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पंचांग 07 मार्च 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज याज्ञवल्क्य जयंती है। महर्षि याज्ञवल्क्य, जिन्हें चारों वेदों, ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद तथा अथर्ववेद के ज्ञाता का दर्जा प्राप्त है उनकी जयंती को याज्ञवल्क्य जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक शुक्ल की द्वादशी, यानि कि आज 28 फ़रवरी 2020, शुक्रवार के दिन याज्ञवल्क्य जयंती मनाई जाएगी।

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विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः फाल्गुऩ, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः पंचमी रात्रि 10.33 तक है, 

वारः सोमवार।  

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः भरणी 29.54 तक है, 

योगः ऐन्द्र, रात्रि काल 23.59 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः कुम्भ  चंद्र राशिः मेष, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.44,  सूर्यास्तः 06.21 बजे।