Thursday, December 26

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः माघ़, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः चतुर्थी प्रातः काल 09.15 तक है,

वारः शनिवार ।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पूर्वाफाल्गुनी प्रातः 10.38 तक है। 

योगः शोभनः दोपहरः काल 02.06 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः मकर,  चंद्र राशिः सिंह, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 07.18,  सूर्यास्तः 05.48 बजे।