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पंचांग 12 फरवरी 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज जया एकादशी व्रत है। जया एकादशी का व्रत 12 फरवरी, 2022 दिन शनिवार को रखा जाएगा।  व्रत का पारण अगले दिन 13 फरवरी को होगा। इस दिन जातक सुबह 07 बजकर 01 मिनट से 09 बजकर 15 मिनट यानि 2 घंटे 13 मिनट की अवधि में जया एकादशी के व्रत का पारण कर सकते हैं।  जया एकादशी व्रत के लिए एक दिन पहले नियम शुरू हो जाते हैं।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः माघ़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः एकादशी सांय 04.28 तक है, 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः आद्र्रा(की वृद्धि है जो कि रविवार को प्रातः 09.27 तक है)।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

योगः विष्कुम्भक रात्रि काल 08.40 तक, 

करणः विष्टि 

सूर्य राशिः कुम्भ  चंद्र राशिः मिथुन, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 07.06,  सूर्यास्तः 06.05 बजे।

असम के सीएम ने दिया हिजाब पर उकसाने वाला बयान, कांग्रेस पर लगाया आरोप

बिपिन रावत को याद करते हुए हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि जनरल बिपिन रावत देश का गौरव थे। उनके नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक किया। राहुल गांधी क्या बोले प्रूफ दो। अरे भाई आप कौन से पिता का बेटा हैं क्या हमने कभी प्रूफ मांगा है? मेरा सैनिक बल से आपको  प्रूफ मांगने का क्या अधिकार है। क्या आप विपिन रावत पर विश्वास नहीं करते है? क्या आप सचमूच राजीव गांधी के बेटे हैं, इसका प्रूफ मांगा क्या?

डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली/उत्तराखंड :

कर्नाटक में शुरू हुए हिजाब विवाद अब राजनीति गर्मा गई है। इस विवाद में अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का अजीब बयान सामने आया है। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने हिजाब क्यों जरूरी नहीं है, इस पर अपना तर्क दिया। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक को कैसे पता चलेगा कि कोई छात्र समझ रहा है या नहीं, अगर उन्होंने हिजाब पहन रखा है? किसी ने नहीं कहा कि वे 3 साल पहले हिजाब पहनना चाहते थे? मुस्लिम समुदाय को शिक्षा की जरूरत है, हिजाब की नहीं। राजनीतिक इस्लाम कांग्रेस प्रायोजित कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, हिमंता बिस्वा सरमा उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रचार करने के लिए आए थे। उसी दौरान उन्होंने शुक्रवार (11 फरवरी 2022) को ये बयान दिया। सरमा ने कहा कि कर्नाटक में जो भी हो रहा है वो ज्ञान का मुद्दा नहीं रहा। ये अब शिक्षा के मंदिर में धर्म का मसला बन गया है। उन्होंने इस विवाद के पीछे साजिश की तरफ इशारा किया और कहा कि तीन साल पहले तक यह विवाद नहीं था। अचानक से यह क्यों उठा?

सरमा ने कहा, “अगर आप स्कूल में हिजाब पहनकर जाते हैं तो शिक्षक को कैसे पता चलेगा कि आपको समझ रहा है या नहीं। अगर एक स्टूडेंट हिजाब पहनकर क्लास में बैठेगा और दूसरा स्टूडेंट दूसरे भेष में बैठेगा तो ये क्या मामला होगा। तीन साल पहले कोई नहीं बोला था कि हिजाब पहनना है। अभी तुरंत वो मामला सामने आ गया है।”

इसके साथ ही सरमा ने राहुल गाँधी द्वारा संसद में भारत को राज्यों का संघ बताने वाले बयान का जिक्र करते हुए आगे कहा, “हिजाब के मामले में केस होता है। सुप्रीम कोर्ट और कर्नाटक हाई कोर्ट में दोनों ही जगह पर कॉन्ग्रेस का वकील हिजाब के पक्ष में खड़ा होता है। ये देश को तोड़ने की एक साजिश है। अभी अगर मुस्लिम समाज को सबसे अधिक शिक्षा की आवश्यकता है, उनको हिजाब की जरूरत नहीं है। अगर मुस्लिम बेटियों को सबसे अधिक जरूरत है तो डॉक्टर, इंजीनियर बनने की जरूरत है। इस मसले को विपक्ष बहुत ही निचले स्तर तक ले गया है। धार्मिक इस्लाम कुरान और शिक्षा पर जोर देता है, लेकिन दूसरा पॉलिटिकल इस्लाम का पालन कॉन्ग्रेस कर रही है।”

