भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। उन्होंने शनिवार को कैराना में डोर टू डोर कैंपेन कर पार्टी के लिए वोटा मांगा। अमित शाह ने विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत उन हिन्दू परिवारों के घरों से किया, जिन्होंने कथित तौर पर साल 2017 से पहले पलायन किया था और अब वापस अपने घर लौट चुके हैं। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि कैराना के लोग अब डर के साए में नहीं रह रहे हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि कानून-व्यवस्था की संतोषजनक स्थिति विकास के लिए प्राथमिक शर्त है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश में यह सुनिश्चित किया है। इस दौरान अमित शाह ने बताया कि कैराना के लोगों ने उनसे कहा कि मोदी जी की कृपा हो गई है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट(ब्यूरो) लखनऊ :
किसान आंदोलन से पश्चिमी यूपी में पैदा हुई चुनौतियों की काट के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक बार फिर यहां कानून व्यवस्था और 2017 से पहले कुछ ‘हिंदू परिवारों के पलायन’ को बड़ा मुद्दा बनाने में जुटी है। पश्चिमी यूपी में पहले फेज की वोटिंग से पहले प्रचार अभियान का आगाज करते हुए गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को कैराना पहुंचे। यहां उन्होंने ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के बीच घर-घर जाकर पर्चे बांटे और बीजेपी के लिए वोट मांगा। बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने इस दौरान उन परिवारों से भी मुलाकात की जो कभी यहां से पलायन कर चुके थे और राज्य में योगी सरकार बनने के बाद वे लौटकर आए।
हल्की-हल्की बारिश और बेहद सर्द मौसम में शाह कैराना पहुंचे तो राजनीतिक तापमान बढ़ना लाजिमी था। भगवा टोपी और स्टॉल लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ शाह गलियों में पैदल घूमे और घर-घर जाकर लोगों को पर्चे बांटे। लोगों के हाथ में पर्चे देकर कमल के निशान पर वोट की अपील करते दिखे। इस दौरान बड़ी संख्या में उमड़े बीजेपी कार्यकर्ता जय श्री राम और भारत माता की जय के अलावा योगी-मोदी जिंदाबाद के नारे लगाते रहे।
‘पलायन कराने वाले कर गए पलायन’
अमित शाह ने इस दौरान कहा कि पलायन कराने वाले पलायन कर गए हैं. प्रदेश में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद वापस लौटे पीड़ित परिवारों से अमित शाह ने मुलाकात की. उन्होंने कहा कि उनलोगों में अब डर नहीं है और वे शांतिपूर्ण तरीके से अपना रोजगार-व्यवसाय कर रहे हैं. इस दौरान अमित शाह ने लोगों से अपील की कि यदि आप चाहते हैं कि तुष्टिकरण व एक जाति के लिए काम करने की संस्कृति का खात्मा हो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास हो तो एक बार फिर से प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार की बनानी चाहिए.
उत्तर प्रदेश में चुनाव तारीखों का ऐलान होने के बाद गृहमंत्री अमित शाह का यह पहला राजनीतिक कार्यक्रम था। शाह का सबसे पहले कैराना पहुंचना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2017 में बीजेपी ने यहां से कुछ ‘हिंदू परिवारों के पलायन’ को बड़ा मुद्दा बनाया था और पार्टी को इसका फायदा भी मिला था। बीजेपी का दावा है कि योगी सरकार बनने के बाद पलायन थम गया और जो लोग शहर से बाहर चले गए थे वे वापस आ चुके हैं। एक बार फिर बीजेपी लोगों को ‘पलायन’ की याद दिलाकर फिर से योगी सरकार बनाने की अपील कर रही है।
शाह कैराना में उन परिवारों के पास भी पहुंचे जिन्हें समाजवादी पार्टी के शासन में कथित तौर पर पलायन को मजबूर किया गया था। इस मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए शाह ने कहा, ” मैं जनवरी 2014 के बाद पहली बार आया हूं। यहां का माहौल देखकर हृदय को शांति मिली।” कानून व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए एक बार फिर योगी सरकार बनाने की अपील करते हुए शाह ने कहा, ”कोई भी प्रदेश हो, विकास की प्राथमिक शर्त होती है कि कानून व्यवस्था ठीक रहे। यही वह कैराना है जहां पहले लोग पलायन करते थे, आज जब मैं निकला तो लोगों ने कहा कि योगी जी ने कानून व्यवस्था को सुधारा है, हमें पालयन कराने वाले पलायन कर गए। आज अभी मैं उस परिवार के साथ बैठा था, जिन्हें कभी पालयन करना पड़ा था, परिवार के सभी 11 सदस्य मेरे साथ बैठे। उन्होंने कहा कि अब उन्हें कोई डर नहीं है। सब शांति से व्यापार कर रहे हैं।”