प्रियंका गांधी की ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ और मुलायम सिंह के साढू भजपो में शामिल
डॉ. प्रियंका का आरोप है कि उन्हें घूस नहीं देने पर सरोजिनी नगर विधानसभा सीट से टिकट नहीं दिया गया। लड़की हूं लड़ सकती हूं कैंपेन सिर्फ एक धांधली थी। लोग कहेंगे कि टिकट नहीं मिला तो ऐसा कर रहे, लेकिन खुद जांच करें फिर बोलें। हमें तो 2024 की तैयारी करो ऐसा कहा जाने लगा। 15 जनवरी को कांग्रेस द्वारा 150 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की गई थी। जिसमें 50 महिलाएं शामिल थीं। प्रियंका ने पार्टी के एक पदाधिकारी पर टिकट के लिए पैसे मांगने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि पार्टी में धांधली चल रही है और किसी को बोलने की हिम्मत नहीं है। जातिवाद के कारण नरेश सैनी को भी पार्टी छोड़नी पड़ी।
- बिधुना विधानसभा सीट से वर्ष 2012 में विधायक रह चुके हैं प्रमोद गुप्ता
- मुलायम सिंह यादव के साढ़ू को पार्टी से जोड़कर भाजपा ने दिया बड़ा संकेत
- प्रमोद गुप्ता ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद की योगी-मोदी की तारीफ
- अपर्णा यादव के बाद प्रमोद गुप्ता, मुलायम परिवार को दो दिनों में लगा दूसरा झटका
डेमोरेटिक फ्रंट, लखनऊ(ब्यूरो) :
उत्तरप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज है। इसी बीच यूपी चुनाव में कांग्रेस के ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ अभियान की पोस्टर गर्ल प्रियंका मौर्य ने चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। गुरुवार को मौर्या ने बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। बता दें कि खबर आई थी कि चूंकि कांग्रेस ने उनको विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया है, इस वजह से प्रियंका बीजेपी ज्वाइन करने को लेकर विचार कर रही हैं।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साढ़ू प्रमोद गुप्ता भी भाजपाई हो गए। उन्होंने गुरुवार को साइकिल की सवारी छोड़कर कमल थाम लिया। यूपी के चुनावी मैदान में पहली लड़ाई में भाजपा सरकार के मंत्री-विधायकों को पार्टी में शामिल कराकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बढ़त बनाते दिखे। ताबड़तोड़ इस्तीफों से भाजपा भी हिल गई, लेकिन पार्टी ने संभलकर जोरदार पलटवार किया है। पहले अपर्णा यादव और फिर प्रमोद गुप्ता के रूप में मुलायम परिवार के दो सदस्यों को पार्टी में लेकर समाजवादी पार्टी की मनोवैज्ञानिक बढ़त को काफी हद तक पाट दिया है। प्रमोद गुप्ता के अलावा कांग्रेस की पोस्टर गर्ल प्रियंका मौर्य ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। वे कांग्रेस की ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ की पोस्टर गर्ल रही हैं।
प्रमोद गुप्ता ने लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में पहुंच कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और योगी सरकार की जमकर तारीफ की। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में औरैया के बिधुना विधानसभा सीट से उन्होंने जीत दर्ज की थी। पिछले दिनों समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिधुना के भाजपा विधायक विनय शाक्य को पार्टी में शामिल कराया था। इसके बाद प्रमोद गुप्ता को इशारा मिल चुका था कि इस बार पार्टी से उन्हें टिकट नहीं मिलेगा। वे भाजपा के संपर्क में आए। पिछले दिनों उन्होंने बुधवार को भाजपा में शामिल होने की घोषणा की थी, लेकिन इस दिन अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने को लेकर यह मिलन समारोह एक दिन के लिए टल गया।
चुनावी मैदान में चर्चाओं का अलग महत्व होता है। पहली लड़ाई में जब अखिलेश यादव ने भाजपा में सेंधमारी की तो उनकी बढ़त काफी दिखने लगी थी। लगातार इस्तीफों से पार्टी परेशान भी थी और चुनावी मैदान में भी अखिलेश यादव चर्चाओं में बाजी मारते दिख रहे थे। लेकिन, जब मुलायम परिवार में ही टूट होने लगी तो मोमेंटम शिफ्ट हो गया है। अब चर्चाओं में परिवार को संभाल पाने में अखिलेश के कामयाब नहीं होने की बात है। स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी टीम के सपा में शामिल होने के बदली राजनीतिक तस्वीर धूमिल होने लगी है।
मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव को भारतीय जनता पार्टी में शामिल कराने के बाद से भाजपा हमलावर है। भले ही अपर्णा यादव राजनीतिक मैदान में कच्ची खिलाड़ी हों। उन्होंने वर्ष 2017 का चुनाव भाजपा की सीनियर नेता रीता बहुगुणा जोशी के सामने गंवाया हो, लेकिन भाजपा के लिए वह प्रतीक हैं। यूपी की राजनीति में नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव की बड़ी साख है। उनके परिवार के किसी भी सदस्य के भाजपा में जाने से भाजपा उसे अपने तरीके से भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली। इसीलिए, पार्टी ने इस सफलता के बाद सीधे सपा अध्यक्ष पर हमला बोल दिया है।
प्रमोद गुप्ता को बिधुना विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी अपना उम्मीदवार बना सकती है। विनय शाक्य के पार्टी छोड़ने के बाद उनकी बेटी रिया शाक्य ने भाजपा में रहने की बात कही थी। लेकिन, भाजपा ने प्रमोद गुप्ता को पार्टी में शामिल कराकर एक बड़ा संकेत दे दिया है। प्रमोद गुप्ता के पार्टी का उम्मीदवार बनने की स्थिति में इस सीट पर विनय शाक्य या उनके भाई को कड़ी टक्कर मिलने की भी संभावना जताई जा रही है। हालांकि, भाजपा की ओर से इस संबंध में विधिवत घोषणा होनी बाकी है।