देहरादून में सरमा ने कहा, “सभी इस्लामिक देश कह रहे हैं कि हिज़ाब ज़रुरी नहीं है। राहुल और प्रियंका गाँधी कह रहे हैं कि हिज़ाब पहनों। लेकिन उनका एक भी वक्तव्य नहीं मिलेगा, जहाँ पर वे बोल रहे हों कि आप लोग इंजीनियरिंग, मेडिकल पढ़ो। आप विश्वविद्यालय में जाओ।”

CM चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे ‘हनी’ को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत: ED के सामने कबूल चुका है अपना अपराध

चुनाव आयोग ने पंजाब विधानसभा चुनाव स्थगित करने का फैसला किया है। पहले ये मतदान 14 फरवरी को होना था लेकिन अब 20 फरवरी को होगा। इससे पहले लगभग सभी पार्टियों ने चुनाव आयोग से पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को होने वाले मतदान को कुछ दिनों के लिए स्थगित करने को कहा था। पार्टियों कहना था कि राज्य के दलित समुदाय के बहुत से लोग संत रविदास की जयंती पर वाराणसी जाएंगे। रविदास जयंती 16 फरवरी को है। कांग्रेस के अलावा भाजपा ने भी चुनाव आयोग से मतदान टालने का आग्रह किया था जिस पर आयोग ने सोमवार को फैसला लिया। अब पंजाब विधानसभा के चुनाव 20 फरवरी को एक ही चरण में होंगे।

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट :

पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को अदालत ने अवैध रेत खनन मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। बता दें साल 2018 में अवैध बालू खनन के मामले में इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट की जांच के दौरान भूपिंदर सिंह का नाम सामने आया था। इसके बाद ईडी ने इस मामले में इसी साल जनवरी में भूपिंदर सिंह और उसके सहयोगियो के घर और दफ्तरों पर छापे मारे थे। ED ने छापेमारी के दौरान करीब दस करोड़ की नगदी, 21 लाख के गहने और एक रौलेक्स घड़ी बरामद की थी।

जाँच एजेंसी ने शुक्रवार (11 फरवरी 2022) को हनी को जालंधर की कोर्ट में पेश किया। इससे पहले की दो सुनवाइयों में अदालत ने हनी को ईडी की हिरासत में भेज दिया था। वो 8 फरवरी से 11 फरवरी तक ईडी की ही हिरासत में था। ED ने इसी साल जनवरी 2022 में भूपिंदर सिंह हनी के घर समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 10 करोड़ की नकदी, 21 लाख रुपए के गहने और रोलैक्स घड़ी मिली थी।

गौरतलब है कि अवैध रेत खनन के मामले में हनी को 3 फरवरी 2022 को जालंधर से गिरफ्तार किया गया था। 7 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान जारी कर बताया था कि सीमावर्ती राज्य में बालू खनन से जुड़ी गतिविधियों, अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले में मदद करने के बदले 10 करोड़ रुपए नकद प्राप्त होने की बात भूपिंदर सिंह ने कबूल कर ली थी।

जाँच एजेंसी ने अपने बयान में कहा था कि हनी को कुछ दस्तावेजों के साथ तीन फरवरी को एजेंसी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए समन जारी किया गया था। हनी आया और उसने अपने बयान दिए। उसने ये स्वीकार किया कि वह खनन संबंधी गतिविधियों में शामिल है, लेकिन दोष साबित करने वाला डाटा सामने रखे जाने पर वह टालमटोल करने लगा था।

वहीं अब हमेशा की तरह कॉन्ग्रेस अपने कारनामों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए आरोप-प्रत्यारोप पर उतर आई है। जहाँ कॉन्ग्रेस इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बता रही है, तो वहीं पंजाब के सीएम चन्नी कह रहे हैं कि कानून अपना काम कर रहा है और उन्हें उस पर कोई आपत्ति नहीं है।

NCP की महिला ने PM Modi को लेकर कहा ‘मोदी को अंगार लगा सुलगा डालो’

