वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है-स्वास्थ्य मंत्री
- स्वास्थ्य मंत्री ने 198 पीटी एम्बुलेंस और 47 एमएमयू को त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य के लोगों को समर्पित किया
- लोगों की जरूरतों के अनुसार जल्द ही स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर एक मैपिंग करवाई जाएगी-अनिल विज
पंचकूला, 20 जनवरी:
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है और आज इसी श्रृंखला में उनके द्वारा राज्य के लोगों को 198 रोगी परिवहन एम्बुलेंस (पीटीए) और 47 मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) को त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए समर्पित किया गया है ताकि राज्य की जनता को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं समयबद्ध तरीके से उपलब्ध हो सकें। इसके अलावा, लोगों की जरूरतों के अनुसार जल्द ही स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर एक मैपिंग करवाई जाएगी ताकि आवश्यकतानुसार लोगों को वहां पर सभी स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध करवाया जा सकें।
श्री विज आज पंचकूला में 198 रोगी परिवहन एम्बुलेंस और 47 मोबाइल मेडिकल यूनिट को झण्डी दिखाकर रवाना करने से पूर्व उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए वर्तमान सरकार कटिबद्ध हैं और इसी कडी में स्वास्थ्य सेवाओं के इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर मैंपिंग करवाई जाएगी कि किस क्षेत्र में कितने बेड के अस्पताल या पीएचसी या सीएचसी की जरूरत हैं।
प्रदेश के 350 से अधिक अस्पताल एनएबीएच हो चुके हैं-विज
इसी प्रकार, उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोगों को मानदंण्डों के अनुसार स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो इसके लिए उन्होंने सभी निजी अस्पतालों को एनएबीएच करवाने का काम किया है और अब तक प्रदेश के 350 से अधिक अस्पताल एनएबीएच हो चुके हैं। ऐसे ही, सरकारी अस्पतालों के मानकीकरण के कार्य को भी किया गया है और अब तक 80 से ज्यादा सीएचसी, पीएचसी व जिला अस्पताल नेशनल क्वालिटी एसोरेंस स्टेण्डर्ड हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी अस्पतालों को मानकीकरण करवाना चाहते हैं और इसी कड़ी में यह कार्य चल रहा है।
सरकारी अस्पतालों में मिल रही हैं डब्ल्यूएचओ-जीएमपी दवाईयां-विज
श्री विज ने कहा कि हमारे अस्पतालों में दवाईयां व उपकरण उच्च गुणवत्ता के होने चाहिए इसलिए सरकारी अस्पतालों में डब्ल्यूएचओ-जीएमपी दवाईयों को खरीदने का निर्णय लिया गया है ताकि राज्य के लोगों को अच्छी व गुणवत्तापूर्ण दवाईयां मिल सके। इसी प्रकार, प्रत्येक हरियाणावासी को अच्छा उपचार मिलें इसके लिए सरकारी अस्पतालों में यूएसए-एफडीए प्रमाणित उपकरणों को खरीदा जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के 6 जिलों में जल्द ही मैडीकल कालेज खुलने वाले हैं लेकिन वे चाहते हैं कि हर जिले में कालेज हो। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को बढावा दिया जा रहा है उसी प्रकार से निजी क्षेत्र को भी आगे बढने का अधिकार हैं लेकिन वे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री हैं इसलिए प्रत्येक प्राईवेट अस्पताल की बजाए सरकारी अस्पताल में अपना उपचार करवाए, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार कार्य कर रही हैं।
केरोना वारियर्स की याद में वॉल आफॅ मेमौरी बनाई गई-विज
