‘एक महिला का अधिकार है, वह बिकिनी पहनना चाहे, हिजाब पहनना चाहे’ प्रियंका गांधी वाड्रा
लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रियंका से हिजाब विवाद को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘एक महिला का अधिकार है, वह बिकिनी पहनना चाहे, हिजाब पहनना चाहे, वह घूंघट लगाना चाहे, वह साड़ी पहनना चाहे या जींस पहनना चाहे। इसमें कोई राजनीति की बात नहीं है और ना ही होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘किसी को कोई अधिकार नहीं है कि वह किसी महिला से कहे कि तुम यह पहनो।’
- प्रियंका वाड्रा की यही बात क्या स्कूल की लड़कियां भी मानेंगी?
- क्या सरकार या विद्यालयों कोप अपने परिसरों में किसी भी यूनिफ़ार्म को पक्का करने का अधिकार नहीं है।
- क्या हिजाब सभी मुस्लिम महिलाओं के लिए ज़रूरी नहीं है?
डेमोक्रेटिक फ्रंट, लखनऊ(ब्यूरो) :
प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करते हुए बिकनी, घूंघट और हिजाब के बारे में ट्वीट करके विवाद खड़ा करने के कुछ घंटों बाद, कांग्रेस नेता कुछ जवाबी हमले के लिए तैयार थीं। जब एक पत्रकार ने पूछा कि कर्नाटक के कॉलेजों में बिकनी पहनने के अधिकार की तुलना कैसे की जा सकती है, तो प्रियंका ने अपना आपा खो दिया और रिपोर्टर पर पलटवार करते हुए कहा कि कोई भी महिलाओं को यह नहीं बता सकता कि क्या पहनना है और कैसे पहनना है। यहां तक कि उसने पत्रकार पर तंज कसते हुए पूछा कि क्या उसे यह कहने का अधिकार है कि वह अपना दुपट्टा हटा दे। कर्नाटक हिजाब विवाद पर एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान, कांग्रेस महासचिव ने कहा, “एक महिला को जो कुछ भी वह चाहती है उसे पहनने का अधिकार है, चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस की एक जोड़ी या हिजाब हो। किसी को भी उसे यह नहीं बताना चाहिए कि क्या है। पहनने के लिए।” अधिक
कर्नाटक के हिजाब विवाद का रंग उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर भी चढ़ता दिख रहा है। हिजाब को लेकर जारी विवाद के संदर्भ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को ट्वीट किया कि यह एक महिला का अधिकार है कि वह बिकिनी, जींस या हिजाब पहने या घूंघट निकाले। बाद में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के घोषणापत्र को जारी करने के लिए हुई प्रेसवार्ता में इसे लेकर हुए सवाल पर भी वह बेबाकी से अपने स्टैंड पर कायम रहीं। उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रियंका पर यह कहते हुए निशाना साधा कि वह हिजाब का समर्थन कर महिलाओं की स्वतंत्रता छीनने की बात कर रही हैं।
कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करने के मौके पर हुई प्रेसवार्ता में प्रियंका गांधी वाड्रा से सवाल हुआ कि ‘आप कह रही हैं कि चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाना चाहिए लेकिन आपने बुधवार सुबह हिजाब पर जो ट्वीट किया उससे विकास की धारा कहीं और मुड़ गई है?’ इस पर प्रियंका ने पलट कर सवाल किया कि क्या मैंने हिजाब पर बहस छेड़ी? फिर कहा कि एक महिला को अधिकार है कि वह बिकिनी पहनना चाहे या हिजाब पहनना चाहे या घूंघट काढ़े या साड़ी पहने या जींस। इसमें कोई राजनीति की बात नहीं है और न होनी चाहिए।’
इस पर उनसे फिर सवाल हुआ कि स्कूल या शैक्षिक संस्था में बिकिनी कहां से आ गई? जवाब में प्रियंका ने कहा कि आप गोलमोल करके कुछ भी कह सकते हैं। किसी को अधिकार नहीं है कि वह एक महिला से यह कहे कि वह क्या पहने। फिर उन्होंने सवाल पूछने वाले मीडियाकर्मी से तैश में कहा कि मैं आपसे कह रही हूं कि स्कार्फ उतारो। मीडियाकर्मी ने उनसे कहा कि मैं स्कूल में नहीं, प्रेस कान्फ्रेंस में हूं। इस पर प्रियंका ने कहा कि आप जहां भी हों, क्या मुझे आपसे यह कहने का अधिकार है? फिर बोलीं कि मुझे आपसे यह कहने का अधिकार नहीं है।
सत्ताधारी भाजपा की ओर से इस पर तत्काल प्रतिक्रिया आई। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पलटवार कर कहा कि ‘हिजाब का समर्थन करने वाली यह वही प्रियंका हैं जो उत्तर प्रदेश में लड़की हूं लड़ सकती हूं के नारे से यूपी की महिलाओं व बेटियों की आवाज बुलंद करने आई थीं पर यह दुखद है कि आज वह हिजाब का समर्थन कर एक समुदाय विशेष की महिलाओं की स्वतंत्रता छीनने की बात कह रही हैं। महिलाओं की स्वतंत्रता की बात करने वाली प्रियंका ने स्कूल-कालेज में हिजाब का समर्थन करके लोगों को बांटने और नफरत वाली राजनीति का भी समर्थन किया है। स्कूल में न घूंघट चलेगा और न हिजाब।’