Pakistan में IMF Loan पर फूटा गुस्सा, ‘परमाणु-संपन्न मुल्क पाकिस्तान, जो दशकों से दुनिया के सामने भीख मांग रहा है’
आईएमएफ ने जुलाई-2019 में 6 अरब डॉलर (लगभग 1,056 अरब पाकिस्तानी रुपये) का कर्ज-कार्यक्रम मंजूर किया था, ताकि पाकिस्तान अपनी रोजमर्रा की वित्तीय जरूरतें पूरी कर सके। यह पैसा किश्तों में मिल रहा है। इसके साथ कुछ सख्त शर्तें भी हैं, जो पाकिस्तान को पूरी करनी होती हैं।
जब 1998 में भारत ने खुद को एक पूर्ण परमाणु राष्ट्र घोषित किया था तो पाकिस्तान में हाहाकार मच गया था। भारत की बराबरी करने के लिए पाकिस्तान ने भी कुछ ही सप्ताह बाद खुद को परमाणु राष्ट्र घोषित कर दिया। लेकिन इससे उसकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई।
पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने कभी कहा था कि चाहे उनके लोगों को हजार वर्षों तक घास खानी पड़े, पाकिस्तान परमाणु शक्ति बनकर रहेगा। भुट्टो की ये बात फिलहाल सही साबित होती दिख रही है। पाकिस्तान इस समय अथाह विदेशी कर्ज में डूब चुका है।
गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान के लिए ऋण की एक नई किश्त जारी की है। लेकिन इस बार पाकिस्तानी सरकार को अपने नागरिकों से गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।
‘इस्लाम खबर’ ने दावा किया कि वित्तीय कुप्रबंधन और देश को चलाने के लिए विदेशी पैसों पर अधिक निर्भरता के कारण सरकार में जनता का विश्वास नए निचले स्तर पर है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तारिन द्वारा आईएमएफ ऋणों की छठी किश्त को मंजूरी देने की घोषणा के एक ट्वीट के बाद लोगों ने गुस्से में प्रतिक्रियाएं दी हैं।
तारिन ने ट्वीट किया, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आईएमएफ बोर्ड ने पाकिस्तान के लिए उनके कार्यक्रम की छठी किश्त को मंजूरी दे दी है।”
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह आश्चर्यजनक ही नहीं बल्कि खेदजनक भी है कि वित्त मंत्री ने देश को गुलाम बनाकर आईएमएफ से नई किस्त मिलने पर खुशी जाहिर की है।” पाकिस्तान में एक मीडिया संपादकीय लेख में कहा गया कि पाकिस्तान “शायद एकमात्र परमाणु देश है जिसे अपने हर दिन के खर्च के लिए लोन की आवश्यकता होती है, हर दिन सहायता के लिए भीख माँगता है और यह दशकों से जारी है।”
पाकिस्तानी लोगों में सरकार के प्रति ये गुस्सा ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान को आईएमएफ द्वारा 1 बिलियन अमरीकी डालर की लोन राशि जारी की गई है। इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान में ईंधन की कीमतें और बिजली की दरें ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं।
ताजा फंड 6 बिलियन अमरीकी डालर के बेलआउट पैकेज की एक किस्त का हिस्सा है। IMF के कार्यकारी बोर्ड ने 3 जुलाई, 2019 को पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी थी।