सुनील जाखड़ ने छोड़ी सक्रिय राजनीति, खराद के विधायक का दावा
हाल ही में एक सभा को संबोधित करते हुए जाखड़ ने मुख्यमंत्री चयन के बारे में एक बयान दिया और कहा कि कैप्टन सिंह को हटाने के बाद हुई कांग्रेस विधायकों की बैठक में 42 विधायकों ने उनके (जाखड़ के) नाम पर सहमति व्यक्त की। जाखड़ ने कहा कि उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को 16, परनीत कौर को 12, नवजोत सिद्धू को छह और चन्नी को केवल दो विधायकों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा, ‘पार्टी में कुछ ऐसे सहयोगी हैं जिनके साथ जाना मुश्किल हो गया है और इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं। मैं बहुत कर चुका। लेकिन मैं कांग्रेस पार्टी का अभिन्न अंग हूं। पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं निभाऊंगा। यह केवल सक्रिय चुनावी राजनीति है जिसे मैं छोड़ रहा हूं,”
- पंजाब चुनाव से पहले जाखड़ ने सक्रिय चुनावी राजनीति से इस्तीफा दिया
- इससे पहले वे कई बार सीएम फेस को लेकर दे चुके हैं बयान
- जाखड़ ने कहा- पार्टी के कई ऐसे लोग हैं जिनके साथ काम नहीं किया जा सकता
चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट :
पंजाब में कांग्रेस को ज्यादा देर तक राहत नहीं मिल पाती। कुछ न कुछ टेंशन रहती ही है। सुबह सिद्धू ने ट्वीट कर नरमी बरती तो अब जाखड़ ने चुनावी राजनीति से इस्तीफा देकर कांग्रेस को नई टेंशन दे दी। एक तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 6 फरवरी को पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने की तैयारी में थे तो दूसरी तरफ पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सक्रिय चुनावी राजनीति से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। जाखड़ ने बताया कि उन्होंने सक्रिय चुनावी राजनीति छोड़ने का फैसला किया है। लेकिन कांग्रेस की सेवा करना जारी रखेंगे। इसी बात का दावा पहले जी आआपा(AAP) के बागी विधायक ने किया।
खरड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक कंवर संधू ने ट्वीट किया, “पंजाब से बहुत सारी दुर्भाग्यपूर्ण खबरें निकल रही हैं। अभी सुना है कि सुनील जाखड़ अपने सहयोगियों की अनर्गल और गैर-जिम्मेदार टिप्पणियों के कारण राजनीति छोड़ रहे हैं। एक सज्जन राजनेता को अहम मोड़ पर बाहर जाते हुए देखना दुखद है।”
संधू ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जाखड़ अपने फैसले पर फिर से विचार करेंगे। उन्होंने कहा, “सुनील जाखड़ सज्जन इंसान हैं और उनसे लंब समय से दोस्ती है। आशा है कि वह सक्रिय राजनीति छोड़ने के अपने फैसले पर फिर से विचार करेंगे और हमें अपने मजाकिया अंदाज से रूबरू कराएंगे। हमें उनके काव्य ज्ञान का लाभ भी मिलता रहेगा।”
कुछ दिनों पहले ही सुनील जाखड़ ने दावा किया था कि पिछले साल अमरिंदर सिंह को हटाए जाने के बाद 42 विधायक उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। जाखड़ ने कहा, “सुनील (जाखड़) को 42 वोट, सुखजिंदर रंधावा को 16, महारानी परनीत कौर (अमरिंदर सिंह की पत्नी और पटियाला की सांसद) को 12 वोट, नवजोत सिंह सिद्धू को छह वोट और (चरणजीत सिंह) चन्नी को दो वोट मिले थे।”
जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। दरअसल, सुनील जाखड़ भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे। पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को तरजीह दी, जो अनुसूचित जाति समुदाय से पंजाब के पहले मुख्यमंत्री बने।