पंचांग, 26 जनवरी 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज भारत का 73 वाॅ गणतंत्र दिवस है। कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर के बीच देश आज यानी 26 जनवरी को अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी तो मिल गई थी, लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः माघ़,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः नवमी
रात्रिः काल 04.35 तक है,
वारः बुधवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः स्वाती प्रातः 10.06 तक है,
योगः अतिगण्ड
रात्रिः काल 04.08 तक,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः मकर, चंद्र राशिः तुला,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 07.16, सूर्यास्तः 05.51 बजे।