अंबाला के सांसद श्री रतन लाल कटारिया 21 फरवरी को जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक की करेंगे अध्यक्षता

पंचकूला, 19 फरवरी:

अंबाला के सांसद रतन लाल कटारिया 21 फरवरी को प्रातः 11 बजे जिला सचिवालय के सभागार में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की आयोजित बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

इस संबंध में जानकारी देते हुए अतिरिक्त उपायुक्त श्री आयूष सिन्हा ने बताया कि 21 फरवरी को आयोजित होने वाली बैठक में एजेंडा के अनुसार विभिन्न विभागों से संबंधित लगभग 25 योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी। बैठक में उपायुक्त श्री महावीर कौशिक भी उपस्थित रहेंगे।

उन्होंने बताया कि बैठक में पिछली बैठक की पुष्टि व कार्यवाही के अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी, अटल मिशन फॉर रिजूवनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉरमेशन, समग्र शिक्षा, मिड डे मील स्कीम, समेकित बाल विकास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण, श्याम प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, डिजिटल इंडिया-पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम प्रत्येक ग्राम पंचायत में काॅमन सर्विस सेंटर उपलब्ध कराना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, बीपीएल परिवारों के लिए एलपीजी कनेक्शन तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत किए गए कार्यों की समीक्षा की जाएगी। 

इन्डोनेशिया नेआईलैंड पर प्रम्बानन, बोरोबुदुर मंदिर वैश्विक पूजा स्थल घोषित हुए

साक्ष्य बताते हैं कि बोरोबुदुर का निर्माण 7वीं शताब्दी में किया गया था और बाद में14वीं शताब्दी में जावा में हिंदू राज्यों के पतन और जावानीस के इस्लाम में रूपांतरण के बाद छोड़ दिया गया ।  इसके अस्तित्व का विश्वव्यापी ज्ञान 1814 में जावा के तत्कालीन ब्रिटिश शासक सर थॉमस स्टैमफोर्ड रैफल्स द्वारा फैलाया गया था, जिन्हें देशी इंडोनेशियाई लोगों द्वारा इसके स्थान की सलाह दी गई थी।  बोरोबुदुर को तब से कई पुनर्स्थापनों के माध्यम से संरक्षित किया गया है। सबसे बड़ी बहाली परियोजना 1975 और 1982 के बीच इंडोनेशियाई सरकार और यूनेस्को द्वारा शुरू की गई थी, इसके बाद स्मारक को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।

सबसे बड़ी बहाली परियोजना 1975 और 1982 के बीच इंडोनेशियाई सरकार द्वारा शुरू की गई थी

इन्डोनेशिया/ भारत :

इंडोनेशिया ( Indonesia) भले ही दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामिक देश हो, लेकिन वहाँ पर आज भी सनातन संस्कृति और हिंदू सभ्यता के निशान हैं। इसी क्रम में इंडोनेशियाई सरकार ने हिंदुओं और बौद्धों के धार्मिक पहचान को बनाए रखने के लिए 11 फरवरी 2022 को प्रम्बानन मंदिर (Prambanan Temple) और बोरोबुदुर मंदिर (Borobudur Temple) में धार्मिक अनुष्ठानों को करने की इजाजत दे दी। इसके साथ ही आधिकारिक तौर पर मध्य जावा स्थित पवन मंदिर और मेंडुत मंदिर को हिंदू और बौद्ध के लिए वैश्विक पूजा स्थलों के रूप में लॉन्च किया गया।

कीर्तिमुख प्रवेश द्वार – बोरोबुदुर

बोरोबुदुर के निर्माण या इच्छित उद्देश्य का कोई ज्ञात रिकॉर्ड नहीं है। निर्माण की अवधि का अनुमान 8वीं और 0वीं शताब्दी के दौरान मंदिर के छिपे हुए पैर और शाही चार्टर में आमतौर पर इस्तेमाल किए गए शिलालेखों पर नक्काशीदार राहतों की तुलना से लगाया गया है। बोरोबुदुर की स्थापना लगभग 800 ई. यह ७६०(760) और ८३०(830) ईस्वी के बीच की अवधि से मेल खाती है, मध्य जावा में मातरम साम्राज्य पर शैलेंद्र वंश के शासन का शिखर, जब उनकी शक्ति में न केवल श्रीविजय साम्राज्य बल्कि दक्षिणी थाईलैंड , फिलीपींस के भारतीय राज्य भी शामिल थे । उत्तरी मलाया (केदाह, जिसे भारतीय ग्रंथों में प्राचीन हिंदू राज्य कदरम के रूप में भी जाना जाता है)। ८२५(825) में समरतुंग के शासनकाल के दौरान निर्माण को पूरा होने में ७५(75) साल लगने का अनुमान है । 

उस समय के आसपास जावा में हिंदू और बौद्ध शासकों के बारे में अनिश्चितता है । शैलेंद्र बौद्ध धर्म के उत्साही अनुयायी के रूप में जाने जाते थे, हालांकि सोजोमेर्टो में पाए गए पत्थर के शिलालेखों से यह भी पता चलता है कि वे हिंदू हो सकते हैं। इसी समय केडू मैदान के आसपास के मैदानों और पहाड़ों पर कई हिंदू और बौद्ध स्मारक बनाए गए थे। बोरोबुदुर सहित बौद्ध स्मारकों को उसी अवधि के आसपास बनाया गया था, जब हिंदू शिव प्रम्बानन मंदिर परिसर। 732 ईस्वी में, शिवाइट राजा संजय ने बोरोबुदुर से केवल 10 किमी (6.2 मील) पूर्व में, वूकिर पहाड़ी पर एक शिवलिंग अभयारण्य का निर्माण किया। 

बोरोबुदुर मंदिर

रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया के योग्याकार्ता में धार्मिक नेताओं और इंडोनेशियाई सरकार के बीच धार्मिक अनुष्ठानों के कामकाज को चलाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। बता दें कि इंडोनेशिया का बोरोबुदुर मंदिर बौद्ध धर्म की महायान शाखा का नेतृत्व करता है। बौद्ध धर्म को मानने वालों के लिए इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी सीई में शैलेंद्र वंश के शासनकाल में किया गया था। जबकि, प्रम्बानन मंदिर 10 वीं शताब्दी में हिंदू-बौद्ध मातरम साम्राज्य ने बनवाया था। यह भगवान शिव का देश में सबसे बड़ा मंदिर है।

समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान इंडोनेशिया के धार्मिक मामलों के मंत्रालय के विशेष कर्मचारी समन्वयक अदुंग अब्दुल रोचमैन ने बताया कि चार मंदिरों का ज्यादातर इस्तेमाल रिसर्च, संस्कृति और पर्यटन के लिए किया गया था। खास बात ये है कि एक तरफ इस्लामिक कट्टरपंथी एक-एक कर हिन्दू मंदिरों और उनकी निशानियों को तहस-नहस करने की कोशिशें कर रहे हैं। अब इंडोनेशियाई सरकार ने ये फैसला लिया है। गौरतलब है कि कट्टरपंथी इस्लामिक चरमपंथियों ने मध्य पूर्व, अफ्रीका, यूरोप और उत्तरी अमेरिका तक में कई तरह की धार्मिक विरासतों और संस्कृतियों को निर्ममता से कुचला है।

सर कटी बुद्ध प्रतिमाएं

इंडोनेशिया के जावा स्थित सांस्कृतिक गढ़ में बोरोबुदुर और प्रम्बानन मंदिर स्थित हैं। कथित तौर पर देश का जावा आईलैंड मुस्लिम बहुल आबादी वाला इलाका है, लेकिन यहाँ पर रहने वाले मुस्लिम मानवतावादी इस्लाम को प्रेम और दया का स्रोत मानते हैं। ये लोग हमलावरों से पहले के धार्मिक स्थलों को बचाने का काम करते हैं।

इस समझौते के बारे में योग्याकार्टा के गवर्नर सुल्तान हमेंग्कु बुवोनो एक्स कहते हैं कि मंदिरों के लिए हुआ यह समझौता पूजा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्थलों के रूप में जाना जाता है। इससे इंडोनेशिया में समुदायों के बीच धार्मिक संयम, सामंजस्य और सौहार्द बढ़ते हैं। उन्होंने इस मामले में उन्होंने आगे कहा, “विविधता में एकता ही इंडोनेशिया का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है औऱ इसी से इरादे का पता चलता है। ये उस देश के विकास की कुंजी है जिसके लोग एकीकृत इंडोनेशिया में विविधता को महत्व देते हैं।”