श्री विज ने कहा कि पिछले दो सालों से कोरोना चल रहा हैं और हमारे स्वास्थ्य विभाग के 28 कर्मियों ने कोरोना काल के दौरान अपना बलिदान भी दिया है जिनकी याद में मुख्यालय पर एक वॉल आफॅ मेमौरी बनाई गई। इसके अलावा, बलिदान होने वाले हर उस कर्मचारी की अंतिम डयूटी के क्षेत्र/जिला में भी वॉल आफ मैमोरी तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी 100 सालों के बाद देखने को मिली हैं और यह एक इतिहास लिखा जा रहा है ओर इस संबंध में कोविड का इतिहास लिखने के लिए उन्होंने निर्देश दिए हुए हैं ताकि आने वाली पीढ़ियों को यह पता लगें कि किस प्रकार से कोरोना के दौरान लोगों की जान बचाने का कार्य किया गया।
हरियाणा में टेस्टिंग फ्री-वैक्सीनेशन फ्री-ट्रीटमेंट फ्री किया जा रहा है-विज
उन्होंने बताया कि जैसा कि बताया जा रहा है कि अभी कोरोना की तीसरी लहर चल रही हैं लेकिन यह उतनी घातक नहीं हैं फिर भी हमें सतर्क रहना है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी से चौकस व तैयार है। उन्होंने लोगों से आग्रह करते कहा कि जिन्होंने भी वैक्सीन नहीं लगवाई हैं उन्हें वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए क्योंकि हरियाणा में टेस्टिंग फ्री-वैक्सीनेशन फ्री-ट्रीटमेंट फ्री किया जा रहा है। सरकार इस कोरोना की लड़ाई से लड रही हैं पंरतु लोगों को भी कोविड प्रोटोकाल का अनुसरण करते हुए इस लड़ाई मे अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी हिदायतों का पालन करना चाहिए।
थाईलेंड की सरकार ने हरियाणा से कोविड प्रबंधन को सीखा-विज
उन्होंने कहा कि हरियाणा ने कोविड के दौरान इतना अच्छा कार्य किया हैं कि थाईलेंड की सरकार ने हमारे साथ वीडियो कान्फ्रंेंसिंग करके जानकारी व सीख हासिल की और अपने देश में इसे लागू करने का काम किया है। श्री विज ने कहा कि आजकल लगभग 9 हजार मामले रोजाना आ रहे हैं जिनमें से 5 हजार से अधिक मामले दिल्ली से सटे जिलों गुरूग्राम, फरीदाबाद व सोनीपत में आ रहे हैं और दिल्ली का प्रभाव इस सारे क्षेत्र में पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बाकी जिलोें में भी जहां कहीं कोरोना के केस बढते हैं ऐतिहात बरती गई है।
आरटीपीसीआर लैब को हर जिले में स्थापित करने वाला हरियाणा पहला राज्य-विज
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां झज्जर को छोडकर सभी जिलों में आरटीपीसीआर लैब स्थापित कर दी है और जल्द ही झज्जर में भी आरटीपीसीआर लैब स्थापित कर दी जाएगी। इसके अलावा, जीनोम सिक्वेसिंग की लैब रोहतक में स्थापित कर दी गई है तथा अब एक या दो अन्य स्थानों पर भी जीनोम सिक्वेसिंग की लैब लगाई जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग का बजट 5500 करोड-विज
श्री विज ने कहा कि पहले सरकारी अस्पतालों में एक्सरे मशीन भी दुर्लभ होती थी लेकिन वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, कैथलेब इत्यादि मशीनों को लगाया गया हैं। उन्होंने बताया कि दिल के उपचार के लिए चार जिलांे में कैथलेब की मशीन लगी हुई हैं और सभी जिलों में डायलिसिस की मशीन लगाई गई है। इसके अलावा, 129 संस्थानों में नई डिस्पैंसरियों को खोला गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के बजट को 1500 करोड रूपए से बढाकर 5500 करोड रूपए किया गया है। इसके अलावा, एनएचएम का 1100 करोड रूपए का अलग बजट है।
विज ने 198 पीटीए और 47 एमएमयू को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के लोगों को 198 रोगी परिवहन एम्बुलेंस (पीटीए) और 47 मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) समर्पित की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) को कम करने के लिए अतिरिक्त 188 रोगी परिवहन एम्बुलेंस और अतिरिक्त 47 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) को ‘‘अटल जननी वाहिनी सेवा’’ के तहत खरीद करने का फैसला किया ताकि दूरदराज और स्वास्थ्य सेवायों के अभावग्रस्त क्षेत्रों में लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सके। राज्य सरकार ने 10 अतिरिक्त नई रोगी परिवहन एम्बुलेंस को भी पुरानी एम्बुलेंस की एवज में खरीदने का निर्णय लिया।
