Wednesday, February 26

पंचकूला 15 फरवरी:

हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने  कहा कि जिस प्रकार  से  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में पिछले लगभग पौने 8 वर्षों में मई 2014 के बाद बैंकों  के घोटालों की परत दर परत खुलती जा रही है जिससे देश की जनता को विश्वास हो गया है कि यह सभी घोटाले सरकार की नाक के नीचे ही हो रहे हैं और केन्द्र सरकार अपने चहेतों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपेक्षा मामलों को लटकाने और उनको बचाने  में विश्वास रखती है।

     चन्द्र मोहन ने कहा कि अभी नीरव मोदी, और मेहुल चौकसी और अन्य लोगों  द्वारा किए गए बैंक घोटाले का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि देश के इतिहास में  देश की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर 22842 करोड़ रुपए का बैंकों का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। इससे मोदी सरकार की पारदर्शिता का ढकोसला देश के लोगों के सामने उजागर हो गया है । उन्होंने कहा कि एबीजी शिपयार्ड द्वारा  हिंदुस्तान के इस  सबसे बड़े बैंक घोटाले को मूर्त रूप  दिया गया है और सबसे  बड़ी विडंबना यह है कि अधिकतर घोटाले बाजो का सरकार के साथ नजदीकी संबंध रहा है और यही कारण है कि मोदी सरकार के  कार्यकाल  मई 2014  से लेकर फरवरी 2022 तक 5 लाख करोड़ से अधिक के बैंक फ्रॉड हुए हैं जिसका बोझ आम आदमी पर पड़ना निश्चित है।

उन्होंने कहा कि बैंकों के एनपीए में भी आशातीत अभिवृद्धि हुई है और अब एनपीए बढ़कर  21 लाख करोड रुपए तक पहुच गया है। उन्होंने कहा कि ऋषि अग्रवाल की कंपनी एबीजी शिपयार्ड कंपनी ने देश का सबसे बड़ा घोटाला किया और इस घोटाले में देश के प्रमुख बैंक एसबीआई सहित 28 बैंक बैंकों से लिया गया लोन भी शामिल है। इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि ऋषि अग्रवाल को 5 साल तक  खुल कर खेलने की आजादी दी गई। यह घोटाला सन् 2018