सोशल मीडिया पर अभी एक वीडियो वायरल हुआ है। यह वीडियो बुर्का या हिजाब के समर्थन में पुणे में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित एक ‘विरोध’ प्रदर्शन का है. इसमें एक महिला को कहते हुए सुना जा सकता है कि “कर्नाटक में चार दिन से स्कूल, कॉलेज सब बंद हो गए हैं। बहुत बड़ी परेशानी है। वीडियो में जिहादी महिला बोल रही हैं कि मोदी कायदा-कानून के नाम पर अचानक कुछ भी निकाल लेता है। इस मोदी को सब अंगार लगा कर सुलगा डालो। महाराष्ट्र के RSS के सह संयोजक पीयूष जगदीश कश्यप ने पीएम के खिलाफ अपमानजनक और धमकी भरी टिप्पणी करने वाली महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, महाराष्ट्र(ब्यूरो) :

कर्नाटक में पिछले काफी दिनों से हिजाब विवाद को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस चर्चित विवाद का मामला कोर्ट में चल रहा है। वहीं हिजाब विवाद पर कुछ जिहादी जुबानों ने जहर उगलना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि इस मामले से संबधित एक वीडियो सामने आ रही है। वीडियों में जिहादी सोच का प्रदर्शन करने वाली महिला देश के प्रधानमंत्री की हत्या पर बोल रही है।

एक महिला को कहते हुए सुना जा सकता है, “कर्नाटक में चार दिन से स्कूल, कॉलेज सब बंद हो गए हैं। बहुत बड़ी परेशानी है। यह अचानक कुछ भी निकालता है मोदी कायदा-कानून। ये मोदी को सब अंगार लगा कर सुलगा डालो।”

अब इस मामले में केस दर्ज कराया गया है। यह केस महाराष्ट्र के RSS के सह संयोजक पीयूष जगदीश कश्यप ने करवाई है। उन्होंने पीएम के खिलाफ अपमानजनक और धमकी भरी टिप्पणी करने के लिए महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सायबर पुलिस स्टेशन में दर्ज अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि महिला ने पीएम मोदी के खिलाफ धमकी भरा और अपमानजक शब्द का इस्तेमाल किया। 

जगदीश ने अपनी शिकायत में उस वीडियो का यूट्यूब लिंक और सीडी भी उपलब्ध कराई है। हालाँकि अब वह वीडियो प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध नहीं है। RSS कार्यकर्ता ने कहा कि इस तरह की भाषा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उस पोस्ट के खिलाफ भी नफरत पैदा करती है। उन्होंने कहा कि वीडियो देख कर साफ तौर पर उसका इरादा पता चलता है कि वह जनता के बीच पीएम मोदी की अच्छी छवि को धूमिल करना चाहती है। उनका कहना है कि इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा और वह भी इसी तरह की व्यवहार कर सकते हैं।

बता दें कि गुरुवार (10 फरवरी 2022) को राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में बुर्का (जिसे लोग हिजाब भी कह रहे हैं, जबकि दोनों में अंतर है) पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों के समर्थन में महाराष्ट्र के पुणे जिले में प्रदर्शन किया। एनसीपी की पुणे इकाई के अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने भगवा दुपट्टा डाले उन लड़कों पर निशाना साधा, जिन्होंने बुर्के का विरोध किया था। 

उन्होंने कहा, “कर्नाटक के उडुपी में एक मुस्लिम लड़की का कुछ दिन पहले कई दक्षिणपंथी युवकों ने पीछा किया था। इस घटना से भारतीयों के सिर शर्म से झुक गए हैं।” मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जगताप ने शिक्षण संस्थानों में धर्म और राजनीति लाने के लिए भाजपा सरकार की भी आलोचना की। हालाँकि बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए वह यह भूल गए कि कर्नाटक में बुर्का विवाद की शुरुआत सबसे पहले आठ मुस्लिम लड़कियों ने की थी, जिन्होंने कॉलेज की यूनिफॉर्म के नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया था।

नोट: भले ही इस विरोध प्रदर्शन को ‘हिजाब’ के नाम पर किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम छात्राओं को बुर्का में शैक्षणिक संस्थानों में घुसते हुए और प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इससे साफ़ है कि ये सिर्फ गले और सिर को ढँकने वाले हिजाब नहीं, बल्कि पूरे शरीर में पहने जाने वाले बुर्का को लेकर है। हिजाब सिर ढँकने के लिए होता है, जबकि बुर्का सर से लेकर पाँव। कई इस्लामी मुल्कों में शरिया के हिसाब से बुर्का अनिवार्य है। कर्नाटक में चल रहे प्रदर्शन को मीडिया/एक्टिविस्ट्स भले इसे हिजाब से जोड़ें, ये बुर्का के लिए हो रहा है।