एमओयू पर हस्ताक्षर करते योग्याकार्टा के गवर्नर सुल्तान हमेंग्कु बुवोनो एक्स 

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ही इंडोनेशियाई सरकार और धार्मिक नेताओं के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। जिसे धार्मिक मामलों के मंत्रालय, शिक्षा, संस्कृति, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, राज्य के स्वामित्व वाले उद्यम (एसओई) मंत्रालय, पर्यटन और रचनात्मक अर्थव्यवस्था मंत्रालय, योग्याकार्टा और मध्य जावा प्रांतीय सरकारों का समर्थन है।

मूँगफली बेचने वाले सनाउल्लाह के जरिए AAP पार्षद तक पहुँचती थी घूस की रकम : केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पहले भी कई बार बीजेपी पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगा चुके हैं। साल 2021 में उन्होंने दिल्ली में नगर निगमों की खराब आर्थिक स्थिति के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था. “आप भाजपा द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ सक्रिय रूप से प्रचार कर रही है। एमसीडी अपने भ्रष्टाचार के कारण जर्जर स्थिति में हैं”, उन्होंने कहा था। हाल ही में विधानसभा चुनाव से पहले आप ने भी करार दिया अरविंद केजरीवाल को कथित रूप से निशाना बनाने के लिए बीजेपी और अन्य राजनीतिक दलों ने उन्हें भ्रष्ट बताया।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली(ब्यूरो) :

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी की नेता को रंगे हाथ घूस लेते गिरफ्तार कर लिया है। पूर्वी दिल्ली के वार्ड नंबर 217/10E वेस्ट विनोद नगर निगम पार्षद आम आदमी पार्टी की गीता रावत को सीबीआई ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। रिश्वत की कमाई गीता रावत के पास मूंगफली वाले के जरिए जाती थी

20 हजार की रिश्वतखोरी के मामले में आम आदमी पार्टी की काउंसलर को सीबीआई ने दिल्ली से किया गिरफ्तार। सीबीआई के मुताबिक, गीता रावत छत बनवाने के एवज में पीड़ित से 20 हजार की डिमांड कर रही थीं। पीड़ित ने सीबीआई से इसकी शिकायत दी, जिसके बाद सीबीआई ने ट्रेप लगाकर पहले एक बिचौलियों को गिरफ्तार किया जिसको पीड़ित ने 20 हजार रुपए दिए थे। ये बिचौलिया काउंसलर के दफ्तर के बाहर एक रेहड़ी लगाता है। सीबीआई के मुताबिक घूस का ये पैसा गीता रावत को बिचौलिये के जरिये पहुंचना था। हालांकि, अभी सर्च जारी है।

शिकायत के बाद सीबीआई ने ट्रैप लगाकर पहले एक बिचौलियों को गिरफ्तार किया जिसको पीड़ित ने 20 हजार रुपये दिए थे। ये बिचौलिया काउंसलर के दफ्तर के बाहर एक रेहड़ी लगाता है। सीबीआई के मुताबिक घूस का ये पैसा गीता रावत को बिचौलिये के जरिये पहुंचना था।

जब आप नेता ने एक व्यक्ति द्वारा छत के निर्माण को मंजूरी देने के लिए 20,000 रुपये की रिश्वत की मांग की, तो उस व्यक्ति ने शिकायत के साथ सीबीआई से संपर्क किया था। इसके बाद सीबीआई ने इस घोटाले का भंडाफोड़ करने के लिए जाल बिछाया था।

शिकायत के बाद सीबीआई के मुताबिक रिपोर्टोंमूँगफली बेचने वाले सनाउल्लाह नाम के एक छोटे व्यवसायी के माध्यम से रावत को रिश्वत की मध्यस्थता की गई थी। सनाउल्लाह ने काउंसलर के कार्यालय के सामने अपना मूंगफली का स्टॉल लगाया और जिन्हें गीता रावत को रिश्वत देने की ज़रूरत थी, उन्हें पैसे जमा करने के लिए कहा गया। जाल के हिस्से के रूप में, प्रच्छन्न अधिकारियों ने सनाहुल्लाह को कुछ पैसे दिए और उसे ‘एहसान’ करने के लिए कहा। जैसे ही वह रावत के कार्यालय ‘पार्सल डिलीवर’ करने गए, सीबीआई अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया और उसके बाद आप नेता को गिरफ्तार कर लिया।

सीबीआई ने सनाउल्लाह को दिए गए नोटों को रंग से चिह्नित किया था, और जब उन्होंने गीता रावत के कार्यालय की तलाशी ली, तो उन्होंने वही नोट बरामद किए, जिससे वह सचमुच रंगे हाथों पकड़ी गई। फिलहाल दोनों आरोपियों से सीबीआई पूछताछ कर रही है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की खिंचाई की और पुष्टि की कि रावत को रिश्वत लेने के आरोप में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने ट्वीट किया, “क्या केजरीवाल विक्टिम कार्ड खेलना बंद कर देंगे और इस मीठे भ्रष्टाचार का जवाब देंगे?”

भाजपा दिल्ली के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने भी इस प्रकरण को लेकर आप सरकार की आलोचना की और भाजपा दिल्ली पर पहले भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए सीएम केजरीवाल पर निशाना साधा। “आम आदमी पार्टी भाजपा पार्षदों पर हर दिन भ्रष्टाचार के आरोप लगाती थी। लेकिन आज आप का पर्दाफाश हो गया है”, उन्होंने सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से जवाब मांगते हुए कहा।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पहले भी कई बार बीजेपी पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगा चुके हैं। साल 2021 में उन्होंने दिल्ली में नगर निगमों की खराब आर्थिक स्थिति के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था. “आप भाजपा द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ सक्रिय रूप से प्रचार कर रही है। एमसीडी अपने भ्रष्टाचार के कारण जर्जर स्थिति में हैं”, उन्होंने कहा था। हाल ही में विधानसभा चुनाव से पहले आप ने भी करार दिया अरविंद केजरीवाल को कथित रूप से निशाना बनाने के लिए बीजेपी और अन्य राजनीतिक दलों ने उन्हें भ्रष्ट बताया।

गीता रावत को कथित तौर पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की करीबी सहयोगी बताया जाता है। इस घटनाक्रम ने दिल्ली नगर निगम में राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है, जिसमें अगले दो महीनों में चुनाव होने हैं। मामले में सीबीआई जांच जारी है और अब तक दो गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

कर्नाटक हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने कहा- इस्लाम की अनिवार्य प्रथा नहीं है हिजाब

कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि हिजाब पहनना इस्लाम की एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और शैक्षणिक संस्थाओं में इसके उपयोग को रोकना धार्मिक स्वतंत्रता की संवैधानिक गारंटी का उल्लंघन नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि हिजाब अनुच्छेद 19(1) के तहत मौलिक अधिकार का हिस्सा है और इसपर प्रतिबंध उसका उल्लंघन है। हमारा मानना है कि ऐसा नहीं है।” राज्य सरकार ने हाई कोर्ट से कहा कि उसके अनुसार हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और साथ ही इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत मौलिक अधिकार का हिस्सा नहीं है।

  • 2002 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक निजी स्कूल की छात्राओं को हिजाब पहन क्लास में जाने की नहीं दी अनुमति
  • 1984 में सुप्रीम कोर्ट ने तांडव नृत्य को आनंद मार्गियों के धार्मिक रीति-रिवाजों का अनिवार्य हिस्सा नहीं माना
  • एम अजमल खान बनाम चुनाव आयोग मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने वोटर आईडी पर हिजाब में फोटो को खारिज किया

डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटका(ब्यूरो) :

कर्नाटक हिजाब विवाद का हल शुक्रवार को भी नहीं हो सका। लेकिन इस बीच कर्नाटक सरकार की ओर से एटॉर्नी जनरल (AG) प्रभुलिंग नवदगी ने बेंच के सामने यह दलील रखी गई कि हिजाब इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी। उधर कर्नाटक के स्कूल-कॉलेज में शुक्रवार को भी हिजाब पहनकर आने वालों को एंट्री नहीं दी गई।

सबसे बड़ा सवाल है कि क्या हिजाब इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है? अलग-अलग वक्त पर कुछ ऐसे ही सवालों पर उच्च न्यायपालिका फैसले सुना चुकी है। अदालती आदेशों के आईने में देखें तो मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है, नौकरी के लिए दाढ़ी जरूरी नहीं है, तीन तलाक भी इस्लाम का हिस्सा नहीं है। तो आखिर हिजाब पर इतनी बहस क्यों? आइए सिलसिलेवार ढंग से समझते हैं कि धार्मिक स्वतंत्रता पर संविधान क्या कहता है और धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़े विवादों पर उच्च न्यायपालिका के कुछ लैंडमार्क जजमेंट्स में क्या कहा गया है।

कर्नाटक में हिजाब पर क्यों मचा है बवाल ?

