पंचांग 04 फरवरी 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज श्री गणेश तिल चतुर्थी, वरद कुन्द चतुर्थी व्रत है। शुक्रवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की वरद तिल कुंड चतुर्थी है. इसे विनायक चौथ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन कार्य की सिद्धि और वंश की वृद्धि के लिए विशेष रूप से गौरी और गणेश की पूजा की जाती है। ये पूजा सफल कार्यों में आने वाली बाधा का निराकरण करती है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः माघ़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः चतुर्थी रात्रि 03.48 तक,
वारः शुक्रवार।
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पूर्वाभाद्रपद अपराहन् 03.58 तक है,
योगः शिव सांय काल 07.09 तक,
करणः वणिज,
सूर्य राशिः मकर, चंद्र राशिः कुम्भ,
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.12, सूर्यास्तः 05.59 बजे।