Panchkula Police

Police Files, Panchkula – 11 February – 22

मास्क ना पहननें वालों पर पुलिस हुई सख्त 31लोगो के काटे चालान  

                      पचंकूला 11 फरवरी :- 

पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस उपायुक्त पचंकूला श्री मोहित हांडा के निर्देशानुसार हरियाणा महामारी सुरक्षित अर्लट अभियान के तहत पुलिस द्वारा कोविड-19 के दिशानिर्देशो की उल्लंघना करनें वालों पर सख्ती बर्ती जा रही है जो पुलिस द्वारा जिला पचंकूला में अलग-2 जगहो पर तैनात पुलिस की टीम द्वारा कोविड -19 निर्देशो की पालना के लिए जागरुक किया जा रहा है क्योकि अभी पुरी तरह से कोविड-19 खत्म नही हुआ है और अभी हमें सावधानी रखनें की जरुरत है औऱ पुलिस की अलग -2 टीम जिला पचंकूला में तैनात है जो कोविड -19 के निर्देशा की तहत जागरुक भी कर रही और अगर इसी सन्दर्भ में अगर कोई व्यकित कोविड-19 के निर्दैशो की उल्लंघना करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ बिना मास्क, बिना समाजिक दुरी बनाए रखनें पर कोविड-19 के तहत चालान किये जा रहें है जो पुलिस नें बीतें दिन 31 लोगो के बिना मास्क के लोगो के चालान कियें गये है इस सम्बन्ध में पुलिस उपायुक्त पचंकूला नें आमजन से अपील कि है कि वे कोविड-19 के हरियाणा राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशो की पालना करें और खुद को अपनें परिवार को सुरक्षित रखें । इसके साथ ही कहा कि कोविड -19 नियमों की पालना करके पुलिस का सहयोग करे ।

पचंकूला: प्लास्टिक प्रतिबंधित अवैध पॉलीथिन पर हुई सख्ती, 27 दुकानदारो के काटे गए चालान

                      पचंकूला 11 फरवरी :-

Panchkula Police

 पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस महानिदेशक श्री पी.के अग्रवाल भा.पु.सें. के निर्देशानुसार पुलिस आय़ुक्त पंचकूला श्री सौरभ सिह एव पुलिस उपायुक्त पंचकूला श्री मोहित हांडा के नेतृत्व में जिला पचंकूला को प्लास्टिक मुक्त शहर बनानें के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की हुई है जिस अभियान के तहत पुलिस आमजन व दुकानदारो को जागरुक कर रही है कि प्लास्किट के बढते प्रयोग से पर्यावरण के साथ साथ मानव जीवन को भी खतरा है इसके साथ ही एसीपी पचंकूला श्री विजय कुमार के द्वारा मार्किट में जाकर दुकानदारो को जागरुक किया जा रहा है और इसके साथ -2, दुकानदारो पर अवैध मात्रा में प्लास्टिक पॉलिथीन औऱ सिगंल युज प्लास्टिक पर रोक लगाई जा रही है जो नगर निगम पचंकूला की टीम द्वारा पुलिस के सहयोग से कल दिनांक सैक्टर 20 मार्किट से 12 दुकानदारो के चालान काटें गये और इसके साथ ही बीतें दिन सैक्टर 09 व 5 मार्किट से 15 दुकानदारो के चालान काटे गयें है ।

इस सम्बन्ध में पुलिस एसीपी पचंकूला के नेतृत्व में आज दिनांक सैक्टर 16 पचंकूला की मार्किट में दुकानदारो व अन्य आमजन को प्लास्टिक की रोकथाम हेतु जागरुरक करते हुए कहा कि कि प्लास्टिक मानव जीवन के लिए खतरा बनती जा रही है और रोकथाम हेतु खुद को जागरुक करें और प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करें सिगंल युज प्लास्टिक का प्रयोग ना करें और मार्किट में जाते समय कप़डे या जुत के थैले का प्रयोग करें और प्लास्टिक बोतलों में पानी,दुध ना पियें । जिससे प्लास्टिक रसायन हमारें शरीर में चला जाता है जिससे हमारें शरीर नुक्सान पहुंचता है ।

