बीजेपी के वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने आरपीएन सिंह के बीजेपी में शामिल होने की पुष्टि की है। बीजेपी में आरपीएन सिंह की भूमिका को लेकर दो तरह की खबरें सूत्रों के हवाले से आ रही है। कुछ सूत्रों का कहना है कि आरपीएन सिंह कुशीनगर के पडरौना सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा की ओर से राज्यसभा भेजा जा सकता है। उनके दो करीबी नेताओं को विधानसभा चुनाव में भाजपा का टिकट दिया जाएगा।
डेमोक्रेटिक फ्रंट(ब्यूरो) लखनऊ:
कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के स्टार प्रचारक आरएपीएन सिंह ने 32 साल पश्चात कांग्रेस को छोड़ दिया है। आरपीएन सिंह ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वह मंगलवार को नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। उनके साथ समाजवादी पार्टी के विधायक शरदवीर सिंह भी भाजपा की सदस्यता लेंगे।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने लम्बी सेवा के बाद मंगलवार को कांग्रेस को त्याग दिया है। कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण (आरपीएन) सिंह कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि आज देश में हम अपने महान गणराज्य के गठन का जश्न मना रहे हैं। इस अवसर पर मैं भी अपनी राजनीतिक यात्रा में एक नया अध्याय शुरू करता हूं। जय हिंद।
आरपीएन सिंह को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कुशीनगर की पडरौना विधानसभा सीट से
सूत्रों की मानें तो बीजेपी कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके आरपीएन सिंह को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कुशीनगर की पडरौना विधानसभा सीट से उतारने की तैयारी में है. ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किल बढ़ सकती है, क्योंकि स्वामी भी इसी सीट से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं. दरअसल, 2009 में आरपीएन सिंह ने बीएसपी से चुनाव लड़े स्वामी प्रसाद मौर्या को ही हराया था. ऐसे में आरपीएन सिंह की पडरौना के साथ-साथ कुशीनगर में एक बेहद मजबूत पकड़ और उनके पडरौना से ही चुनाव लड़ने की संभावना को देखते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य अब सपा से किसी सेफ सीट पर चुनाव लड़ने की योजना बना सकते हैं.
सूत्रों की मानें तो बीजेपी कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके आरपीएन सिंह को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कुशीनगर की पडरौना विधानसभा सीट से उतारने की तैयारी में है। ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किल बढ़ सकती है, क्योंकि स्वामी भी इसी सीट से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। दरअसल, 2009 में आरपीएन सिंह ने बीएसपी से चुनाव लड़े स्वामी प्रसाद मौर्या को ही हराया था। ऐसे में आरपीएन सिंह की पडरौना के साथ-साथ कुशीनगर में एक बेहद मजबूत पकड़ और उनके पडरौना से ही चुनाव लड़ने की संभावना को देखते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य अब सपा से किसी सेफ सीट पर चुनाव लड़ने की योजना बना सकते हैं।
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आरपीएन सिंह ने ट्वीट किया, ”आज, जब पूरा राष्ट्र गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं। जयहिंद।” सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में आरपीएन सिंह ने लिखा है कि वह कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने राष्ट्र और लोगों की सेवा करने का मौका देने के लिए सोनिया गांधी को धन्यवाद भी दिया है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने आरपीएन सिंह के बीजेपी में शामिल होने की पुष्टि की है। बीजेपी में आरपीएन सिंह की भूमिका को लेकर दो तरह की खबरें सूत्रों के हवाले से आ रही है। कुछ सूत्रों का कहना है कि आरपीएन सिंह कुशीनगर के पडरौना सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा की ओर से राज्यसभा भेजा जा सकता है। उनके दो करीबी नेताओं को विधानसभा चुनाव में भाजपा का टिकट दिया जाएगा।
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कुशीनगर के सांसद रहे आरपीएन सिंह पडरौना राजघराने से ताल्लुक रखते हैं। वह 2009 के लोकसभा चुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य को भी चुनाव में हरा चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की स्थिति में यह कांग्रेस और यूपी में चुनाव अभियान कर रही प्रियंका गांधी के लिए एक बड़ा झटका होगा।
सूत्रों के मुताबिक आरपीएन सिंह के साथ ही पडरौना से घोषित प्रत्याशी मनीष जायसवाल, कुशीनगर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले की 3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी की तरफ से ये सभी उम्मीदवार बनेंगे। आरपीएन सिंह इस बार खुद विधानसभा चुनाव में नहीं उतरेंगे और भविष्य में बीजेपी की तरफ से बड़ा पद दिया जा सकता है।