गोरखपुर में ट्रांसपोर्टनगर में कांग्रेस कार्यालय के नाम पर 3.90 लाख रुपये के बकाये मामले ने तूल पकड़ लिया है। मकान मालिक राजमन राय ने बुधवार को राजघाट थाने में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ तहरीर दी है। भवन मालिक राजमन राय ने तहरीर में आरोप लगाया है कि 25 अक्तूबर 2019 को भवन कांग्रेस को कार्यालय के लिए किराया पर दिया गया था। कांग्रेस की जिला अध्यक्ष निर्मला पासवान के कहने और प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की गारंटी पर उन्होंने ट्रांसपोर्ट स्थित भवन में 15 हजार प्रतिमाह पर कांग्रेस को कार्यालय के लिए किराये पर दिया था। किराया मांगने पर हर बार वादा किया गया लेकिन भुगतान नहीं किया गया। कांग्रेस पार्टी पर 3.90 लाख रुपये का किराया बाकी है। जिसे लेकर कई बार मांग की गई लेकिन कांग्रेस की तरफ से भुगतान नहीं दिया जा रहा है। जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान का कहना है कि तहरीर की जानकारी नहीं है। पुलिस जो जानकारी मांगेगी देंगे। तहरीर देने वाले से कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ था। कॉंग्रेस की सच्चाई तकरीबन दिल्ली में भी यही है।
दिल्ली/लखनऊ(ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट :
विधानसभा चुनावों के बीच कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी द्वारा अपने लुटियन स्थित बंगलो का लम्बे समय से किराया न देने का मामला सामने आया है। एक RTI के अनुसार यह खुलासा हुआ है कि गाँधी परिवार दिल्ली के अपने तीन आवंटित बंगलो का किराया काफी समय से नहीं दिया है।
बीजेपी मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने तंज करते हुए ट्वीट किया, “एंटोनिया माइनो उर्फ सोनिया गाँधी प्रवासी श्रमिकों के टिकट के भुगतान को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रही थीं। कम से कम पहले अपने मकान का किराया तो चुकाया होता, जो डेढ़ साल से बकाया है।”
कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को आवंटित घर देश के अन्य नेताओं के मुकाबले सबसे बड़ा घर है। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री निवास 7 रेस कोर्स से भी बड़ा है। सेंट्रल पब्लिक डिपार्टमेंट के अनुसार प्रधानमंत्री निवास 14,101 वर्ग मीटर में बना है वहीं सोनिया गाँधी का निवास 15,181 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला है जो 7RCR के मुकाबले काफी बड़ा है।
राजधानी दिल्ली में कॉन्ग्रेस ने अपने कब्जे में कई बंगलो को ले रखा था। जिसे खाली कराने के लिए मोदी सरकार में कई नोटिस भेजे गए थे। निवास स्थान के अलावा कॉन्ग्रेस के कब्जे में जो तीन अन्य बंगले 5 रायसीना रोड, 26 अकबर रोड और सी-2/109 चाणक्यपुरी हैं। इनमें से रायसीना रोड वाला बंगला यूथ कॉन्ग्रेस के पास है, जबकि 26 अकबर रोड और चाणक्यपुरी वाला बंगला पार्टी के कामकाज के लिए इस्तेमाल होता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक पुराने RTI के हवाले से बताया गया है कि शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने इनका आवंटन 26 जून, 2013 को रद्द कर दिया गया था। बता दें कि कॉन्ग्रेस को दिल्ली में अपना कार्यालय भवन बनाने के लिए 2010 में जमीन दी गई थी।
गौरतलब है कि जमीन आवंटन के तीन साल के अंदर कॉन्ग्रेस को भवन का निर्माण करवा लेना था और चार बंगलों को 2013 तक खाली कर देना था। आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी ने तीन साल का अतिरिक्त समय देने का निवेदन किया था। जिसके बाद 2017 में भी कॉन्ग्रेस को नोटिस भेजा गया था। फिलहाल अभी भी ये बंगले कॉन्ग्रेस के कब्जे में है और इनका किराया मार्किट रेट से बहुत कम होने के बाद भी कॉन्ग्रेस ने लम्बे समय से चुकता नहीं किया है। जिसे लेकर सोशल मीडिया कॉन्ग्रेस को घेरा जा रहा है।