अगर किसी को यूनिफॉर्म पसंद नहीं है तो उसे संस्थान छोड़ देना चाहिए: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कर्नाटक हिजाब विवाद मामले पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा, “धर्म को विभाजित नहीं करना चाहिए बल्कि लोगों को एकजुट करना चाहिए। ड्रेस कोड किसी भी संस्थान से जुड़ा मसला है। इसमें शामिल लोगों को निर्धारित अनुशासन का पालन करना चाहिए।” आरिफ खान ने कहा कि पिछली सरकारें नियम, अनुशासन तोड़ने वाले लोगों के सामने झुकती थीं। लेकिन वर्तमान सरकार ऐसा नहीं कर रही है। ऐसे बदलावों को अपनाने में समय लगेगा। केरल के राज्यपाल ने कहा कि लड़कियों और महिलाओं को पहले के मुकाबले अब अधिक आजादी मिली है। पहले उन्हें घूंघट और तीन तलाक जैसे प्रथाओं के तहत दबा दिया जाता है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली(ब्यूरो) :

कर्नाटक का हिजाब विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। उडप्पी जिले से शुरू हुआ विवाद अब धीरे धीरे पूरे राज्य में फैलता जा रहा है। हिजाब विवाद को लेकर लोग अपनी राय दे रहे हैं। हिजाब पर जारी विवाद के बीच शुक्रवार को कर्नाटक के राज्यापाल आरिफ मोहम्मद खान ने न्यूज चैनल से बात करते हुए कई सवालों के जवाब दिए। राज्यपाल ने कहा कि मेरा मानना है कि किसको क्या पहनना है यह व्यक्ति का खुद का निर्णय होना चाहिए लेकिन एक दायरे में रहकर।

उन्होंने कहा, “अगर किसी को यूनिफॉर्म पसंद नहीं है तो उसे संस्थान छोड़ देना चाहिए, अनुशासन का पालन करना चाहिए और अनुशासन को तोड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अनुशासन संस्थानों की नींव है। अनुशासन के बगैर तो जिंदगी नहीं चल सकती। जब आपकी शिक्षा पूरी हो जाए और जब आप बाहर निकल जाएँ तब आपकी मर्जी है कि आप जो भी ड्रेस पहनना चाहें पहने।”

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि छात्रों को ड्रेस कोड के बारे में जानकारी थी। इसके बाद भी जानबूझकर शिक्षण संस्थानों में उन्होंने प्रवेश लिया था। अचानक इसके खिलाफ विद्रोह नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा, “छात्रों को कुछ राजनीतिक, गुप्त उद्देश्यों को हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।”

आरिफ मोहम्मद खान ने आगे कहा, “मेरा ये मानना है कि कौन क्या पहनता है ये कभी भी विवाद का विषय नहीं होना चाहिए। यह हर व्यक्ति का अपना अधिकार है। शर्त सिर्फ इतनी है कि शालीनता होनी चाहिए, सभ्यता होनी चाहिए, संस्कृति होनी चाहिए। जो आर्मी में है वो ये नहीं कह सकता कि मैं जो चाहूँगा वह पहन लूँगा पुलिसवाला यह नहीं कह सकता कि जो मैं चाहूँगा वह पहन लूँगा।” 

इस दौरान उन्होंने कहा कि कई चीजें जबरन धर्म से जोड़ी गई हैं। तीन तलाक को भी धर्म से जोड़ा गया। इसके साथ ही उन्होंने कुरान का हवाला देते हुए कहा कि हिजाब शब्द का इस्तेमाल पर्दे के लिए किया गया है, पहनावे के लिए नहीं। पहनावे के लिए स्कार्फ होता है। हिजाब का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। यह किसी धर्म की पहचान नहीं है। 

आरिफ खान ने कहा कि पिछली सरकारें नियम, अनुशासन तोड़ने वाले लोगों के सामने झुकती थीं। लेकिन वर्तमान सरकार ऐसा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, ये कुछ वक्त चलने दीजिए। आदतें बदलने में थोड़ा वक्त लगता है। इसी सरकार ने घुटने टेकने बंद किए हैं। थोड़ा सा वक्त लगेगा, फिर लोगों में हिम्मत आ जाएगी। इसे आप वीडियो में 22:12 से 22:36 मिनट के बीच सुन सकते हैं।

आगे वह कहते हैं, ये लोग उन बातों पर लड़ेंगे, जिनका कुरान में कोई जिक्र नहीं है। उदाहरण के लिए- तीन तलाक। जो असल गुनाह है- जो बताया गया है, उसे छोड़ कर अपनी ख्वाहिशों को पूरा करना। ये वो लोग हैं जो मानते सब कुछ हैं लेकिन कहते हैं कि हम इनके मुताबिक आचरण नहीं करेंगे। हम तो अपनी मर्जी करेंगे।

