मुख्यमंत्री हरियाणा प्रदेश की गरिमा और डेमोग्राफी को तबाह होने से बचायेँ : चंद्रमोहन

पंचकूला 25 फरवरी :

 हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने  मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपील की है कि हरियाणा प्रदेश की गरिमा और डेमोग्राफी को तबाह होने से बचाने के लिए डोमिसाइल सर्टिफिकेट की समय सीमा 15 वर्ष से कम करके 5 वर्ष करने के निर्णय को वापस लिया जाए ताकि हरियाणा के भविष्य को बचाया जा सके।
              चन्द्र मोहन ने कहा कि  अनावश्यक रूप से दूसरे दरवाजे से हरियाणा में रोजगार देने का  यह फैसला उन युवाओं के हितों पर कुठाराघात है जो वर्षों से बेरोजगारी का दंश झेल रहे है और  रोजगार की उम्मीद में किसी प्रकार से अपने आप को झूठा दिलासा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले से उनके हितों पर जो तुषारापात होगा उसकी सहज ही परिकल्पना नहीं की जा सकती है।

              उन्होंने कहा कि इस फैसले का युवाओं पर विपरित असर पड़ेगा और डोमिसाइल की समय सीमा घटाने से झूठे सर्टिफिकेट बनवाने वालों की बाढ़ सी आ जायेगी और दिल्ली दरबार के इशारे पर काम करने वाले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के शासनकाल में बेरोजगारी इससे भी भयावह रूप धारण ‌कर लेगी। पहले ही हरियाणा प्रदेश ने बेरोजगारी के मामले में देश में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले से बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं के लिए जीवन की राह और दुष्कर हो जायेगी।

         चन्द्र मोहन ने कहा कि प्रदेश के स्थायी निवासियों के साथ डमोसाइल के नाम पर  खिलवाड़  करना किसी भी परिस्थिति में सहन नहीं किया जायेगा। इसके दुष्परिणाम प्रदेश के लोगों को भोगने पर विवश होना पड़ेगा और प्रदेश में लागू की जा रही योजनाओं का विकेंद्रीकरण होने से वास्तविक लोग इनके लाभ से वंचित रह जायेंगे।‌उन्होने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि क्या वह प्रदेश की जनता को यह बताने का कष्ट करेंगे कि यह जनभावनाओं के विरुद्ध फैसला किस की सलाह पर किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर इस जनविरोधी फैसले को वापस लिया जायेगा।