजाब विधानसभा में ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ का ऑफर दिया था

इसी पत्र में आगे भगवंत मान को चेतावनी देते हुए लिखा गया, “खालिस्तान आंदोलन को रोकने की कोशिश में गोलियाँ चलवाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह को साल 1995 में मौत के घाट उतार दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी खालिस्तान आंदोलन को रोकने की कोशिश की तो उनके राजनैतिक कैरियर को ही खत्म कर दिया गया। भगवंत मान अपने पूर्व मुख्यमंत्रियों से कुछ सीखें। खालिस्तान सिखों के लिए एक जरूरी मुद्दा है। आप हमारी इस लड़ाई में पक्षकार मत बनिएगा। साथ ही खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह में सहयोग भी करिए।”

11 मार्च (शुक्रवार) को SFJ ने एक प्रेसनोट जारी करके अपनी उन्हीं बातों को दोहराया जो उन्होंने भगवंत मान से कही थी। इस पत्र की हेडिंग में है, “खालिस्तान वोट और खालिस्तानी फंड ने AAP को पंजाब जीतने में सहायता की।” साथ ही दूसरी लाइन में है, “पंजाब में सुचारू रूप से चलेगा खालिस्तान जनमत संग्रह।” यह पत्र एसएफजे के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू के हवाले से जारी हुआ है।

इस पत्र में आगे कहा गया, “आप पार्टी ने विश्वासघात करके फर्जी लेटर वायरल करवाते हुए वोट ले कर पंजाब में जीत दर्ज की है। इस पत्र से आप पार्टी को उनके वोट मिले है जो खालिस्तान की इच्छा रखते हैं। बादल और कैप्टन अमरिंदर खालिस्तान विरोधी थे इसलिए उनको हरा दिया गया है। अब आप पार्टी सत्ता में है। वो पंजाब में खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करे।”

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी पर खालिस्तान का समर्थक होने का आरोप केजरीवाल के पूर्व सहयोगी कुमार विश्वास ने भी लगाया था। कुमार विश्वास ने अरविन्द केजरीवाल पर आज़ाद खालिस्तान देश के पहले प्रधानमंत्री बनने तक की सोच रखने का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने केजरीवाल को खालिस्तान के खिलाफ बयान देने की चुनौती भी दी थी। इन आरोपों के जवाब में केजरीवाल ने खुद को स्वीट आतंकी कहा था।