राजनीति में भाई-बहन नहीं मुद्दों की लड़ाई होती है : अनुप्रिया पटेल
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि चुनाव में कोई भी कहीं से लड़ सकता है लेकिन मेरा अपनी बड़ी बहन से सवाल है कि अगर पिता के प्रति प्रतिबद्धता थी तो फिर अपने चुनाव चिह्न से चुनाव क्यों नहीं लड़ा ? समाजवादी पार्टी के चिह्न पर क्यों चुनाव लड़ रही हैं। यहां पर बात पिता के सिद्धांत और विचारधारा की है। मेरी यात्रा 12 सालों की है और हमने कभी भी उनके सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता आज तक कभी भी किसी दूसरी पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव नहीं लड़े हैं तो फिर उनकी बेटी कैसे साइकिल के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ सकती है।
अपना दल एस की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने एक बार फिर अपनी मां को लेकर अपनी मंशा साफ कर दी है। उन्होंने कहा कि मां के खिलाफ मेरी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि अनुप्रिया आज जहां भी हैं वह अपनी माता-पिता की बदौलत हैं। उन्होंने कहा कि पल्लवी मेरी बड़ी बहन है। एनडीए गठबंधन के खिलाफ पल्लवी खड़ी हैं। मैं उनके खिलाफ चुनाव लड़ रही हूं। उन्होंने पल्लवी को लेकर कहा कि उन्होंने पिता के सिद्धांतों की ऐसी की तैसी कर दी।
सोमवार दोपहर करीब तीन बजे सिराथू के मुकीमपुर गुलामीपुर में हुई जनसभा में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि केशव जी के सामने मेरी सगी बड़ी बहन हैं। जिस अनुप्रिया ने अपनी माता कृष्णा पटेल के सामने अपनी जीती हुई सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा। उस सीट पर प्रचार करने भी नहीं जाऊंगी। मैं आज जो भी हूं अपने माता पिता की परवरिश का नतीजा है लेकिन सिराथू में मैं अपनी बड़ी बहन के खिलाफ प्रचार कर रही हूं। 13 वर्षों से लोग मेरा प्रोत्साहन कर रहे हैं, उनका भरोसा बनाए रखना है। मैं जनता के सभी सवालों का जवाब लेकर आई हूं।
उन्होंने कहा कि पिता का देहांत हुआ तो वह संकट का दौर था। उनकी जीवन यात्रा को खत्म होते हुए देखा, जनता में निराशा थी कि हमारे नेता चले गए। उस वक्त मेरे परिवार से कोई सदस्य राजनीति में सक्रिय नहीं था। चारों बहनों में से कोई राजनीतिक तौर पर सक्रिय नहीं थी। उस वक्त मैंने इस चुनौती को स्वीकार किया, पिता की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष करुंगी। आप जनता ने अनुप्रिया को एक बेटी से एक नेता बना दिया। आज यूपी यदि मेरी आवाज सुनता है तो वो आप जनता की बदौलत। आपको तय करना है कि सोनेलाल के विचारों को बढ़ाने वाली बेटी को आगे बढ़ाना है या उनके सपनों को किसी दल को बेचने वाली बेटी को चुनना है।
उन्होंने सिराथू में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के समर्थन में सभा की। इसी विधानसभा सीट से अनुप्रिया की बड़ी बहन पल्लवी पटेल सपा और अपना दल कमेरावादी गठबंधन के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। बाेलीं कि हमनें पार्टी की विचार धारा को आगे बढ़ाया है लेकिन मेरी बहन ने अपनी विचार को धारा को बेच दिया। पिछड़ों के आरक्षण को अपना दल ने उठाया है सपा ने नही उठाया है। अपना के दल इस मसले को उठाने पर केंद्र सरकार ने नीट, मेडिकल आदि में स्थान दिया है। डा.सोनेलाल पटेल ने कभी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया, न ही दूसरे के सिंबल पर चुनाव लड़े । मैंने भी पिता की विचारधारा से कोई समझौता नहीं किया। अपना दल की विचारधारा को खत्म करने के लिए सपा ने मेरी बड़ी बहन को मोहरा बना दिया और उन्हें साइकिल पर बिठा दिया ।