आरिफ खान ने कहा, “मैं आपको एक मिसाल देता हूँ। एक बच्ची है। पैगंबर साहब की पत्नी की सगी भांजी के औलाद नहीं है। हजरत आयशा के औलाद नहीं है। लिहाजा वह अपने सगे भाई की बेटी को एक तरह से गोद ले लेती है और खुद पालती है सारी जिंदगी। वह बच्ची बहुुत खूबसूरत होती है। उसकी शादी गवर्नर से होती है। उसका शौहर उससे कहता है कि तुम अपना चेहरा ढँको, पर्दा करो। वह अपने शौहर को जवाब देती है- “पर्दा और मैं? खुदा ने मुझे खूबसूरत बनाया है। मैं चाहती हूँ कि लोग मुझे देखें और मेरी खूबसूरती में अल्लाह की शान का एहसास करें और अल्लाह का शुक्र अदा करें।” उन्होंने प्रदर्शन करने वालों को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये लोग शायद उनसे ज्यादा इस्लाम जानते हैं। यह बातें 25:00 से 27:32 के बीच सुन सकते हैं।

जब एंकर ने उनसे पूछा कि क्या ये बातें मुस्लिम धर्मगुरुओं (मौलानाओं) को मालूम नहीं है या फिर वो बताना नहीं चाहते हैं, या फिर समझना नहीं चाहते। इस पर उन्होंने कहा, “उनको सब कुछ पता है। कुरान में दो आयतें हैं- वो बच्ची जिसे जिंदा दफन कर दिया गया था, सिर्फ लड़की होने की वजह से। कोई आज पूछेगा कि उसका जुर्म क्या था। पैगंबर साहब ने उसके बारे में बहुत सख्त रवैया अपनाया। वो रूक गया। लेकिन आप कानून बना लीजिए, आदतें बड़ी मुश्किल से बदलती हैं। अगर उसको जिंदा गाड़ना बंद हो गया तो उसको कपड़े में गाड़ना शुरू हो गया। उन्होंने तीन तलाक करके उनको दबाना शुरू कर दिया। पहले जमीन में दफनाते थे, अब उसे घर की चारदीवारी में बंद कर दो। घर के बाहर निकले तो उसे ऐसे कर दो कि पता ही न चले कि कौन है और शादी हो जाए तो उसे तीन तलाक के नाम से ऐसे डरा कर रखो कि वह आजाद इंसान के हैसियत से जिंदा न रह सके।” वीडियो में यह बातें आप 27: 37 से 29:17 के बीच सुन सकते हैं।

बता दें कि एक दिन पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्कूल- कॉलेज में धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगाई थी और स्कूल कॉलेज को खोलने का आदेश दिया था। वहीं इसके खिलाफ यूथ कॉन्ग्रेस प्रेसिडेंट श्रीनिवास बीवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और तत्काल सुनवाई की बात कही थी।

इस पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मुद्दे को राष्ट्रीय बनाने की जरूरत नहीं है। बता दें कि श्रीनिवास की याचिका पर तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा उचित समय पर इस मामले पर सुनवाई होगी।

नोट: भले ही इस विरोध प्रदर्शन को ‘हिजाब’ के नाम पर किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम छात्राओं को बुर्का में शैक्षणिक संस्थानों में घुसते हुए और प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इससे साफ़ है कि ये सिर्फ गले और सिर को ढँकने वाले हिजाब नहीं, बल्कि पूरे शरीर में पहने जाने वाले बुर्का को लेकर है। हिजाब सिर ढँकने के लिए होता है, जबकि बुर्का सर से लेकर पाँव तक। कई इस्लामी मुल्कों में शरिया के हिसाब से बुर्का अनिवार्य है। कर्नाटक में चल रहे प्रदर्शन को मीडिया/एक्टिविस्ट्स भले इसे हिजाब से जोड़ें, लेकिन ये बुर्का के लिए हो रहा है।

शिव परिवार मूर्ति स्थापना के उपलक्ष्य में श्री शिव चरित्र एवं श्री राम कथा का आयोजन

चण्डीगढ़ :

श्री प्राचीन शिव मन्दिर सभा, सैक्टर 23 – डी, चण्डीगढ़ की और से शिव परिवार मूर्ति स्थापना के उपलक्ष्य में श्री शिव चरित्र एवम् श्री राम कथा का आयोजन 11 फ़रवरी से 19 फ़रवरी तक करवाया जा रहा है जिसमे डॉ. भागवत पराशर श्रद्धालुओं को कथा का अमृतपान करवायेंगे। मंदिर कमेटी के प्रधान राजीव करकरा व महासचिव गिरीश कुमार शर्मा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि आज दोपहर को कलश यात्रा के साथ कार्यक्रमों का शुभारम्भ हुआ। कथा रोजाना सायं 4.00 बजे से 7.00 बजे तक होगी जबकि महिला संर्कीतन मण्डली द्वारा रोजाना दोपहर 12.30 बजे से 1.30 बजे तक भजन कीर्तन किया जाएगा। समारोह के अंत में मन्दिर में शिव परिवार की मूर्ति स्थापना 19 फरवरी दिन शनिवार को की जाएगी। बाद में अटूट लंगर भी बरताया जाएगा।