आगे बढ़ने से पहले यह समझना जरूरी है कि कर्नाटक में हिजाब को लेकर आखिर घमासान क्यों मचा है। ताजा विवाद की शुरुआत इस साल की शुरुआत में हुई जब कुछ सरकारी शिक्षण संस्थाओं में कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर आने लगीं। संस्था ने जब इसकी अनुमति नहीं दी तो हिजाब के समर्थन में अन्य जगहों पर भी स्टूडेंट्स के प्रदर्शन शुरू हो गए। हिजाब के विरोध में स्टूडेंट्स का एक दूसरा समूह भगवा गमछा, स्कार्फ और स्टोल पहनकर प्रदर्शन करने लगा। दलील दी कि अगर हिजाब को इजाजत दी जाती है तो हमें भी भगवा गमछा पहनकर कॉलेज आने की इजाजत दी जाए। कई जगहों पर स्टूडेंट्स के दोनों समूह आमने-सामने आने लगे। इस बीच राज्य सरकार ने 5 फरवरी को आदेश दिया कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान में स्टूडेंट हिजाब या भगवा गमछा, स्कार्फ पहनकर नहीं आ सकते।राज्य सरकार ने कर्नाटक शिक्षा कानून 1983 के सेक्शन 133 (2) को लागू करते हुए कहा है कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में सभी स्टूडेंट ड्रेस कोड का पालन करेंगे। निजी स्कूल प्रशासन अपनी पसंद के आधार पर ड्रेस को लेकर फैसला ले सकते हैं। हिजाब पर बैन के खिलाफ कुछ स्टूडेंट ने कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया। बुधवार को हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले को सुनवाई के लिए लार्जर बेंच को रेफर कर दिया।

अधिकारों पर क्या कहता है संविधान ?

अब समझते हैं कि हिजाब से जुड़े ताजा विवाद में मूल अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का क्या ऐंगल है। संविधान का अनुच्छेद 19 (1) (a) कहता है कि सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी है। लेकिन संविधान में ये भी कहा गया है कि ये अधिकार असीमित नहीं है। आर्टिकल 19(2) कहता है कि सरकार आर्टिकल 19 के तहत मिले अधिकारों पर कानून बनाकर तार्किक पाबंदियां लगा सकती है। इसी अनुच्छेद में कहा गया है कि भारत की संप्रभुता, अखंडता के हितों, राष्ट्रीय सुरक्षा, दोस्ताना संबंधों वाले देशों से रिश्तों, पब्लिक ऑर्डर, नैतिकता, कोर्ट की अवमानना, किसी अपराध के लिए उकसावा के मामलों में आर्टिकल 19 के तहत मिले अधिकारों पर सरकार प्रतिबंध लगा सकती है।

संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार –

भारतीय संविधान में अनुच्छेद 25 से अनुच्छेद 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की व्यवस्था है। सबसे पहले बात अनुच्छेद 25 की जो सभी नागरिकों को अंतःकरण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है। लेकिन ये पूर्ण स्वतंत्रता नहीं है, इस पर शर्तें लागू हैं। आर्टिकल 25 (A) कहता है- राज्य पब्लिक ऑर्डर, नैतिकता, स्वास्थ्य और राज्य के अन्य हितों के मद्देनजर इस अधिकार पर प्रतिबंध लगा सकता है। संविधान ने कृपाण धारण करने और उसे लेकर चलने को सिख धर्म का अभिन्न हिस्सा माना है।

अनुच्छेद 26 में धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता का जिक्र है। इसके तहत पब्लिक ऑर्डर, नैतियकता और स्वास्थ्य के दायरे में रहते हुए हर धर्म के लोगों को धार्मिक क्रिया-कलापों को करने, धार्मिक संस्थाओं की स्थापना करने, चलाने आदि का इधिकार है। अनुच्छेद 27 में इस बात की व्यवस्था है कि किसी व्यक्ति को कोई ऐसा टैक्स देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता तो किसी खास धर्म का पोषण हो रहा हो। अनुच्छेद 28 के तहत कहा गया है कि पूरी तरह सरकार के पैसों से चलने वाले किसी भी शिक्षा संस्थान में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जा सकती। राज्यों द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थाओं में लोगों की सहमति से धार्मिक शिक्षा दी जा सकती है (जैसा मदरसा, संस्कृत विद्यालय आदि) लेकिन ये शिक्षा सरकार की तरफ से निर्देशित पाठ्यक्रम के अनुरूप होने चाहिए। इन संवैधानिक प्रावधानों को देखने से साफ हो जाता है कि सरकार को धार्मिक आस्था और विश्वास की रक्षा करनी ही होगी। लेकिन अगर कोई धार्मिक गतिविधि पब्लिक ऑर्डर, नैतिकता या स्वास्थ्य के खिलाफ है तो लोगों के व्यापक हितों के लिए ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकती है (मसूद आलम बनाम पुलिस कमिश्नर, 1956)।

अधिकारों से जुड़े विवादों के अदालतों में जाने की वजह –

बात चाहे आर्टिकल 19 की हो आर्टिकल 25 की। संविधान में ही ये प्रावधान है कि ये अधिकार असीमित या पूर्ण नहीं हैं। कई स्थितियों में इन अधिकारों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है, मसलन पब्लिक ऑर्डर, नैतिकता, स्वास्थ्य वगैरह। लेकिन ये कैसे तय होगा कि किसी गतिविधि या धार्मिक रिवाज से पब्लिक ऑर्डर को कैसे खतरा है या नैतिकता के खिलाफ कैसे है…? यही वजह है कि अधिकारों पर बंदिश से जुड़े नियम या कानून के मामले अक्सर उच्च न्यायपालिका में पहुंचते हैं ताकि उनकी न्यायिक समीक्षा हो सके।

कोई रिवाज या प्रतीक धर्म का अनिवार्य हिस्सा या नहीं, क्या कहते हैं फैसले ?

मौजूदा हिजाब विवाद अपनी तरह का कोई पहला मामला नहीं है। कोई धार्मिक अनुष्ठान, रिवाज या प्रतीक संबंधित धर्म का अभिन्न हिस्सा है या नहीं, इससे जुड़े तमाम विवाद समय-समय पर उच्च न्यायपालिका के सामने आते रहे हैं।

रतिलाल पानचंद गांधी बनाम बॉम्बे प्रांत और अन्य (1954) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि राज्य आर्थिक, व्यावसायिक या राजनैतिक चरित्र के उन मामलों को भी रेग्युलेट कर सकता है जो धार्मिक प्रथाओं से जुड़े हुए हों। कोर्ट ने कहा कि राज्य के पास सामाजिक सुधार और समाज कल्याण के लिए कानून बनाने का अधिकार है भले ही ये धार्मिक प्रथाओं में दखल हो।

सवाल ये भी है कि कानूनी हिसाब से ‘धर्म’ को आखिर कैसे परिभाषित किया जाना चाहिए? हिंदू रिलिजियस एंडाउमेंट्स मद्रास के कमिश्नर बनाम लक्ष्मींद्र तीर्थ स्वामियार श्री शिरूर मठ (1954) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इसका जवाब दिया है। कोर्ट ने कहा कि धर्म के तहत वो सभी संस्कार, अनुष्ठान, प्रथाएं आएंगी जो किसी धर्म के लिए ‘अभिन्न’ हैं।

