Thursday, December 26

चुनाव आयोग ने कोरोना महामारी की वजह से चुनावी रैलियों और रोड शो पर लगे बैन को आगे बढ़ा दिया है। आयोग के मुताबिक अब यह बैन 31 जनवरी तक रहेगा। इससे पहले आयोग ने 22 जनवरी तक चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध लगाया था। चुनाव आयोग ने घर-घर जाकर (डोर टू डोर) प्रचार अभियान के लिए पांच व्यक्तियों की सीमा बढ़ाकर 10 व्यक्तियों की कर दी है। इसके साथ ही उम्मीदवारों की मांग पर पब्लिक मीटिंग करने के लिए 28 जनवरी के बाद मंजूरी देने का फैसला किया है। यह फैसला पहले चरण वाली सीटों पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों पर लागू होगा।

डेमोरेटिक फ्रंट(ब्यूरो) नयी दिल्ली:

कोरोना संकट के बीच सुरक्षित चुनाव कराने में जुटे चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को बड़ी राहत दी है। इसके तहत अब वह प्रत्येक चरण में प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद छोटी जनसभाएं कर सकेंगे। हालांकि इसमें लोगों की अधिकतम संख्या पांच सौ ही रहेगी। इसके साथ ही आयोग ने पहले और दूसरे चरण के चुनाव में छोटी सभाओं को करने की समयसीमा तय कर दी है।

पहले चरण में ऐसी छोटी सभाओं की शुरुआत 28 जनवरी से जबकि दूसरे चरण के चुनाव में एक फरवरी से रहेगी। हालांकि इस राहत के साथ आयोग ने रोड शो और रैलियों को लगे प्रतिबंध को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है। चुनाव आयोग ने शनिवार को पांचों चुनावी राज्यों के आला अधिकारियों के साथ कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के बाद कुछ छूट का ऐलान किया है। डोर-टू-डोर होने वाले प्रचार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को दोगुना कर दिया है। अभी तक डोर-टू-डोर प्रचार के लिए सुरक्षा बलों के अलावा सिर्फ पांच लोगों की ही अनुमति दी, लेकिन अब इनमें सुरक्षा बलों के अतिरिक्त दस लोग शामिल हो सकेंगे।

चुनाव आयोग ने इसके साथ ही वीडियो वैन के जरिए प्रचार की भी अनुमति दे दी है। हालांकि इसके जरिए सिर्फ खुले क्षेत्रों में प्रचार की अनुमति होगी। जिसमें अधिकतम पांच सौ लोगों की या फिर मैदान की कुल क्षमता की आधी भीड़ जुटाने की अनुमति होगी। इससे पहले अधिकतम तीन सौ लोगों या फिर हाल की क्षमता के आधे के साथ इनडोर बैठकें करने की अनुमति थी।

आयोग ने पहले और दूसरे चरण में छोटी सभाओं को करने की एक समयसीमा भी तय की है। पहले चरण में ऐसी सभाएं 28 जनवरी से 8 फरवरी तक चुनाव थमने की समयसीमा तक की जा सकेगी। जबकि दूसरे चरण के चुनाव में छोटी सभाओं को करने की यह छूट एक फरवरी से 12 फरवरी तक प्रचार थमने की अवधि तक रहेगी। आयोग ने इस दौरान साफ किया है कि इन सभी सभाओं को अधिकतम पांच सौ लोगों की भीड या फिर जिस मैदान में सभा हो रही है उसकी क्षमता के आधे में से जो कम होगा वही मान्य होगा। मैदान की क्षमता का निर्धारण राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) करेगा। वहीं स्थिति की समीक्षा 31 जनवरी को फिर होगी। जिसके बाद नए कदमों को उठाने या फिर राहत देने का फैसला लिया जाएगा। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का ऐलान करने के साथ रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध लगा रखा है। जो अब 31 जनवरी तक जारी रहेगा।