‘एक महिला का अधिकार है, वह बिकिनी पहनना चाहे, हिजाब पहनना चाहे’ प्रियंका गांधी वाड्रा

लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रियंका से हिजाब विवाद को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘एक महिला का अधिकार है, वह बिकिनी पहनना चाहे, हिजाब पहनना चाहे, वह घूंघट लगाना चाहे, वह साड़ी पहनना चाहे या जींस पहनना चाहे। इसमें कोई राजनीति की बात नहीं है और ना ही होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘किसी को कोई अधिकार नहीं है कि वह किसी महिला से कहे कि तुम यह पहनो।’

  • प्रियंका वाड्रा की यही बात क्या स्कूल की लड़कियां भी मानेंगी?
  • क्या सरकार या विद्यालयों कोप अपने परिसरों में किसी भी यूनिफ़ार्म को पक्का करने का अधिकार नहीं है।
  • क्या हिजाब सभी मुस्लिम महिलाओं के लिए ज़रूरी नहीं है?

डेमोक्रेटिक फ्रंट, लखनऊ(ब्यूरो) :

प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करते हुए बिकनी, घूंघट और हिजाब के बारे में ट्वीट करके विवाद खड़ा करने के कुछ घंटों बाद, कांग्रेस नेता कुछ जवाबी हमले के लिए तैयार थीं। जब एक पत्रकार ने पूछा कि कर्नाटक के कॉलेजों में बिकनी पहनने के अधिकार की तुलना कैसे की जा सकती है, तो प्रियंका ने अपना आपा खो दिया और रिपोर्टर पर पलटवार करते हुए कहा कि कोई भी महिलाओं को यह नहीं बता सकता कि क्या पहनना है और कैसे पहनना है। यहां तक कि उसने पत्रकार पर तंज कसते हुए पूछा कि क्या उसे यह कहने का अधिकार है कि वह अपना दुपट्टा हटा दे। कर्नाटक हिजाब विवाद पर एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान, कांग्रेस महासचिव ने कहा, “एक महिला को जो कुछ भी वह चाहती है उसे पहनने का अधिकार है, चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस की एक जोड़ी या हिजाब हो। किसी को भी उसे यह नहीं बताना चाहिए कि क्या है। पहनने के लिए।” अधिक

कर्नाटक के हिजाब विवाद का रंग उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर भी चढ़ता दिख रहा है। हिजाब को लेकर जारी विवाद के संदर्भ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को ट्वीट किया कि यह एक महिला का अधिकार है कि वह बिकिनी, जींस या हिजाब पहने या घूंघट निकाले। बाद में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के घोषणापत्र को जारी करने के लिए हुई प्रेसवार्ता में इसे लेकर हुए सवाल पर भी वह बेबाकी से अपने स्टैंड पर कायम रहीं। उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रियंका पर यह कहते हुए निशाना साधा कि वह हिजाब का समर्थन कर महिलाओं की स्वतंत्रता छीनने की बात कर रही हैं।

कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करने के मौके पर हुई प्रेसवार्ता में प्रियंका गांधी वाड्रा से सवाल हुआ कि ‘आप कह रही हैं कि चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाना चाहिए लेकिन आपने बुधवार सुबह हिजाब पर जो ट्वीट किया उससे विकास की धारा कहीं और मुड़ गई है?’ इस पर प्रियंका ने पलट कर सवाल किया कि क्या मैंने हिजाब पर बहस छेड़ी? फिर कहा कि एक महिला को अधिकार है कि वह बिकिनी पहनना चाहे या हिजाब पहनना चाहे या घूंघट काढ़े या साड़ी पहने या जींस। इसमें कोई राजनीति की बात नहीं है और न होनी चाहिए।’

