कांग्रेस, छोटी-छोटी पार्टियों को अपने पाले में लाने की कर रही कोशिश

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गोवा में विधायकों को एकजुट करने में देरी कर दी थी। जिसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हुआ था और वहां पर चुनाव बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस विपक्षी दल बनकर रह गई थी। ऐसे में इस बार कांग्रेस कोई गलती नहीं करना चाहती है। हालांकि पार्टी एग्जिट पोल के नतीजों को भी नकार रही है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट(ब्यूरो), नयी दिल्ली:

उत्तर प्रदेश समेत सभी पांचों राज्यों के चुनाव परिणाम 10 मार्च दिन गुरुवार को सामने आएंगे लेकिन इन राज्यों में हुए चुनाव के बाद एग्जिट पोल सामने आ चुके हैं। जिसको देखते हुए ग्रैंड ओल्ड पार्टी कांग्रेस ने नाराज नेताओं को एकजुट करने की कवायद शुरू कर दी है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कांग्रेस वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों और रणनीतिकारों को पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर भेज रही है, जबकि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा खुद उत्तर प्रदेश का जिम्मा संभाले हुए हैं। 

आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गोवा में विधायकों को एकजुट करने में देरी कर दी थी। जिसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हुआ था और वहां पर चुनाव बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस विपक्षी दल बनकर रह गई थी। ऐसे में इस बार कांग्रेस कोई गलती नहीं करना चाहती है। हालांकि पार्टी एग्जिट पोल के नतीजों को भी नकार रही है।

गोवा में त्रिशंकु विधानसभा के पूर्वानुमान को देखते हुए महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) का समर्थन प्राप्त करने की कवायद में भाजपा और कांग्रेस जुट गई है। 2017 के चुनाव परिणाम में कांग्रेस को सर्वाधिक 17 सीटें मिली थीं, जबकि भाजपा को 13 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। ऐसे में भाजपा ने एमजीपी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।

पंजाब को लेकर सामने आए तमाम एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती हुई दिखाई दे रही है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी अपने तमाम नेताओं को एकजुट करने में जुटी है। इतना ही नहीं पार्टी बागियों के भी संपर्क में है। आपको बता दें कि पार्टी आलाकमान ने अजय माकन को ऑब्जर्वर बनाते हुए पंजाब भेजा है। इसके अलावा पवन खेड़ा भी जल्दी पंजाब पहुंच सकते हैं। 

कांग्रेस ने उत्तराखंड में भी ऑब्जर्वर्स की टीम तैनात की है। दरअसल, कुछ एग्जिट पोल में बताया गया है कि उत्तराखंड में कांग्रेस की वापसी हो सकती है। लेकिन पार्टियों को 10 मार्च का इंतजार है, जब राज्यों के नतीजे सामने आएंगे। इन्हीं नतीजों को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने ऑब्जर्वर्स की टीम को तैनात कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्यसभा सांसद दीपक हूडा के साथ मिलकर यहां की स्थिति को संभालेंगे।

मणिपुर में सरकार बनाने की संभावनाओं को टटोलते हुए कांग्रेस ने छोटी पार्टियों के साथ संपर्क स्थापित करना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं पार्टी ने तो एग्जिट पोल्स को भी नकार दिया है। कांग्रेस का मानना है कि उन्हें राज्य में 20 से 22 सीटें मिल सकती हैं। जिसको लेकर छोटे दलों को अपने पाले में लाने की कवायद तेज हो चुकी है। आपको बता दें कि 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा के चुनावों में ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा को स्पष्ट बढ़त दी गई है और कांग्रेस को दूसरे स्थान पर रखा गया है।