प्रियंका वाड्रा को राज्यसभा में क्यों लाना चाहते हैं कांग्रेस के ‘वफादार’?
कांग्रेस के कुछ नेता यह भी याद कर रहे हैं कि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद कैसे इंदिरा गांधी ने राज्यसभा के जरिए संसद में प्रवेश किया था। लेकिन अगर प्रियंका राज्यसभा में जाने की राह चुनती हैं तो यह गांधी परिवार के वफादारों के लिए खुशी का एक कारण होगा। कांग्रेस इस बार अपने उम्मीदवारों को मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक से राज्यसभा भेज सकती है। इन राज्यों में कांग्रेस की या उसके गठबंधन वाली सरकार है। पश्चिम बंगाल और बिहार से पांच- पांच और गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से चार-चार सीटें रिक्त होंगी। कांग्रेस राजस्थान से खाली हो रही राज्यसभा की तीन में से दो सीटें रख सकती है, जबकि मध्य प्रदेश से तीन में से दो, छत्तीसगढ़ से दो, महाराष्ट्र और कर्नाटक से एक-एक सीट जीत सकती है। पार्टी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मेघालय और असम से सीटें गवाएगी। इससे एक ‘बड़ा फायदा’ यह होगा कि संसद में आने से प्रियंका के घर को लेकर आशंका समाप्त हो सकती है। हाल ही में एसपीजी सुरक्षा हटने और सिक्यॉरिटी के मापदंड के तहत आधिकारिक निवास के नियम कड़े होने से प्रियंका के परिवार का आधिकारिक निवास वापस लिए जाने की संभावना है।
- अप्रैल में राज्यसभा की 51 सीटें हो रही हैं खाली
- कांग्रेस अपने महासचिव प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेजने की कर रही है तैयारी
- अभी प्रियंका उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रभाव बढ़ाने के लिए कर रही हैं कोशिश
- राज्यसभा जाने के लिए प्रियंका ने अभी नहीं भारी है हामी
नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट:
विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी में बड़ा हेरफेर होने की संभावना है। कई नए चेहरों को बड़ी कमान देते हुए उन्हें राज्यसभा में भेजा जा सकता है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भी राज्यसभा भेजने पर विचार किया जा रहा है। उन्हें छत्तीसगढ़ से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। हालांकि इस साल राज्यसभा में विपक्ष की ताकत और कम होगी, क्योंकि इस साल 68 सीटें खाली हो रही हैं और इनको भरने के लिए होने वाले चुनावों में कांग्रेस को अपनी कुछ सीटों का नुकसान हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ राज्यों में कांग्रेस की क्षमता कम होने के कारण पार्टी उच्च सदन के लिए होने वाले चुनावों में शामिल अपनी करीब 19 में से नौ सीटें तक गवां सकती है। इस तरह की अटकलें हैं कि पार्टी प्रियंका गांधी वाड्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया और रणदीप सुरजेवाला जैसे बड़े नेताओं को राज्यसभा में लाने पर विचार कर रही है। कांग्रेस को अपने दम पर नौ सीटों को बरकरार रखने का भरोसा है और अपने सहयोगियों की मदद से एक या दो से अधिक सीटें जीत सकती है।
पार्टी उन राज्यों से सीटें हासिल कर सकती है, जहां वह सत्ता में है। कांग्रेस छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में सत्ता में है या सरकार में हिस्सेदार है। सूत्रों ने कहा कि अप्रैल, जून और नवंबर में 68 रिक्तियों को भरने के लिए चुनाव होने के बाद विपक्ष की ताकत में गिरावट आएगी, जिससे सत्तारूढ़ राजग धीरे-धीरे ऊपरी सदन में बहुमत की ओर बढ़ सकता है। राज्यसभा की 51 सीटें अप्रैल में खाली हो रही हैं, जून में पांच और जुलाई में एक और नवंबर में 11 सीटें रिक्त होंगी।
मोतीलाल वोरा, मधुसूदन मिस्त्री, कुमारी शैलजा, दिग्विजय सिंह, बी के हरिप्रसाद और एम वी राजीव गौड़ा कांग्रेस के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, जिनका कार्यकाल अप्रैल और जून में समाप्त हो रहा है। उनमें से, वोरा, शैलजा और दिग्विजय सिंह को पार्टी द्वारा फिर से नामित किए जाने की संभावना है। इसके अलावा, कांग्रेस नेता राज बब्बर और पीएल पुनिया को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से फिर से नामित किए जाने की संभावना नहीं है। इन राज्यों में भाजपा की सरकार है और भगवा दल को बड़ा लाभ होगा। उत्तराखंड से राज्यसभा की एक सीट और उत्तर प्रदेश से 10 सीटें इस साल नवंबर में खाली हो रही हैं।
राज्यसभा में महाराष्ट्र से छह सीटें रिक्त हो रही रही हैं, जिनमें राकांपा प्रमुख शरद पवार की सीट भी शामिल हैं। इसके अलावा तमिलनाडु से भी छह सीटें खाली हो रही हैं, जबकि पश्चिम बंगाल और बिहार से पांच- पांच और गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से चार-चार सीटें रिक्त होंगी। कांग्रेस राजस्थान से खाली हो रही राज्यसभा की तीन में से दो सीटें रख सकती है, जबकि मध्य प्रदेश से तीन में से दो, छत्तीसगढ़ से दो, महाराष्ट्र और कर्नाटक से एक-एक सीट जीत सकती है। पार्टी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मेघालय और असम से सीटें गवाएगी।