इस्लाम में नमाज के लिए मस्जिद अनिवार्य नहीं –

एम इस्माइल बनाम भारत सरकार (1995) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है और मुस्लिम किसी भी जगह पर, यहां तक कि खुले स्थान में भी नमाज पढ़ सकते हैं।

तांडव नृत्य धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं
आज जिस तरह हिजाब के समर्थन में दलील दी जा रही है कि ये संविधान में मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों के अनुकूल है। उसी तरह कभी शैव संप्रदाय से जुड़े आनंद मार्गियों ने भी जुलूस निकालने, नरमुंड (खोपड़ी) के कंकालों और त्रिशूल के साथ तांडव नृत्य के सार्वजनिक प्रदर्शन को आर्टिकल 25 के तहत अपना मौलिक अधिकार बताया था। 1984 में सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मार्गियों का ये दावा ठुकरा दिया। आनंद मार्ग की स्थापना 1955 में हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि तांडव नृत्य मूल रूप से आनंद मार्गियों के लिए अनिवार्य नहीं था। इसे तो आनंद मार्ग के संस्थापक आनंद मूर्ति ने 1966 में धार्मिक अनुष्ठान का जरूरी हिस्सा बनाया।

1984 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘आनंद मार्ग एक हालिया बना संप्रदाय है और तांडव नृत्य उसके धार्मिक संस्कारों में और भी बाद में जोड़ा गया। ऐसे में यह संदिग्ध है कि तांडव नृत्य को आनंद मार्गियों के धार्मिक अनुष्ठान का अनिवार्य हिस्सा माना जाए।’ 2004 में भी सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मार्गियों को सार्वजनिक तौर पर तांडव नृत्य की इजाजत से इनकार किया।

तांडव नृत्य का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। दरअसल कलकत्ता हाई कोर्ट ने तांडव नृत्य को आनंद मार्गी संप्रदाय का अनिवार्य हिस्सा ठहरा दिया। लेकिन 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए कहा कि तांडव नृत्य को अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं कहा जा सकता है।

दाढ़ी इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं –

2016 में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि दाढ़ी रखना इस्लामिक रीति-रिवाजों का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। मामला एयर फोर्स के एक कर्मचारी से जुड़ा था जिसे फोर्स ने दाढ़ी रखने की वजह से डिस्चार्ज कर दिया था। याचिकाकर्ता आफताब अहमद अंसारी को 2008 में एयर फोर्स ने दाढ़ी रखने की वजह से डिस्चार्ज कर दिया था। अंसारी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने दलील दी कि संविधान में मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत दाढ़ी रखना उनका मौलिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने अंसारी की याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि एयर फोर्स में धार्मिक आधार पर अफसर दाढ़ी नहीं बढ़ा सकते। नियम अलग हैं और धर्म अलग। दोनों एक-दूसरे में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।

तीन तलाक भी इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं –

तलाक-ए-बिद्दत (तीन तलाक) मामले में भी सुप्रीम कोर्ट के सामने ये सवाल उठा कि ये इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं। सर्वोच्च अदालत ने तीन तलाक को इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं माना और इसे गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ज्यादातर मुस्लिम देशों तक में तीन तलाक की प्रथा खत्म हो चुकी है। इसे कोई ऐसी प्रथा नहीं कह सकते तो मजहब का अनिवार्य हिस्सा हो।

हिजाब पर पहले के अदालती फैसलों में क्या ?

नदा रहीम बनाम सीबीएसई मामला –

हिजाब का मामला भी अलग-अलग समय पर अलग-अलग अदालतों में उठ चुका है। ऐसा ही एक मामला नदा रहीम बनाम सीबीएसई (2015) का है। दरअसल सीबीएसई ने ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (AIPMT) टेस्ट के लिए ड्रेस कोड लागू करते हुए स्टूडेंट्स को आदेश दिया था कि वे एग्जाम के लिए हल्के कपड़े पहने जो पूरी बांह के न हों, बड़े बटन, बैज या फूल वगैरह न लगे हों, जूते के बजाय स्लिपर पहनकर आएं। दो लड़कियों ने इस ड्रेस कोड को केरल हाई कोर्ट में चुनौती दी। सीबीएसई ने हाई कोर्ट को बताया कि उसका ड्रेस कोड सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप में है जिसने एग्जाम में बड़े पैमाने पर नकल और अनुचित साधनों के इस्तेमाल के बाद 2015-16 AIPMT एग्जाम को रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट ने इस मामले में दोनों याचिकाकर्ता छात्राओं को हिजाब पहनकर एग्जाम में बैठने की अनुमति दो दी लेकिन सीबीएसई के नियम को भी सही ठहराया। कोर्ट ने कहा कि धार्मिक मान्यता की वजह से जो लोग निर्धारित ड्रेस कोड से इतर कपड़े पहनकर एग्जाम देना चाहते हों वे सेंटर पर कम से कम आधा घंटा पहले पहुंचें ताकि उनकी सही से जांच हो सके।

आमना बशीर बनाम सीबीएसई –
एक साल बाद इसी परीक्षा के लिए सीबीएसई ड्रेस का मामला फिर केरल हाई कोर्ट पहुंचा। आमना बशीर बनाम सीबीएसई (2016) मामले में जस्टिस ए. मुहम्मद मुस्ताक की सिंगल-जज बेंच ने हिजाब को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा तो बताया लेकिन सीबीएसई के नियमों को रद्द नहीं किया। कोर्ट ने सीबीएसई को निर्देश दिया कि अगर कोई हिजाब पहनकर एग्जाम देना चाहे तो उसे इजाजत दी जाए लेकिन अनुचित साधनों की जांच के लिए ऐसे स्टूडेंट्स की अतिरिक्त तलाशी हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 25 के तहत हिजाब पहनने के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।

ऊपर के दोनों ही मामलों में फैसला सिंगल-बेंच जज का था और इस फैसले को बड़ी बेंच या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी गई। लिहाजा इन फैसलों का महत्व मोटे तौर पर एग्जाम के लिए ड्रेस कोड तक सीमित है।

वोटर आईडी कार्ड पर तस्वीर को लेकर मद्रास हाई कोर्ट का फैसला

हिजाब इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं, ये मामला 2006 में भी मद्रास हाई कोर्ट के सामने आया था। एम अजमल खान बनाम इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया मामले में कोर्ट ने कहा कि अगर मान भी लिया जाए कि पर्दा इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा है तब भी ये अधिकार पब्लिक ऑर्डर, नैतिकता या स्वास्थ्य की शर्तों के अधीन है।

दरअसल, चुनाव आयोग की तरफ से फोटो वोटर आईडी को अनिवार्य किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका डाली गई थी। एक मुस्लिम व्यक्ति ने याचिका डाली थी। उसने दावा किया कि फोटो वोटर आईडी उनकी धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाता है। इसके पीछे दलील दी गई कि वोटर आईडी पर महिलाओं की बिना हिजाब या पर्दा वाली तस्वीर होगी। तस्वीर को अजनबी भी देख सकेंगे। कुरान में इस बात की मनाही है।

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘सूडान के एक जाने-माने विद्वान हसन अल तुराबी ने पर्दा से जुड़ीं कुरान की आयतों की व्याख्या की है…कुरान में पैगंबर मोहम्मद की पत्नियों के लिए पर्दा करने का जिक्र है (ताकि पैगंबर मोहम्मद के कमरे की निजता बनी रहे क्योंकि उनके यहां तमाम लोगों का लगातार आना-जाना लगा रहता था)। पैगंबर की पत्नियां ऐसे कपड़े पहनती थीं कि चेहरे और हाथों समेत उनके शरीर का कोई भी हिस्सा किसी पुरुष को नहीं दिखता था। हालांकि, बाकी सभी मुस्लिम महिलाओं को इन बंदिशों से आजादी मिली हुई थी।’

