चन्नी के करीबी सहयोगी और पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के सलाहकार मुस्तफा पर फ़ीर दर्ज
. बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता इल्मी ने आरोप लगाया कि मुस्तफा ने अपने बयान में ‘हिंदू’ शब्द का इस्तेमाल किया। मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना, मालेरकोटला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी हैं। मालेरकोटला, पंजाब में एक मुस्लिम बहुल जिला है। बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीडियो क्लिप दिखाया, जिसमें मुस्तफा 20 जनवरी को मालेरकोटला में एक जनसभा में यह कहते हुए सुने जा सकते हैं, ‘मैं अल्लाह की कसम खाता हूं कि मैं उन्हें कोई कार्यक्रम नहीं करने दूंगा। मैं ‘कौमी फौजी’ हूं…मैं RSS का एजेंट नहीं हूं जो डर के मारे घर में छिप जाएगा।’ उन्होंने कथित रूप से वीडियो में कहा, ‘अगर वे फिर से ऐसा करने का प्रयास करेंगे तो मैं अल्लाह की कसम खाता हूं कि मैं उन्हें उनके घर में पीटूंगा।’
डेमोक्रेटिक फ्रंट(ब्यूरो), चंदोगढ़ :
पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार विवाद में फंसने की वजह उनके मुख्य रणनीतिक सलाहकार और पूर्व आईपीएस अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा हैं। उन्होंने हिन्दुओं को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसकी वजह से उन पर मलेरकोटला में एफआईआर दर्ज की गई है। मुस्तफा कैबिनेट मंत्री और मलेरकोटला से कांग्रेस उम्मीदवार रजिया सुल्ताना के पति हैं। मुस्तफा का वीडियो बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और शाजिया इल्मी ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी साझा किया था।
वायरल वीडियो में मुस्तफा कहते नजर आते हैं, ‘अगर हिंदुओं को उनके जलसे के बराबर इजाजत दी तो ऐसे हालात पैदा कर दूंगा कि संभालना मुश्किल हो जाएगा।’ मुस्तफा मुस्लिम बहुल मलेरकोटला इलाके में अपनी पत्नी रजिया सुल्ताना के लिए वोट मांग रहे थे, उसी दौरान उन्होंने यह जहरीला बयान दिया। इस पर प्रदेश बीजेपी महासचिव सुभाष शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी मुस्तफा के विरुद्ध मामला दर्ज करने की मांग करते हुए चुनाव आयोग के पास उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराएगी।
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी बताएं कि मोहम्मद मुस्तफा को मोहरा बनाकर पंजाब में वो कौन से हालात पैदा करना चाहते हैं? क्या पंजाब को कश्मीर बनाना चाहते हैं? क्या पंजाब में फिर से 80 के दशक जैसा हालात पैदा करने चाहते हैं? क्या पंजाब में सिर्फ एक विशेष कौम के लिए जलसे का अधिकार है?
मुस्तफा के इस वीडियो के खिलाफ भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने ट्वीट कर लिखा कि यह हेट स्पीच है। मुस्तफा सांप्रदायिक दंगे भड़काकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। शाजिया इल्मी ने इसके साथ ही चुनाव आयोग से मुस्तफा के बयान पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की मांग की और रजिया सुल्ताना के मालेरकोटला से चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने की भी मांग की है।
लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने मुस्तफा का वीडियो ट्वीट किया और कहा कि पंजाब के पूर्व डीजीपी और एक कांग्रेस वर्कर के रवैये और भाषा सुनकर उन्हें झटका लगा है। पंजाब धार्मिक सौहार्द का शानदार उदाहरण है, जहां सिख, हिंदू, ईसाई और मुस्लिम एक समुदाय की तरह रहते हैं। मुस्तफा का बयान न केवल सांप्रदायिक सौहार्द के लिए नुकसानदेह है बल्कि कांग्रेस के सेक्युलर आदर्श के भी उलट है। हिंसा के इस उकसावे को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कोई भी चुनाव पंजाब की शांति से बड़ा नहीं है। मुस्तफा को माफी मांगनी चाहिए। वहीं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने प्रत्यक्ष रूप से कुछ न कहकर सिर्फ इतना कहा कि पंजाब एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और यह सभी समुदायों से समान रूप से संबंधित है।
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि पूर्व डीजीपी मुस्तफा द्वारा भड़काऊ टिप्पणी का उद्देश्य पंजाब की शांति, सद्भाव, कानून व्यवस्था को बिगाड़ना है। मुस्तफा कोई सामान्य आदमी नहीं हैं, वे कांग्रेस मंत्री रजिया सुल्ताना के पति हैं, सीएम चन्नी के करीबी सहयोगी हैं और पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के सलाहकार हैं। उनकी टिप्पणी पंजाब, पंजाबी, पंजाबियत के खिलाफ है।
वायरल वीडियो में मोहम्मद मुस्तफा यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि ‘मैं अल्लाह की कसम खाकर कहता हूं कि इनका कोई जलसा नहीं होने दूंगा। मैं कौमी फौजी हूं और आरएसएस का एजेंट नहीं हूं, जो डरकर घर में घुस जाऊंगा। अगर दोबारा इन्होंने ऐसी हरकत की तो खुदा की कसम घर में घुस कर मारूंगा। मैं आज सिर्फ वार्निंग दे रहा हूं। मैं वोटों के लिए नहीं लड़ रहा, बल्कि कौम के लिए लड़ रहा हूं। मैं पुलिस और प्रशासन को यह बता देना चाहता हूं कि अगर फिर से ऐसी हरकत हुई और मेरे जलसे के बराबर में हिंदुओं को जलसे की इजाजत दी गई तो ऐसे हालात पैदा करूंगा कि संभालना मुश्किल हो जाएगा।’