कर्नाटक में हिजाब विवाद के बीच फिर से खुले स्कूल, हाईकोर्ट में चल ही सुनवाई

1 जनवरी को, उडुपी के एक कॉलेज की 6 छात्राओं ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) द्वारा तटीय शहर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में भाग लिया था, जिसमें कॉलेज के अधिकारियों ने उन्हें हिजाब पहनकर कक्षा में प्रवेश से वंचित कर दिया था। इसके चार दिन बाद जब उन्होंने कक्षाओं में हिजाब पहनने की प्रमुख अनुमति का अनुरोध किया था, जिसकी अनुमति नहीं थी। कॉलेज के प्रिंसिपल रुद्रे गौड़ा ने कहा था कि तब तक छात्राएं हिजाब पहनकर कैंपस में आती थीं और स्कार्फ हटाकर कक्षा में प्रवेश करती थीं। रुद्रे गौड़ा ने कहा था कि संस्था में हिजाब पहनने पर कोई नियम नहीं था और चूंकि पिछले 35 वर्षों में कोई भी इसे कक्षा में नहीं पहनता था। इस मांग के साथ आए छात्राओं को बाहरी ताकतों का समर्थन प्राप्त था।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपनी प्रतिक्रिया दी है,”“अदालत जो निर्णय देगा उसे हम स्वीकार करेंगे, लेकिन तब तक पूरे राज्य में यूनिफार्म नियम लागू किया जाए।”

डेमोक्रेटिक फ्रंट बैंगलुरु(ब्यूरो) :

कर्नाटक का हिजाब विवाद ऐसा तूल पकड़ा की यह राज्य के साथ देश और राजनीति तक फैल गया। कर्नाटक के कालेजों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के बाद खूब विरोध हुआ, जिस पर अभी भी राजनीतिक बयानबाजी और विरोध प्रदर्शन जारी है। विवाद का माहौल इतना बिगड़ गया कि देश में अलग-अलग जगहों पर हिजाब मामले को लेकर गर्माहट बढ़ गई है। इन सबके बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार यानी की आज से राज्य के 10वीं तक स्कूल खोलने की घोषणा कर दी। राज्य में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच, सभी छात्र स्कूल जाते हुए नजर आए।

वहीं, कुछ जगह स्कूलों में हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के अनुसार, हिजाब वाली छात्राओं को परिसर में प्रवेश नहीं देने पर अभिभावकों को स्कूल शिक्षकों में बहस भी देखने को मिली। हालांकि, स्कूल प्रबंधन ने सभी को हिजाब उतारने के बाद ही परिसर और कक्षाओं में प्रवेश दिया

उधर, सावधानी बरतते हुए रविवार को ही उडुपी जिला प्रशासन ने सभी हाई स्कूल, और उनके आसपास के क्षेत्रों में धारा-144 (Section 144) लागू कर दी थी। यह आदेश 14 फरवरी को सुबह छह बजे से 19 फरवरी की शाम छह बजे तक प्रभावी रहेगा। सरकार और जिला प्रशासन की ओर से पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री ने राज्य में शांति व्यवस्था कायम रहने की उम्मीद जताई है। 

यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया गया है, क्योंकि राज्य में हिजाब बनाम भगवा गमछे का विवाद सियासी और धार्मिक रंग लेता जा रहा था। इससे पहले राज्य सरकार ने स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया हुआ था। घोषित छुट्टियां के पूरी होने के बाद अब सोमवार को स्कूल फिर से खुल गए हैं। 

उधर, हुबली में कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य में सोमवार से 10वीं तक के स्कूल खुलेंगे। मैंने डीसी, एसपी और स्कूल प्रशासन को शांति समिति की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, उच्च कक्षाओं और डिग्री कॉलेजों के स्कूल स्थिति की समीक्षा के बाद फिर से खोले जाएंगे। 

इससे पहले रविवार को उडुपी के डीसी एम कूर्मा राव ने जिला पुलिस अधीक्षक को सभी हाई स्कूलों के आसपास 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लगाने का आदेश दिया था। आदेश के अनुसार, स्कूल परिसर के आसपास पांच या अधिक सदस्यों के एकत्रित होने की अनुमति नहीं है। विरोध-प्रदर्शन और रैलियों सहित सभी प्रकार की सभाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं, नारे लगाने, गाने बजाने और भाषण देने पर सख्ती से रोक है।

इससे पहले राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने बताया था कि हाईस्कूल की कक्षाएं सोमवार, 14 फरवरी से शुरू कराई जाएंगी। जबकि, प्री यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेजों को वापस से खोलने पर सरकार सोमवार को फैसला कर सकती है। प्री-यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेज फिलहाल, 15 फरवरी तक बंद रहेंगे। 

हिजाब और ड्रेस कोड मामले को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई सोमवार, 14 फरवरी को होनी है। इससे पहले गुरुवार, 10 फरवरी को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर फैसला आने तक स्कूल-कॉलेजों में हिजाब समेत अन्य धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगा दी थी। साथ ही हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेज पुन: खोलने को कहा था।