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा ”कनाडाई लेखक सैयद मुमताज अली और राबिया मिल्स ने अपने निबंध में समझाया है, ‘कुरान के चैप्टर 33 की आयात नंबर 53 में हिजाब से जुड़ा आदेश सिर्फ ‘एतमाद करने वालों की माताओं’ (Mothers of the believers) यानी ‘पैगंबर की बीवियों’ पर लागू होता है। वहीं कुरान के चैप्टर 33 की आयत नंबर 55 में लिखी बातें सभी मुस्लिम महिलाओं पर लागू होती है। इस आयत में किसी भी तरह के हिजाब (पर्दा) का कोई जिक्र नहीं है। इसमें सिर्फ वक्षस्थल को पर्दे से ढकने और गरिमामयी कपड़ों की बात की गई है। इसलिए भारतीय शैली के पर्दा सिस्टम (पूरे चेहरे को ढंकने वाला नकाब) की प्रथा ठीक नहीं है।”

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था, ‘अगर यह मान भी लिया जाए कि पर्दा इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा है तब भी आर्टिकल 25 ही साफ कर देता है कि ये अधिकार पब्लिक ऑर्डर, नैतिकता या पब्लिक हेल्थ के अधीन है। इसके अलावा संविधान के भाग-3 के दूसरे प्रावधान भी हैं…हमें यह कहने में तनिक भी संकोच नहीं है कि चुनाव आयोग का निर्देश (वोटर आईडी पर अनिवार्य तस्वीर) अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं करता है।’

फातिमा तस्नीम बनाम केरल राज्य : हिजाब पहन स्कूल जाने की इजाजत नहीं-

केरल हाई कोर्ट में 2018 में भी हिजाब का मामला उठा। दरअसल, केरल के एक क्रिश्चियन स्कूल में पढ़ने वाली दो लड़कियों ने स्कूल के ड्रेस कोड को चुनौती देते हुए कहा था कि उन्हें हेड स्काफ के साथ-साथ पूरी बांह की टी-शर्ट पहनकर क्लास अटेंड करने दिया जाए। फातिमा तस्नीम बनाम केरल राज्य के मामले में हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अगर दो अधिकारों में टकराव हो तो किसी व्यक्ति विशेष के हित के ऊपर व्यापक हितों को तरजीह दी जानी चाहिए। हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में व्यापक हित संस्थान के मैनेजमेंट का जुड़ा है। अगर मैनेजमेंट को अपनी संस्था को चलाने के लिए पूरी छूट नहीं दी गई तो ये उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। दरअसल, इस मामले में क्रिश्चियन स्कूल को भी आर्टिकल 30 के तहत अल्पसंख्यकों को मिले शिक्षा संस्थाओं को चलाने का अधिकार था। लिहाजा मामला अधिकारों के टकराव का था। एक तरफ याचिकाकर्ता छात्राओं का अधिकार तो दूसरी तरफ स्कूल प्रशासन का अधिकार। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर अधिकारों में प्राथमिकता तय करने की बात होगी तो किसी व्यक्ति के हितों के ऊपर व्यापक हितों को तरजीह मिलनी चाहिए।

फातिमा हुसैन बनाम भारत एजुकेशन सोसाइटी केस, हिजाब को इजाजत नहीं –

बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी फातिमा हुसैन सैयद बनाम भारत एजुकेशन सोसाइटी (2002) के मामले में एक छात्रा को सिर पर स्कार्फ बांधकर स्कूल में जाने की इजाजत नहीं दी। सिर पर स्कार्फ बांधना उस निजी स्कूल के ड्रेस कोड का उल्लंघन था।

कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला द्वारा गांव  जासपुर मे  किसान प्रशिक्षण का किया गया आयोजन

पंचकूला फ़रवरी 18:

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला ने केन्द्र की प्रभारी डॉ श्रीदेवी तलाप्रागडा के दिशा-निर्देश पर आज गांव  जासपुर मे  किसान प्रशिक्षण का आयोजन किया |कार्यक्रम में गांव के लगभग 25 किसानों ने भाग लिया ।

कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए पौध रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रविंद्र चौहान ने किसानों को गेहूं की पैदावार बढाने के उपाय सुझाए l पिछले दिनों बरसात के कारण  गेहूँ में पीलापन आ गया है जिसके लिए किसान यूरिया 2.5 प्रतिशत व जिंक सल्फेट 0.5 प्रतिशत के घोल का छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि गेहूं मे पीला रतुआ बीमारी की रोकथाम के लिए टिल्ट नामक दवा की 200 मि ली मात्रा को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिङकाव करें। साथ ही गेहूँ की अच्छी पैदावार लेने के लिए अल व तेला नामक कीट की रोकथाम भी जरूरी है  l

उन्होंने सूरजमुखी की बिजाई करते समय खादो का समुचित प्रयोग करने की सलाह दी ताकि फसल की लागत को कम किया जा सके। फसलों में  रसायनों का प्रयोग कृषि विशेषज्ञों की राय लेकर ही करें  और पर्यावरण व भूमि को प्रदुषित होने से बचाया जा सके। इस अवसर पर कृषि विज्ञान  केंद्र के मत्स्य वैज्ञानिक डॉक्टर  गजेंद्र सिंह ने कृषि विविधीकरण के तहत मछली पालन अपनाने पर बल दिया l

इस अवसर पर प्रगतिशील किसान प्रदीप  शर्मा ने वैज्ञानिकों का कृषि समबन्धित जानकारी देने  के लिए धन्यवाद किया ।

 National Janshakti Party extended unconditional support to BJP in the presence of Union Minister Piyush Goyal

Chandigarh 18 Feb :

National General Secretary of National Janshakti Party and Punjab in-charge Raja Surinder Singh supported the BJP uncondiotionally and formed an alliance with the BJP . On this occasion, he said that if people of Punjab  want the development of Punjab, then change has to be brought in Punjab. The Central and State Governments together can take forward the development of Punjab. So for the success of Punjab you have to vote for BJP 

It is worth mentioning that Rashtriya Janshakti Party has been fully expanding the base of the people in Punjab since last 4 years and dreams of seeing Punjab prosperous and developed.

 In Chandigarh Press Club on Friday, Punjab in-charge Raja Surinder Singh along with senior party functionaries said that he has promised to support BJP only after understanding BJP’s ideology of development. Raja Singh said that Akali Dal made the state indebted instead of development and Congress increased the debt, both of them do not have any development model and in the same way, Aam Aadmi Party is a novice party and has no experience, so he has joined hands with the Bharatiya Janata Party looking for a new prosperous, developed Punjab .

Panchkula Police

Police Files, Pachakula – 18 February

नशाखोरो पर लगाम लगाती पंचकूला पुलिस :- एसीपी पचंकूला

  • नशा रोकनें में सहयोग करें आम जनता :- एसीपी पचंकूला
  • पुलिस नें अलग-2 जगहों पर छापामारी करके 24 लोगो को किया गिरफ्तार ।

             पचंकूला 18 फरवरी :- 

एंटी नारकोटिक्स नोडल अधिकारी राजकुमार ह.पु.से.

पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस उपायुक्त पचंकूला मोहित हांडा भा.पु.से. के निर्देशानुसार जिला पचंकूला में नशे की रोकथाम हेतु शख्त कार्यवाही करते हुए क्राईम ब्रांच की अलग-2, टीम द्वारा नशीले पदार्थो का सेवन व सप्लाई करनें वालों पर शिंकजा कसनें हेतु अभियान चलाया हुआ है जिस अभियान के तहत माह जनवरी में अफीम, गान्जा, हिरोईन,तथा चरस जैसें नशीले पदार्थो के व्यापार में लिप्त 24 आरोपियो को गिरफ्तार किया गया है । गिरफ्तार किये गयें आरोपियो के खिलाफ नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 के तहत मामलें दर्ज करके आरोपियों के पास से अलग अलग मात्रा में नशीले पदार्थो को कब्जे मे लिया ।

इस सम्बन्ध में पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस नें नशीले पदार्थो की सप्लाई करनें वालों पर कडी निगरानी हेतु सगठिंत टीम द्वारा निगरानी की जा रही है और एन.डी.पी.एस मामलों में पकडनें जानें वालें आरोपियो से पुछताछ करके उनके अड्डो का पता लगाकर छापामारी करकें पुर्ण तरीके सें नशे प्रतिबंध लगाया जायेगा । इसके अलावा पुलिस उपायुक्त के निर्देशानुसार नियुक्त एंटी नारकोटिक्स नोडल अधिकारी राजकुमार ह.पु.से. नें कहा कि नशे नें लाखो युवाओं व परिवारो को तबाह कर दिया है और नशे की लत नें नौजवान युवकों को अपराध करनें पर भी मजबूर कर दिया है ।

