कॉंग्रेस पार्टी से बाहर रहकर देश के लिए बेहतर तरीके से कार्य कर सकते हैं : अश्विनी कुमार

अश्चिनी कुमार पंजाब से राज्यसभा सांसद थे। ऐसे में 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उनका इस्तीफा देना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। यह इसलिए भी चौंकाने वाला है, क्योंकि अश्चिनी कुमार सोनिया गांधी के वफादार माने जाते थे। जी-23 नेताओं के समय में भी उन्होंने सोनिया गांधी का बचाव किया था। 

कॉंग्रेस पार्टी से बाहर रहकर देश के लिए बेहतर तरीके से कार्य कर सकते हैं

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट:

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आज सुबह इस्तीफा भेजा और कहा कि वह पार्टी से बाहर रहकर देश के लिए बेहतर तरीके से कार्य कर सकते हैं। वह मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में कानून मंत्री थे।

कुमार ने पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस के साथ अपने दशकों पुराने रिश्ते को समाप्त कर दिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमार ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपा है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के बाहर राष्ट्रीय हितों की बेहतर सेवा कर सकते हैं।’

हाल के दिनों में कांग्रेस पार्टी से कई युवा नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, सुष्मिता देव, प्रियंका चतुर्वेदी और ललितेशपति त्रिपाठी सरीखे नेताओं के नाम शामिल हैं। अश्विनी कुमार के इस्तीफा से पुराने नेताओं का भी पार्टी से मोहभंग होता दिख रहा है। आपको बता दें कि जी-23 के जरिए कई नेताओं ने पहले ही बागी तेवर अपना लिए हैं।

गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइज़िन्हो फलेरियो और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने हाल ही में पार्टी से नाता तोड़ लिया था। फलेरियों ने टीएमसी का दामन थामा वहीं, अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी बनाकर भाजपा से गठबंधन किया है।

अश्विनी कुमार यूपीए सरकार में कानून और न्याय मंत्री थे। उन्हें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का बहुत करीबी माना जाता है। दोनों परिवारों के बीच कई दशकों तक घनिष्ठ संबंध रहे।

उन्होंने अतीत में सोनिया गांधी को उनके “विचारों” के लिए धन्यवाद दिया और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।