सरकार के डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत और सुरक्षित दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग है प्रतिबद्ध- राजीव कुमार


पंचकूला, 22 जनवरी:

हमारा देश आजादी के 75 साल का जश्न मनाने और डिजिटल इंडिया के लक्ष्य की दिशा में बड़ी प्रगति करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। कोविड-19 महामारी के कठिन समय में, दूरसंचार नेटवर्क हर जगह और हर समय सभी को जोड़े रखने के लिए एक जीवन रेखा की तरह काम कर रहा है। लेकिन साथ ही, दुर्भावनापूर्ण तत्व दूरसंचार संसाधनों का उपयोग धोखाधड़ी, असामाजिक और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए कर रहे हैं। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा दूरसंचार विभाग के निदेशक राजीव कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), एमएचए ने अपनी 2020 की वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत ने 2020 में साइबर अपराध के 50,035 मामले दर्ज किए। पिछले वर्ष की तुलना में इस तरह के अपराधों में 11.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2020 में दर्ज किए गए अधिकतम 60.2 प्रतिशत (50,035 मामलों में से 30,142) मामले साइबर अपराध धोखाधड़ी के लिए किए गए थे। इन साइबर अपराधों के साथ-साथ पारंपरिक अपराधों जैसे कि जबरन वसूली, डकैती, अपहरण, धोखाधड़ी और धमकी भरे कॉल आदि में जो सिम प्रयोग होते हैं वो फर्जी दस्तावेजों और तीसरे पक्ष के नामों पर सब्सक्राइब किए जाते हैं। इस कारण इन सिम के प्रोगकर्ताओं को ढूढना मुश्किल होता है। 

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019-20 में साइबर अपराधों के कारण भारत को 1.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

कानून प्रवर्तन एजेंसियों और गृहविभाग के अनुसार प्रमुख साइबर अपराध व धोखाधड़ी नेटवर्क देश के जामताड़ा/मेवात आदि क्षेत्रों से संचालित हो रहे हैं। इस तरह के सिंडिकेट राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक कानून और व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए सीधा खतरा हैं। 

आजादी का अमृत महोत्सव एवं साइबर स्वच्छ भारत के तहत, हरियाणा लाइसेंस सेवा क्षेत्र (हरियाणा एल.एस.ए.) ने हरियाणा के मेवात क्षेत्र में जाली सिम की पहचान करने, उन्हें बाहर निकालने और बंद करने के लिए बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया है। एल.एस.ए. कार्यालय दूरसंचार विभाग (डीओटी), भारत सरकार की क्षेत्रीय इकाइयां हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम करते हैं।

पहल के तहत, हरियाणा एलएसए ने मेवात क्षेत्र, हरियाणा का 100 प्रतिशत सिम ग्राहक सत्यापन किया है। यह देश में कहीं भी शुरू की गई अपनी तरह की पहली पहल है। मेवात के संपूर्ण सिम आधार अर्थात सभी ऑपरेटरों के इस क्षेत्र के सभी नम्बरों, जिसमें 16.69 लाख सिम ग्राहक शामिल हैं, का विश्लेषण नेक्स्टजेन प्रौद्योगिकियों-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके किया गया। फिल्टर किए गए मोबाइल नंबरों के सभी ऑपरेटरों-एयरटेल, बीएसएनएल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया को पुनः सत्यापन के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए थे। इस बड़े पैमाने पर और लक्षित सफाई अभियान के परिणामस्वरूप, मेवात (हरियाणा) के लगभग 4.27 लाख धोखाधड़ी वाले कनेक्शन को काट दिया गया है। दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई भी शुरू की जा रही है।

डॉ. महेश शुक्ला, सीनियर डिप्टी डायरेक्टर जनरल और हरियाणा एलएसए के प्रमुख ने बताया, “इस व्यापक सफाई अभियान के परिणामस्वरूप, मेवात (हरियाणा) में सिम का उपयोग करने वाले साइबर धोखाधड़ी, अपराध और अन्य अवैध गतिविधियों में भारी कमी आएगी। सभी अवैध तरीके से प्राप्त सिमों को फिल्टर करने के लिए पूरे हरियाणा राज्यमें ऑपरेशन किया जाएगा। सरकार के डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत और सुरक्षित दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग प्रतिबद्ध है।