एंटी नारकोटिक्स नोडल अधिकारी नें आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे नशीले पदार्थो बेचने वालों का सामाजिक बहिष्कार करे और उनके बारें पुलिस को गुप्त सूचना दें । ताकि समाज को नशा मुक्त बनाया जा सके और नशें में लिप्त व्यक्तियो का इलाज करवाकर नशा छुडाया जा सके औऱ नशे को जड से खत्म किया जा सके क्योकि नशा समाज की जड़ को खोखला कर रहा है ।

ई-रिक्शा चोरी करनें के मामलें में आरोपी को किया गिरफ्तार

  पचंकूला 18 फरवरी :- 

पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि प्रबंधक थाना सैक्टर 07 पचंकूला महावीर सिह के नेतृत्व में पुलिस की टीम द्वारा ई-रिक्शा चोरी करनें के मामलें में आरोपी को गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान दीप सिंह उर्फ दीपा पुत्र विनोद कुमार वासी गाँव खानपुर झाँबाद बिहार के रुप हुई ।

जानकारी के मुताबिक पुरण पुत्र राम अवतार वासी इन्द्रिरा कालौनी मनीमाजरा चण्डीगढ नें थाना सैक्टर 07 पचंकूला में शिकायत दर्ज करवाई कि दिनांक 07 जून 2021 को जब वह अपनी रिक्शा में काम करनें के लिए सैक्टर 06 पचंकूला में आया जब वह काम से वापिस आया तो वहा पर उसकी रिक्शा नही मिली जिस बारें थाना में प्राप्त शिकायत पर थाना सैक्टर 07 पचंकूला में धारा 379 भा.द.स.के तहत मामला दर्ज किया गया जिस मामलें में आगामी तफतीश कार्यवाही करते हुए चोरी की इस वारदात को अन्जाम देनें वालें आरोपी को गिरफ्तार किया गया और आरोपी को पेश अदालत न्यायिक हिरासत भेजा गया ।

पुलिस नें वर्ष 2017 चोरी के मामलें में फरार बेल जम्पर को काबू करकें भेजा जेल

 पचंकूला 18 फरवरी :- 

पुलिस प्रवक्ता जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 04 सितम्बर 2017 की रात को नौ अलग अलग जगहों से चोरी होने पर धारा 457/380 भा.द.स. के तहत थाना कालका में मामला दर्ज किया गया जो मामलें में आगामी अनुसंधान कार्यवाही करते हुए चोरी की वारदातों को अन्जाम देनें वालें आरोपी जसविन्द्र सिंह पुत्र नर सिंह वासी गाँव हगौली रायपुररानी पचंकूला को वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया गया था । जो आरोपी को पेश अदालत न्यायिक हिरासत भेजा गया था उसके उपरान्त आरोपी बेल पर भेजनें उपरान्त बेल जम्प कर दी और अदालत के आदेशानुसार आरोपी गिरफ्तारी वारण्ट जारी किया गया जिस वारण्ट के तहत थाना रायपुररानी की टीम नें आरोप को कल दिनांक 17 फरवरी को गिरफ्तार किया गया और आरोपी को पेश अदालत न्यायिक हिरासत भेजा गया ।

एसआईटी नें पुलिस भर्ती फर्जीवाडा में धोखाधडी के दो मामलों में 3 असल उम्मीदवारो को किया काबू

पचंकूला 18 फरवरी :-  

ACP Sh. Vijay Kumar Nehra HPS

पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस उपायुक्त पंचकूला मोहित हांडा के नेतृत्व में पुलिस व अन्य विभागों में भर्ती हेतु धोखाधडी करके असली उम्मीदवारो की जगह पर दुसरें व्यक्तियों को परिक्षा व फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट करके धोखाधडी के मामलें में एसआईटी गठित की गई है जिस एसआईटी का नेतृत्व एसीपी पंचकूला विजय कुमार द्वारा अमल में लाया जा रहा है जो दौराने जांच एसआईटी नें 17 फरवरी 2022 को पुलिस भर्ती फर्जीवाडा में फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट व लिखित परिक्षा फर्जी उम्मदवारो से करवानें पर धोखाधडी के दो मामलों में 3 आरोपियो को गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार किये गये आरोपियो की पहचान आरोपी-1, सुनील कुमार पुत्र ईश्वर वासी गाँव कलौंद जीन्द को अभियोग सख्या 31 दिनांक 18.01.2022 धारा 419,420,467,468,471,120-B भा.द.स. वा धारा 3 हरियाणा पब्लिक एक्जामिनेशन एक्ट 2021 में तथा आरोपी -2, मन्दीप पुत्र रामफल वासी गाँव डाड जिला हिसार बरवाला आरोपी-3 रविन्द्र धुआ पुत्र ओम प्रकाश वासी गाँव चैनत हाँसी हिसार को अभियोग सख्या 60 दिनांक 03.02.2022 धारा 419,420,467,468,471,120-B IPC वा 3 हरियाणा पब्लिक एक्जामिनेशन एक्ट 2021 के मामलें में गिरफ्तार किया गया ।

जानकारी के मुताबिक हरियाणा स्टाफ सैलेक्शन कमीशन पचंकूला ने पुलिस को सूचना दी गई कि हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर पुरुष व महिला सिपाही के पद पर दुर्गा शक्ति की भर्ती प्रक्रिया चल रही है जो लिखित परिक्षा होनें के बाद कुछ उम्मीदवारो को फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए प्रक्रिया चल रही है जो इस दौरान कुछ उम्मीदवारो नें धोखाधडी करके अपनी जगह दुसरे उम्मीदवारो से परिक्षा दिलवाई है जिस बारें थाना सैक्टर 05 में प्राप्त सूचना पर धारा 419,420,467,468,471,120-B IPC वा 3 हरियाणा पब्लिक एक्जामिनेशन एक्ट 2021 के तहत मामले दर्ज किया गया औऱ इन मामलों में गहनता से छानबीन हेतु एसआईटी गठित की एसआईटी इन्चार्ज एसीपी पचंकूला श्री विजय कुमार नें बताया कि पुलिस भर्ती व अन्य विभागो में भर्ती फर्जीवाडा में ततपर्ता से गहनता से जांच की जा रही है जो इस फर्जीवाडा में अब 8 मामलें दर्ज व 47 आऱोपियो को गिरफ्तार किया जा चुका है ।

एसआईटी नें पुलिस भर्ती फर्जीवाडा में दो आरोपियो को किया काबू

                  पचंकूला 18 फरवरी :-  

ACP Sh. Vijay Kumar Nehra HPS

पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस उपायुक्त पंचकूला मोहित हांडा के नेतृत्व में पुलिस व विभागों में भर्ती हेतु धोखाधडी करके असली उम्मीदवारो की जगह पर दुसरें व्यक्तियों को परिक्षा देकर धोखाधडी के मामलें में एसआईटी गठित की गई है जिस एसआईटी का नेतृत्व एसीपी पंचकूला श्री विजय कुमार द्वारा अमल में लाया जा रहा है जो दौराने जाच दिनांक 17 फरवरी 2022 को पुलिस भर्ती फर्जीवाडा में दो  आरोपियो को गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार कियें गये आरोपियो की पहचान मन्दीप पुत्र रामफल वासी गाँव डाड जिला हिसार बरवाला तथा रविन्द्र धुआ पुत्र ओम प्रकाश वासी गाँव चैनत हाँसी हिसार  के रुप में हुई ।