इस पर उनसे फिर सवाल हुआ कि स्कूल या शैक्षिक संस्था में बिकिनी कहां से आ गई? जवाब में प्रियंका ने कहा कि आप गोलमोल करके कुछ भी कह सकते हैं। किसी को अधिकार नहीं है कि वह एक महिला से यह कहे कि वह क्या पहने। फिर उन्होंने सवाल पूछने वाले मीडियाकर्मी से तैश में कहा कि मैं आपसे कह रही हूं कि स्कार्फ उतारो। मीडियाकर्मी ने उनसे कहा कि मैं स्कूल में नहीं, प्रेस कान्फ्रेंस में हूं। इस पर प्रियंका ने कहा कि आप जहां भी हों, क्या मुझे आपसे यह कहने का अधिकार है? फिर बोलीं कि मुझे आपसे यह कहने का अधिकार नहीं है।

सत्ताधारी भाजपा की ओर से इस पर तत्काल प्रतिक्रिया आई। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पलटवार कर कहा कि ‘हिजाब का समर्थन करने वाली यह वही प्रियंका हैं जो उत्तर प्रदेश में लड़की हूं लड़ सकती हूं के नारे से यूपी की महिलाओं व बेटियों की आवाज बुलंद करने आई थीं पर यह दुखद है कि आज वह हिजाब का समर्थन कर एक समुदाय विशेष की महिलाओं की स्वतंत्रता छीनने की बात कह रही हैं। महिलाओं की स्वतंत्रता की बात करने वाली प्रियंका ने स्कूल-कालेज में हिजाब का समर्थन करके लोगों को बांटने और नफरत वाली राजनीति का भी समर्थन किया है। स्कूल में न घूंघट चलेगा और न हिजाब।’

हिमाचल महासभा, चण्डीगढ़ ने हिमाचल के मुख्यमंत्री के समक्ष प्रवासी हिमाचलियों को आ रही समस्याओं को रखा

चण्डीगढ़ :

हिमाचल महासभा, चण्डीगढ़ के एक शिष्टमण्डल द्वारा संस्था के अध्यक्ष पृथ्वी सिंह प्रजापती के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के चण्डीगढ़ प्रवास के दौरान सैक्टर 28 स्थित हिमाचल भवन में एक शिष्टाचारवश औपचारिक मुलाकात की। पदाधिकारियों ने उन्हें ट्राईसिटी में रह रहे प्रवासी हिमाचलियों को आ रही समस्याओं से अवगत करवाया तथा विशेषकर हिमाचल से बाहर रहने वाले प्रवासी हिमाचली भाईचारे के बच्चो को चिकित्सा के क्षेत्र में 85% कोटे की बहाली संबंधी मुद्दे पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। मुख्यमन्त्री ने समस्याओं व मांगों को पूरे ध्यानपूर्वक सुना और उनका स्थाई समाधान करने के लिए मौजूद शिष्टमण्डल को आश्वस्त किया। मौके पर मौजूद सदस्यों में संजीव कुमार, विनोद राणा, संजीव शर्मा, कपिल तथा विक्रण राणा ने मुख्यमन्त्री को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।

The 24-week training of 600 recruits from 16 states begins at Basic Training Centre, Bhanu

  • Trainees will be given 24 weeks rigorous training to make them physically and mentally strong

 Panchkula, February 11 :

The 24 week training of 600 recruits from 16 states, including 76 mahila /recruits of 168th non-GD Batch commenced at Basic Training Centre of Indo-Tibetan Border Police Force, Bhanu, Panchkula .
 
Ishwar Singh Duhan, Inspector General, Basic Training Center, Indo-Tibetan Border Force was the chief guest at the opening ceremony. Sh. Rajesh Sharma, Deputy Inspector General welcomed the chief guest.  Sh. Vikrant Thapliyal Commandant and other officers were also present on this occasion.
 
These trainees will be given 24 weeks rigorous training on drill, weapon and map reading to make these trainees physically and mentally strong.  The non-GD new recruits are in the cadre of Clerk, Telecom, Water Carrier, Cook, Tailor, Cobbler, Barber, Washer man and Gardner etc. They play a vital role in the cadre strength of ITBP.  Apart from this training, special courses would also be conducted for these trainees in the coming time so that they can become proficient in their work.
 
Speaking on this occasion,  Ishwar Singh Duhan, Inspector General told the trainees that it is a matter of pride for them that they have joined  the Indo-Tibetan Border Police Force which  is the best among all the forces.  He said that the Basic Training Centre, Bhanu is the best training centre with all necessary facilities like Drill Ground, PT Ground, Swimming Pool, Weapon Wing and Tank Wing, Short and Long Firing Range etc. He conveyed his best wishes to all the trainees and hoped that they would be largely benefitted from this training programme.