राज्य में अब 635 एम्बुलेंस और 59 मोबाइल मेडिकल यूनिट का बेड़ा हुआ- विज
उन्होंने बताया कि वर्तमान में, 198 नई एम्बुलेंस जोड़ी जा रही हैं और अब 635 एम्बुलेंस का बेड़ा हो गया है। ऐसे ही, राज्य में 47 नई मोबाइल मेडिकल यूनिट को जोड़ा जा रहा है और अब 59 मोबाइल मेडिकल यूनिट का बेड़ा हो गया है। उन्होंने बताया कि 198 रोगी परिवहन एम्बुलेंस और 47 मोबाइल मेडिकल यूनिट के संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग को परिवहन विभाग द्वारा 614 ड्राइवर प्रदान किए गए है।
स्वास्थ्य विभाग अतिरिक्त 26 एडवांस्ड जीवन रक्षक एम्बुलेंस और 16 नवजात देखभाल एम्बुलेंस खरीदेगा- विज
उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को और मजबूत करने के लिए, स्वास्थ्य विभाग अतिरिक्त 26 एडवांस्ड जीवन रक्षक एम्बुलेंस और 16 नवजात देखभाल एम्बुलेंस खरीदने की प्रक्रिया में है, जिसे जल्द ही लिया जाएगा।
980 मैडीकल अधिकारी हरियाणा को मिलेंगें-राजीव अरोडा
इससे पूर्व, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा ने कहा कि कोरोना काल के दौरान एनएचएम के द्वारा लोजिस्टिक, मैनपावर सहित अन्य किसी भी प्रकार की आवश्यकता को पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन, होम आईसोलेशन, ई-संजीवनी जैसे कार्यक्रमों के लिए एनएचएम नोडल विभाग है। इसके अलावा, आज एम्बूलेंस के बेडे में लगभग 35 प्रतिशत पीटीए एम्बलेंस शामिल की जा रही हैं और इसी प्रकार एमएमयू के बेडे में लगभग 70 प्रतिशत एमएमयू शामिल की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से ईआरएसएस के तहत 630 गाडियों को लोगों की आपात स्थिति के लिए राज्य में तैनात किया गया है उसी प्रकार से स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज 635 एंबूलेंस को दिनरात सेवा के लिए तैनात किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ईसीआरपी-1 के बजट में लगभग 249 करोड में से 224 करोड रूपए केन्द्र सरकार द्वारा फंडिंग की गई है जबकि ईसीआरपी-2 में 60ः40 के अनुपात में 304 करोड रूपए मिले है। श्री अरोडा ने कहा कि अगले दो महीनों में 980 मैडीकल अधिकारी हरियाणा को मिलेंगें और अगले माह के पहले सप्ताह में 1500 से 2000 तक पैरामैडीकल का स्टाफ मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में आरटीपीसीआर का रेट 299 रूपए निजी लैब के लिए किया हुआ है जबकि होम सुविधा के लिए 499 है। लेकिन अमेरिका में इससे ज्यादा आरटीपीसीआर का रेट देना पडता है। उन्होंने एनएचएम के मिशन निदेशक को कहा कि वे एएलएस, डीएलएस, पीटीए को प्रशिक्षण दिलवाने के साथ-साथ डायल 108 को डायल 112 के साथ जोडने की कवायद शुरू करें।
कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत हरियाणा में पहली डोज 100 प्रतिशत तथा दूसरी डोज 78 प्रतिशत लग चुकी- प्रभजोत सिंह
इस मौके पर मिशन निदेशक श्री प्रभजोत सिंह ने कहा कि डायल 108 सर्विस का पहुंचने का समय 14 मिनट हैं जिसे 10 मिनट करने का लक्ष्य रखा गया हैं जबकि 33 मिनट में मरीज को अस्पताल पहुंचाने का समय हैं जिसे भी 30 करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत हरियाणा में पहली डोज 100 प्रतिशत तथा दूसरी डोज 78 प्रतिशत लग चुकी हैं और मैटरनल डिलीवरी का अनुपात 96 प्रतिशत हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 60 हज़ार से अधिक होम आईसोलेशन किटों का वितरण किया जा चुका है और ई-संजीवनी पर निगरानी की जा रही है।