जानकारी के मुताबिक हरियाणा स्टाफ सैलेक्शन कमीशन पचंकूला ने पुलिस को सूचना दी गई कि हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर पुरुष व महिला सिपाही के पद पर दुर्गा शक्ति की भर्ती प्रक्रिया चल रही है जो लिखित परिक्षा होनें के बाद कुछ उम्मीदवारो को फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए प्रक्रिया चल रही है जो इस दौरान कुछ उम्मीदवारो नें धोखाधडी करके अपनी जगह दुसरे उम्मीदवारो से परिक्षा दिलवाई है जिस बारें थाना सैक्टर 05 में प्राप्त सूचना पर अभियोग सख्या 60 दिनांक 03.02.2022 धारा 419,420,467,468,471,120-B IPC वा 3 हरियाणा पब्लिक एक्जामिनेशन एक्ट 2021 के तहत मामला दर्ज किया गया । जो मामले का आगामी अनुसंधान एसआईटी के द्वारा अमल में लाया गया जो दौरान जांच उपरोक्त मामलें में पुलिस भर्ती फर्जीवाडा में दो असली उम्मीदवारो को गिरफ्तार किया गया । जिनमें से एक उम्मीदवार नें अपनी लिखित परिक्षा फर्जी उम्मीदवार से औऱ एक नें फिजिकल टेस्ट फर्जी उम्मीदवार से करवाया था जिस मामलें में दो उपरोक्त असल उम्मीदवार को कल दिनांक 17 फरवरी को गिरफ्तार करकें पेश अदालत न्यायिक हिरासत भेजा गया

एसआईटी इन्चार्ज एसीपी पचंकूला विजय कुमार नें बताया कि पुलिस भर्ती व अन्य विभागो में भर्ती फर्जीवाडा में ततपर्ता से गहनता से जांच की जा रही है जो इस फर्जीवाडा में अब 8 मामलें दर्ज व 47 आऱोपियो को गिरफ्तार किया जा चुका है ।

सर्वोच्च न्यायालय का UP सरकार को आदेश, वापस करें रिकवरी के तहत वसूला गया पैसा

सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी प्रशासन को सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए वसूली नोटिस के माध्यम से की गई सभी वसूली को वापस करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा- जब नोटिस वापस ले लिए गए हैं तो तय प्रक्रिया का पालन करना होगा।

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट:

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से 2019 में शुरू की गई कार्यवाही के मद्देनजर नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रदर्शनकारियों से बरामद करोड़ों रुपये वापस करने को कहा है। शीर्ष अदालत का आदेश,  योगी आदित्यनाथ सरकार की दलील के जवाब में आया कि उसने 2019 में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान के लिए शुरू की गई 274 वसूली नोटिस और कार्यवाही वापस ले ली है। इसके जवाब में जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकान्त की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार करोड़ों रुपये की पूरी राशि वापस करेगी, जो इस कार्रवाई के तहत कथित प्रदर्शनकारियों से वसूली गई थी।

बहरहाल, कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नए कानून के तहत कथित सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की स्वतंत्रता दी है। मालूम हो कि सार्वजनिक और निजी संपत्ति नष्ट करने के लिए यूपी सरकार भरपाई कानून को 31 अगस्त 2020 को अधिसूचित किया गया था। पीठ ने अतिरिक्त एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार को निधि निर्देशित करने की बजाय दावा अधिकरण का रुख करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2019 में कथित CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों को जारी भरपाई नोटिस पर कार्रवाई की थी, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने 11 फरवरी को सरकार को फटकार लगाई थी। इसके साथ ही न्यायालय ने सरकार को अंतिम अवसर दिया था कि वह कार्रवाई वापस ले हुए चेतावनी दी थी कि उसकी यह कार्रवाई कानून के खिलाफ है इसलिए अदालत इसे निरस्त कर देगी।

न्यायालय ने कहा था कि दिसंबर 2019 में शुरू की गई कार्रवाई उस कानून के विरुद्ध है, जिसकी व्याख्या सुप्रीम कोर्ट ने की है। न्यायालय परवेज आरिफ टीटू की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में अनुरोध किया गया था कि कथित प्रदर्शनकारियों को भेजे गए नोटिस रद्द किए जाएं।

Rashifal

राशिफल, 18 फरवरी 2022

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा कोअपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

aries
मेष/aries

18 फरवरी 2022:   सेहत के नज़रिए से यह वक़्त थोड़ा ठीक नहीं है, इसलिए जो आप खाएँ उसके प्रति सावधान रहें। बोलते समय और वित्तीय लेन-देन करते समय सावधानी बरतने की ज़रूरत है। पारिवारिक तनावों को अपना ध्यान भंग न करने दें। ख़राब दौर हमें बहुत-कुछ देता है। अपने प्रिय की ईमानदारी पर शक न करें। पैसे बनाने के उन नए विचारों का उपयोग करें, जो आज आपके ज़ेहन में आएँ। आज आप अपने जीवनसाथी के साथ आज समय गुजारेंगे लेकिन किसी पुरानी बात के फिर से सामने आने की वजह से आप दोनों के बीच कहासुनी होने की आशंका है। क्या आपको पता है कि आपका जीवनसाथी वाक़ई आपके लिए फ़रिश्ता है। उनपर ग़ौर करें, यह बात आपको ख़ुद-ब-ख़ुद दिख जाएगी।   अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

वृष/Taurus

18 फरवरी 2022:   ख़ुश हो जाएँ क्योंकि अच्छा समय आने वाला है और आप स्वयं में अतिरिक्त ऊर्जा का अनुभव करेंगे। आप ख़ुद को नए रोमांचक हालात में पाएंगे- जो आपको आर्थिक फ़ायदा पहुँचाएंगे। अपने सामाजिक जीवन को दरकिनार न करें। अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा-सा समय निकालकर अपने परिवार के साथ किसी आयोजन में शिरकत करें। यह न सिर्फ़ आपका दबाव कम करेगा, बल्कि आपकी झिझक भी मिटा देगा। रोमांस को झटका लगेगा और आपके क़ीमती तोहफ़े भी आज जादू चलाने में विफल रहेंगे। खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए अच्छा दिन है। जो लोग घर सेे बाहर रहते हैं आज वो अपने सारे काम पूरे करके शाम के समय किसी पार्क या एकांत जगह पर समय बिताना पसंद करेंगे। किसी पड़ोसी, दोस्त या रिश्तेदार की वजह से वैवाहिक जीवन में अनबन मुमकिन है। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

मिथुन/Gemini

18 फरवरी 2022 :   अगर मुमकिन हो तो लम्बे सफ़र पर जाने से बचें, क्योंकि लम्बी यात्राओं के लिए अभी आप कमज़ोर हैं और उनसे आपकी कमज़ोरी और बढ़ेगी। आपको कमीशन, लाभांश या रोयल्टी के ज़रिए फ़ायदा होगा। आपका जीवनसाथी आपकी सहायता करेगा और मददगार साबित होगा। आज आपके और आपके प्यार के बीच कोई आ सकता है। किसी नयी परियोजना पर काम करने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार लें। जो लोग अब तक किसी काम में व्यस्त थे आज उन्हें अपने लिए समय मिल सकता है लेकिन घर में किसी काम के आ जाने से आप फिर से व्यस्त हो सकते हैं। आपको या आपके जीवनसाथी को बिस्तर में चोट लग सकती है। इसलिए एक-दूसरे का ख़याल रखें।   अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

कर्क/Cancer

18 फरवरी 2022:   मुस्कुराएँ, क्योंकि यह सभी समस्याओं का सबसे उम्दा इलाज है। आप ऐसे स्रोत से धन अर्जित कर सकते हैं, जिसके बारे में आपने पहले सोचा तक न हो। किसी दूर के रिश्तेदार के यहाँ से मिली आकस्मिक अच्छी ख़बर आपके पूरे परिवार के लिए ख़ुशी के लम्हे लाएगी। आपके लिए अपने प्रिय से दूर रहना बहुत मुश्किल होगा। काम पर लोगों के साथ मेलजोल में समझ और धैर्य से सावधानी बरतें। अगर आप लंबे समय से अपने जीवन में किसी रोचक चीज़ के होने का इंतज़ार कर रहे हैं, तो निश्चय ही आपको उसके संकेत दिखाई देने लगेंगे। ग़लतफ़हमी के लम्बे दौर के बाद इस शाम आपको जीवनसाथी के प्यार का तोहफ़ा नसीब होगा।      अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

