पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज श्री गणेश संकष्ट चतुर्थी व्रत है। इस दिन विधि-विधान से भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।21 जनवरी 2022, शुक्रवार को सकट चौथ यानी कि संकष्टी चतुर्थी का त्योहार है। इस चतुर्थी को माघी कृष्ण चतुर्थी, तिलचौथ, वक्रतुण्डी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन गणेश भगवान तथा सकट माता की पूजा का विधान है। संकष्ट का अर्थ है कष्ट या विपत्ति।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः माघ़,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः तृतीया प्रातः काल 08.52 तक है,
वारः शुक्रवार।
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः मघा प्रातः 09.43 तक है।
योगः सौभाग्यः अपराहन्ः काल 03.05 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः मकर, चंद्र राशिः सिंह,
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.18, सूर्यास्तः 05.47 बजे।