अंत में स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक डा वीना सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। इस अवसर पर परिवहन विभाग के प्रधान सचिव श्री नवदीप सिंह विर्क, आयुष विभाग के निदेशक डा साकेत कुमार, स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की निदेशक डा उषा गुप्ता सहित स्वास्थ्य विभाग, एनएचएम, आयुष व परिवहन विभाग के अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इन जिलों को मिली इतनी एम्बुलेंस
जिन 198 रोगी परिवहन एंबुलेंस को जोड़ा जा रहा है उनमें अंबाला को 7, भिवानी को 12, फरीदाबाद को 6, फतेहाबाद को 7, गुरुग्राम को 7, हिसार को 11, झज्जर को 9, जींद को 16, कैथल को 9, करनाल को 7, कुरुक्षेत्र को 8, महेंद्रगढ़ (नारनौल) को 11, नूह (मेवात) को 8, पलवल को 11, पंचकूला को 8, पानीपत को 8, रेवाड़ी को 8, रोहतक को 8, सिरसा को 17, सोनीपत को 11 और यमुनानगर को 9 एम्बुलेंस आवंटित की गई है।
इन जिलों को मिली इतनी मोबाइल मेडिकल यूनिट
इसी प्रकार, आज जिन मोबाइल मोबाइल मेडिकल यूनिट को जोड़ा जा रहा है उनमें अंबाला को दो, भिवानी को चार, चरखी दादरी को एक, फरीदाबाद को एक, फतेहाबाद को 3, गुरुग्राम को एक, हिसार को चार, झज्जर को दो, जींद को दो, कैथल को 3, करनाल को चार, कुरुक्षेत्र को दो, महेंद्रगढ़ को दो, पलवल को एक, पानीपत को 3, रेवाड़ी को दो, रोहतक को 3, सिरसा को एक, सोनीपत को तीन और यमुनानगर को भी तीन मोबाइल मेडिकल यूनिट आवंटित की गई है।
एम्बुलेंस आपात स्थिति में किसी भी रोगी को परिवहन और एमएमयू चिकित्सा सेवा देती है
राज्य में एम्बुलेंस आपात स्थिति में किसी भी रोगी, गर्भवती महिलाओं, सड़क दुर्घटना के शिकार, प्रसव के बाद के मामलों में प्रसव के 6 सप्ताह बाद तक, 5 वर्ष की आयु तक बीमार बच्चे, स्वतंत्रता सेनानियों और पूर्व रक्षा सैनिकों को मुफ्त परिवहन सेवाएं प्रदान करती हैं। इसी प्रकार, मोबाइल मेडिकल यूनिट गांवों और छोटे गांवों/ईंट-भट्ठों/ढाणियों आदि से सटे निर्माण स्थलों में आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं जैसे कि ओपीडी, नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन, एएनसी/पीएनसी और लैब टेस्ट आदि चिकित्सा सेवा प्रदान कर रही हैं।
एम्बुलेंस से आज तक लगभग 50 लाख मरीजों को पहुंचाया और 17 लाख मरीजों ने मोबाइल मेडिकल यूनिट की सुविधा ली
एम्बुलेंस और मोबाइल मेडिकल यूनिट लगातार हरियाणा के लोगों की सेवा कर रही हैं। आज तक लगभग 50 लाख मरीजों को एंबुलेंस के जरिए पहुंचाया जा चुका है और 17 लाख मरीजों ने मोबाइल मेडिकल यूनिट की सुविधा का लाभ उठाया है। इस प्रयास से हरियाणा में उच्च मातृ दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने और सड़क दुर्घटना के मामलों में जीवित रहने में सुधार करने में सहयोग महत्वपूर्ण रहा हैं।
नागरिकों को प्रभावी और कुशल रेफरल परिवहन प्रणाली प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं सरकार
वर्तमान राज्य सरकार नागरिकों को प्रभावी और कुशल रेफरल परिवहन प्रणाली प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एम्बुलेंस और मोबाइल मेडिकल यूनिट योग्य और कुशल चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा संचालित की जा रही हैं और राज्य में 24 गुणा 7 नियंत्रण कक्षों द्वारा आपातकालीन प्रणाली का संचालन किया जा रहा है। सभी एम्बुलेंस और मोबाइल मेडिकल यूनिट को ऑनलाइन जीपीएस (भौगोलिक स्थिति प्रणाली) का उपयोग करके ट्रैक किया जाता है।