Leo
सिंह/Leo

18 फरवरी 2022 : मनोवैज्ञानिक डर आपको बेचैन कर सकता है। सकारात्मक सोच और हालात के उजले पहलू को देखना आपको इससे बचा सकता है। पैसे कमाने के नए मौक़े मुनाफ़ा देंगे। मुमकिन है कि आप अपने घर में या उसके आस-पास आज कुछ बड़े बदलाव करें। रोमांस का मौसम है। लेकिन अपने जज़्बात क़ाबू में रखें, नहीं तो रिश्ते में खटास पैदा हो सकती है। अगर आप अपने लक्ष्यों को पाने के लिए एकाग्रता सए ध्यान केंद्रित करेंगे तो आपकी उपलब्धियाँ आपकी उम्मीदों से ज़्यादा होंगी। इस राशि के छात्र आज मोबाइल पर सारा दिन बर्बाद कर सकते हैं। आज आपका जीवनसाथी आपकी सेहत के प्रति असंवेदनशील हो सकता है।    अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

कन्या/Virgo

18 फरवरी 2022 :    दूसरों की आलोचना में समय ख़राब न करें, क्योंकि इसका बुरा असर आपके स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। आज आपके माता-पिता में से कोई आपको धन की बचत करने को लेकर लेक्चर दे सकता है, आपको उनकी बातोें को बहुत गौर से सुनने की जरुरत है नहीं तो आने वाले समय में परेशानी आपको ही उठानी पड़ेगी। अपने जीवन-साथी के साथ बेहतर समझ ज़िन्दगी में ख़ुशी, सुकून और समृद्धि लाएगी। आप और आपका महबूब आज प्यार के समुन्दर में गोते लगाएंगे और प्यार की मदहोशी को महसूस करेंगे। नौकरी में बदलाव मानसिक संतोष देगा। यात्रा आपके लिए आनन्ददायक और बहुत फ़ायदेमंद होगी। सुबह जीवनसाथी से आपको कुछ ऐसा मिल सकता है, जिससे आपका सारा दिन ख़ुशगवार गुज़रेगा।    अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

Libra
तुला/Libra

18 फरवरी 2022 :    सेहत से जुड़ी समस्याएँ आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती हैं। पुराने निवेशों के चलते आय में बढ़ोत्तरी नज़र आ रही है। बच्चे उम्मीदों पर खरे न उतरकर आपको निराश कर सकते हैं। सपनों को साकार करने के लिए उन्हें प्रोत्साहन देने की ज़रूरत है। आज प्यार के नज़रिए से दिन काफ़ी विवादास्पद रहेगा। किसी लघु या मध्यावधि पाठ्यक्रम में दाखिला लेकर अपनी तकनीकी क्षमताओं में निखार लाएँ। ऐसे लोगों से जुड़ने से बचें जो आपकी प्रतिष्ठा को आघात पहुँचा सकते हैं। आपके जीवनसाथी की मांगें तनाव का कारण बन सकती हैं।      अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

वृश्चिक/Scorpio

18 फरवरी 2022 :  मौज-मस्ती और मनपसंद काम करने का दिन है। आर्थिक तौर पर सुधार के चलते आप आसानी से काफ़ी वक़्त से लंबित बिल और उधार चुका सकेंगे। आपकी ज्ञान की प्यास आपको नए दोस्त बनाने में मददगार साबित होगी। अपने प्रिय से कुछ भी तल्ख़ कहने से बचें- नहीं तो बाद में आपको पछताना पड़ सकता है। काम और घर पर दबाव आपको थोड़ा ग़ुस्सैल बना सकता है। आज का दिन फ़ायदेमंद साबित होगा, क्योंकि ऐसा लगता है कि चीज़ें आपके पक्ष में जाएंगी और आप हर काम में अव्वल रहेंगे। वैवाहिक जीवन में चीज़ें हाथ से निकलती हुई मालूम होंगी। अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

धनु/Sagittarius

18 फरवरी 2022 :   तली-भुनी चीज़ों से दूर रहें और नियमित व्यायाम करते रहें। अपनेे लिए पैसा बचाने का आपका ख्याल आज पूरा हो सकता है। आज आप उचित बचत कर पाने में सक्षम होंगे। किसी दूर के रिश्तेदार के यहाँ से अचानक आया कोई संदेश पूरे परिवार के लिए रोमांचक रहेगा। अगर आपको लगता है कि आपका लवमेट आपकी बातों को समझ नहीं पाता तो आज उनके साथ वक्त बिताएं और अपनी बातों को स्पष्टता के साथ उनके सामने रखें। नौकरों और सहकर्मियों से परेशानी होने की संभावना को ख़ारिज नहीं किया जा सकता है। आप चाहें तो परेशानियों को मुस्कुराकर दरकिनार कर सकते हैं या उनमें फँसकर परेशान हो सकते हैं। चुनाव आपको करना है। रोज़मर्रा की शादीशुदा ज़िन्दगी में आज का दिन लज़ीज़ मिठाई जैसा है।   अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

1मकर/Capricorn

18 फरवरी 2022 :  क्षणिक ग़ुस्सा विवाद और दुर्भावना की वजह बन सकता है। अगर आपका धन से जुड़ा कोई मामला कोर्ट-कचहरी में अटका था तो आज उसमें आपको विजय मिल सकती है और आपको धन लाभ हो सकता है। बच्चे खेल-कूद और दूसरी बाहरी गतिविधियों पर ज़्यादा वक़्त ख़र्च करेंगे। आज आप हर तरफ़ प्यार-ही-प्यार फैलाएंगे। भागीदार आपकी योजनाओं और व्यावसायिक ख़यालों के प्रति उत्साही होंगे। लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं आज आपको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बल्कि आज आप खाली समय में किसी से मिलना जुलना भी पसंद नहीं करेंगे और एकांत में आनंदित रहेंगे। थोड़ी-सी कोशिश करें तो यह दिन आपके वैवाहिक जीवन के सबसे विशेष दिनों में से एक हो सकता है।    अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

कुम्भ/Aquarius

18 फरवरी 2022 :  आज के मनोरंजन में बाहर की गतिविधियों और खेल-कूद को शामिल किया जाना चाहिए। ऐसा लगता है आप जानते हैं कि लोग आपसे क्या चाहते हैं- लेकिन आज अपने ख़र्चों को बहुत ज़्यादा बढ़ाने से बचें। आज आपमें धैर्य की कमी रहेगी। इसलिए संयम बरतें, क्योंकि आपकी तल्ख़ी आस-पास के लोगों को दुःखी कर सकती है। सच्चे और पवित्र प्रेम का अनुभव करें। किसी नयी परियोजना पर काम करने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार लें। अगर आप अपनी चीज़ों का ध्यान नहीं रखेंगे, तो उनके खोने या चोरी होने की संभावना है। जीवनसाथी के साथ आज की शाम वाक़ई कुछ ख़ास होने वाली है।    अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

मीन/Pisces

18 फरवरी 2022 :  चोट से बचने के लिए सावधानी से बैठें। साथ ही सही तरीक़े से कमर सीधी करके बैठना न केवल व्यक्तित्वमें सुधार लाता है, बल्कि सेहत और आत्म-विश्वास के स्तर को भी ऊपर ले जाता है। आप जीवन में पैसे की अहमियत को नहीं समझते लेकिन आज आपको पैसे की अहमियत समझ में आ सकती है क्योंकि आज आपको पैसे की बहुत आवश्यकता होगी लेकिन आपके पास पर्याप्त धन नहीं होगा। अपने जीवन-साथी के साथ बेहतर समझ ज़िन्दगी में ख़ुशी, सुकून और समृद्धि लाएगी। आज आपके और आपके प्यार के बीच कोई आ सकता है। बड़े व्यापारिक लेन-देन करते वक़्त अपनी भावनाओं पर क़ाबू रखें। आज जितना हो सके लोगों से दूर रहें। लोगों को वक्त देने से बेहतर है अपने आपको वक्त दें। अगर आप अपने जीवनसाथी की छोटी-छोटी बातों को नज़रअन्दाज़ करेंगे, तो उन्हें बुरा लग सकता है।      अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 819495932

panchang

पंचांग 18 फरवरी 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः फाल्गुऩ, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः द्वितीया रात्रि 10.30 तक है, 

वारः शुक्रवार।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पूर्वाफाल्गुनी सांय  04.42 तक है, 

योगः सुकृत सांय काल 06.30 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः कुम्भ  चंद्र राशिः सिंह, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.01,  सूर्यास्तः 06.09 बजे।