Friday, November 22
Demo

करणी दान सिंह राजपूत

श्रीगंगानगर जिले में भारतीय जनता पार्टी के हाल ही के पंचायत चुनाव में करारी हार हुई और जिले की एक भी पंचायत समिति में भाजपा का प्रधान नहीं बन पाया। पंचायत की हार बहुत बुरी होती है। पांच साल तक किसी भी पंचायत में भाजपा के हाथ से कोई काम नहीं होगा। यह छोटी सी हंस कर या मुंह फेर कर टाली जाने वाली घटना नहीं है। यह ऐसी दुर्घटना है जिसमें सब चूर चूर हो गया।

श्री गंगानगर जिले में पंचायत चुनाव में सभी पंचायत समितियों में हार होने की समीक्षा की जाती। हार के कारणों को खोजा जाता और ये कारण पैदा करने वालों का भी मालुम किया जाता। ये हारे हुए योद्धा स्वागत करेंगे।

विधायक पूर्व विधायक सांसद जिलाध्यक्ष से मंडलों मोर्चों प्रकोष्ठों में नाकामयाब रहने वाले काम नहीं करने वाले पदाधिकारियों पर नजरें डाली जाती। अगर ये काम करते तो भाजपा नहीं हारती। मनोनीत करने का उपहार पहले कांग्रेस ने 40-45 साल पहले शुरू किया और उसका अनुगमन भाजपा करने लगी। कांग्रेस की हालत देख कर भी भाजपा नेताओं ने यह पद्धति नहीं बदली। आज तक मनोनयन हो रहे हैं। ये मनोनीत स्वागत करने में काम आ सकते हैं।यह स्वागत में प्रमाणित हो जाएगा।

क्या भाजपा नेताओं की अकड़ और कार्यकर्ताओं की पूछ नहीं होने से हारी। यह इस दौरे में मालुम पड़ जाएगा? ऐसी रिपोर्ट्स छिप भी नहीं सकती। इससे पहले विधानसभा चुनाव और नगरपालिका चुनावों में शहरों गांवों में हर गली मोहल्ले की सभाओं में कहते थे,आधी रात को भी काम पड़े तो याद करना हम हाजिर रहेंगे हमारे दरवाजे हर समय खुले मिलेंगे। ये वादे दो चार दिन में ही हवा हो गए। नेताओं ने दिन में ही दरवाजे बंद कर लिए। यह शर्मनाक सच्च है।आखिर जनता भाजपा के दरवाजे पर कैसे बार बार आती। किसानों को जो कहा गया वह भी शर्मनाक रहा। यह नहीं सोचा कि उनके दरवाजे पर जाना होगा तब क्या कहेंगे? मोदी जी ने किसानों से माफी मांग ली। किसानों संबंधी कानून वापस ले लिए। उन्होंने कहा हम किसानों को समझा नहीं सके। किसानों को कौन समझाता। भाजपा के विधायक सांसद प्रदेशाध्यक्ष और नगर गांव तक के पदाधिकारी। किसी ने नहीं समझाया। एक दो बार खानापूर्ति सी हुई। कागजी सी। किसानों ने भी धोया और ऐसा धोया कि जिले की किसी भी पंचायत प्रधान पर दिखाई न दे। मैं यहां दाग शब्द नहीं लिख रहा। इन सब नेताओं ने यह हालात करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन लोगों ने तो कार्यकर्ताओं को भी नहीं पूछा। कोई नेता पदाधिकारी गया किसी कार्यकर्ता के घर कभी सुखदुख पूछने। जवाब मिलेगा ‘ना’ इस ना को गांव से दिल्ली तक रबड़ की तरह खींच लेना, यह टुटेगा नहीं। जीतने वालों ने ही जनता को नहीं पूछा तो हारे हुए क्या पूछते। घरों में युवा मोर्चा और महिला मोर्चा सबसे अधिक प्रभाव डालते हैं। इनकी जिले में क्या स्थिति है? प्रदेश मे बैठे पदाधिकारी हर जिले पर नजर क्यों नहीं रख पाए? यह गलती उनकी भी है। अध्यक्ष सतीश पूनिया भी सभी के साथ बराबर के दोषी हैं। यह हाल जो श्री गंगानगर जिले का है वह इस दौरे से सुधरने वाला नहीं है। हर नेता में अकड़ भरी है और उस अकड़ से पहले पालिकाओं में हारे और पंचायत चुनाव में तो सुपड़ा ही साफ हो गया। सच्च तो यह है कि विधायकों और पूर्व विधायकों को जनता फिर से देखना ही नहीं चाहती। सांसद एक हैं इसलिए नाम दे रहा हूं कि निहालचंद जी मेघवाल से जनता अब और निहाल नहीं होना चाहती।

प्रदेशाध्यक्ष का स्वागत तो निर्देशों पर है इसलिए यह तो हर जगह होना ही है और खूब जोरशोर से होना है। इन स्वागतों से भी कोई भरोसा नहीं करना ही ठीक है। ये स्वागत ऐसे होते हैं कि निकले और पीछे हवा तक नहीं।

पराजय की समीक्षा न करके यह दौरा चाहे किसी भी प्रयोजन के लिए हो लेकिन एक हवा और भी चल रही है।पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का बीकानेर संभाग का दौरा होने वाला है। वसुंधरा राजे अपना कार्यक्रम धार्मिक आध्यात्मिक रूप में मनाती और प्रचारित करती है। वसुंधरा के दौरे से पहले प्रदेशाध्यक्ष का दौरा कहीं न कहीं इस राजनीति की हवा भी फैला रहा है या समझो यह लग रहा है। वसुंधरा को खत्म करने के चक्कर में राजस्थान में अपने ही पांवों पर भाजपा नेताओं ने कुल्हाड़ी मार ली। कार्यकर्ताओं के सपने टूट गए। इस बार ऐसा ही करने की कोई राजनीति है तो भाजपा की हालत पंचायत समितियों से भी बुरी हो जाएगी। वसुंधरा राजे की ताकत के बराबर ताकत वाला नेता अभी प्रदेश में नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी नहीं। एक आवाज से राजस्थान को खड़ा करदे। वह ताकत किसके पास है? प्रजातंत्र में दिल्ली के राजतंत्र एकतंत्र को जबरन घुसेड़ना चाहते हैं तो नुकसान देह होगा। बस राजस्थान के विधानसभा चुनाव 2023 आए। जनता जिनको देखना नहीं चाहती कार्यकर्ताओं के मन से भी उतर गए और वे जो चुनाव में प्रदेश संबंधों से आना चाहते हैं मगर इलाके में नाम नहीं, कोई जानता तक नहीं, ऐसों को भूल से भी टिकट दे दिया गया तो हालात प्रदेश स्तर तक खराब ही खराब होंगे।

Comments are closed.

© 2024 Demokratic Front. Hosted at Server Plugs.