PM आवास से बड़े 10 जनपथ का किराया मात्र 4610.00 लेकिन पिछले 17 महीनों से नहीं दिया
एक पुरानी RTI के मुताबिक शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने इनका आवंटन 26 जून 2013 को रद्द कर दिया था। कांग्रेस को दिल्ली में ऑफिस बिल्डिंग बनाने के लिए 2010 में जमीन दी गई थी। जमीन आवंटन के तीन साल के अंदर कांग्रेस को बिल्डिंग बनवा लेनी थी और चार बंगलों को 2013 में खाली कर देना था। कांग्रेस कमेटी ने इन बंगलों में रहने के लिए तीन साल का एक्स्ट्रा टाइम देने का निवेदन किया था।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली(ब्यूरो) :
कांग्रेस पार्टी लगभग 19 करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी है। ये कर्ज कांग्रेस को आवंटित 3 प्रॉपर्टीज के किराए का है। एक RTI में खुलासा हुआ है कि सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी ने 26 अकबर रोड (सेवा दल) बंगले का दिसंबर 2012 से, 10 जनपथ का सितंबर 2020 से और सी-II/109 चाणक्यपुरी का अगस्त 2013 से किराया नहीं चुकाया है। यह RTI गुजरात के मिठापुर के सुजीत पटेल ने लगाई थी, जो विभाग के पास 3 जनवरी 2022 को पहुंची थी।
कॉन्ग्रेस पार्टी से जुड़ी एक चौंकाने वाली खबर मीडिया में सामने आई है। बताया जा रहा है कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने लुटियन दिल्ली में स्थित 10 जनपथ बंगले का किराया पिछले डेढ़ साल (17 महीनों) से नहीं भरा है जबकि इसका किराया उनके लिए केवल 4, 610 रुपए प्रतिमाह है और मार्केट वैल्यू के हिसाब से इसका किराया 20 लाख तक हो सकता है।इस संपत्ति के अलावा कॉन्ग्रेस ने 26 अकबर रोड और चाणक्यपुरी में स्थित संपत्तियों का भी किराया लंबे समय से नहीं दिया है।
मीडिया खबरों के अनुसार, गुजरात के मीठापुर के निवासी सुजित पटेल द्वारा दायर एक आरटीआई आवेदन के जवाब में, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के संपदा निदेशालय (डीओई) ने बताया कि कॉन्ग्रेस द्वारा 26, अकबर रोड पर स्थित सरकारी बंगले के किराए का भुगतान नहीं किया गया है जो कि ₹12.69 लाख है। ये किराया 2013 से नहीं चुकाया गया। इसी तरह से चाणक्यपुरी में दी गई संपत्ति का किराया भी कॉन्ग्रेस ने 2013 से नहीं भरा है जोकि 5.07 लाख रुपए है।
ये दोनों संपत्तियाँ ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमेटी को 1994 और 1985 में दी गई थीं। अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “अनधिकृत कब्जे के कारण दो संपत्तियों का मासिक किराया शुल्क अधिक है। जब रहने वाले अनुमत सीमा से अधिक रहते हैं, तो मासिक नुकसान की गणना अलग तरीके से की जाती है। चार्ज हर महीने बदलता रहता है। आरटीआई में उल्लिखित राशि पिछले महीने (जनवरी 2022) का किराया शुल्क है। लंबित कुल बकाया बहुत अधिक होगा।”
DoE अधिकारी की ओर से हर प्रॉपर्टी पर बकाए किराए की जानकारी देने से मना कर दिया गया। मगर, उन्होंने बताया कि सोनिया गाँधी को मिले बंगले का किराया 4, 610 रुपए है जिसे अक्टूूबर 2020 से नहीं भरा गया।
आरटीआई देखने के बाद सोशल मीडिया पर गुणवंत रूपारेलिया नाम के शख्स ने इस पूरे किराए की कैलकुलेशन की। इसके अनुसार 10 जनपथ का 17 महीने का किराया 4610 रुपए प्रति माह के हिसाब से 78,370 रुपए, 26 अकबर रोड का 110 महीने का किराया 12,69,902 प्रति माह के हिसाब से करीब 13,96,89,220 रुपए है और चाणक्यपुरी के बंगले का 102 महीने का किराया 5,07,911 रुपए प्रति माह के हिसाब से कुल 5,18,06,922 रुपए बनता है।
याद दिला दें कि कॉन्ग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा को भी DoE द्वारा बेदखली का नोटिस दिया गया था जिसके बाद उन्होंने अपना लोधी एस्टेट बंगला खाली कर दिया था। नियम के अनुसार, राजनैतिक पार्टियों को बंगले सिर्फ ऑफिस कार्यों के लिए दिए जाते हैं। लेकिन एक बार जब किसी पार्टी को कार्यालय के निर्माण के लिए जमीन आवंटित की जाती है, तो उसे जमीन पर कब्जा करने के तीन साल के भीतर बंगला खाली करना पड़ता है। कॉन्ग्रेस पार्टी को 2010 में ही पार्टी कार्यालय के निर्माण के लिए राउज़ एवेन्यू पर जमीन आवंटित कर दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि किराया न भरने की बातें मीडिया में सामने आने के बाद कॉन्ग्रेस के ऊपर भाजपा ने तंज कसा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, “वंशवाद के दिन पूरे हो गए हैं। कॉन्ग्रेस को सरकारी सरकारी आवास के लिए भुगतान करना होगा। केंद्र में हमारी सरकार के तहत, जो लोग सरकारी आवास पर कब्जा कर रहे हैं, वे इसके लिए भुगतान करते हैं और कार्यकाल पूरा होने पर इसे खाली कर देते हैं।”
कैसा है 10 जनपथ बंगला? बता दें कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को अलॉट किया गया 10 जनपथ बंगला देश के अन्य नेताओं के मुकाबले सबसे बड़ा है। इतना ही नहीं यह पीएम निवास 7 रेस कोर्स से भी बड़ा है। सेंट्रल पब्लिक डिपार्टमेंट के मुताबिक पीएम निवास का एरिया 14,101 वर्ग मीटर है जबकि सोनिया गाँधी को मिला बंगला 15,181 वर्ग मीटर में फैला है।