महाराष्ट्र के 106 नगरपंचायतों में से 93 नगरपंचायतों की 336 सीटों पर मंगलवार को मतदान हुआ था, जिसमें कुल 81 फीसदी वोट पड़े थे. जिला परिषद और उनसे जुड़ी पंचायत समितियों के चुनावों में 73 फीसदी मतदान हुआ था। जबकि ग्राम पंचायतों के उपचुनावों में 76 फीसदी वोट डाले गए थे। इसके साथ ही 115 ग्राम पंचायतों की 209 सीटों के लिए भी कल वोट डाले गए थे। जहां भाजपा ने 384 सीटें हासिल कीं वहीं शिव सेना 284 ही ले पायी।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, मुंबई(ब्यूरो) :
महाराष्ट्र के पंचायत चुनावों में भाजपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीतीं हैं जबकि राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी दूसरे स्थान पर रही। 106 नगर पंचायतों और 2 जिला परिषदों के लिए हुए चुनावों में भाजपा ने नगर पंचायतों में सबसे अधिक 416 सीटें जीतीं, इसके बाद एनसीपी ने 378 सीटें जीतीं। एनसीपी ने 25 और उसके बाद भाजपा ने 24 नगर पंचायतों में जीत हासिल की। इस चुनाव में शिवसेना और कांग्रेस तीसरे और चौथे स्थान पर पहुंच गईं। हालांकि सत्तारूढ़ तीनों दलों ने सामूहिक रूप से करीब 60 प्रतिशत सीट हासिल की।
महाराष्ट्र में एक बार फिर भाजपा ने दमखम दिखाते हुए सबसे बड़े दल के रूप में अपना रुतबा कायम रखा है। राज्य के 32 जिलों हुए 106 नगर पंचायत चुनाव में अब तक आए नतीजों में भाजपा नंबर वन पार्टी के रूप में सामने आई है। हालांकि, भाजपा के मुकाबले तीन दलों की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सर्वाधिक सीटें जीतने में सफल हुई हैं, लेकिन, शिवसेना लगातार पिछड़ रही है।
महाराष्ट्र में 32 जिलों की 106 नगरपंचायतों में चुनाव हुए जिसमें से 31 जिलों की 97 नगरपंचायतों के नतीजे घोषित किए गए। बुधवार को 97 नगरपंचायतों की 1649 सीटों के नतीजे सामने आए, जिसमें भाजपा ने सबसे ज्यादा 384 सीटों पर कमल खिलाया है, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) 344, कांग्रेस 316 और शिवसेना को 284 सीटों पर जीत मिली है।
गड़चिरोली की 9 नगरपंचातों के नतीजे बृहस्पतिवार को घोषित किए जाएंगे। इस चुनाव में सभी दलों ने अपने दम पर चुनाव लड़ा था, लेकिन कुछ जगहों पर शिवसेना और एनसीपी के बीच स्थानीय स्तर पर गठबंधन भी हुआ था। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने दावा किया कि भाजपा ही सूबे में सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत है।
उन्होंने कहा कि हम 24 निकाय संस्थाओं में बहुमत हासिल करने में कामयाब हुए हैं। लगभग 26 महीने तक सत्ता से बाहर रहने के बावजूद, भाजपा को भारी जीत हासिल हुई है। इससे पता चलता है कि पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं का हमारा नेटवर्क, बिना किसी सरकार के समर्थन या संसाधन के अच्छे नतीजे दे सकता है। शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद मिल गया, लेकिन वह इस चुनाव में तीसरे या चौथे स्थान के लिए संघर्ष कर रही है। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने दावा किया कि नगरपंचायत चुनाव में एमवीए ने 80 फीसदी सीटें जीती हैं और भाजपा को जनता ने नकार दिया है।
सांगली के कडेगाव नगर पंचायत में 25 साल बाद खिला कमल
महाराष्ट्र कांग्रेस नेता व राज्य मंत्री विश्वजीत कदम को अपने गृह जिले सांगली के कडेगाव नगर पंचायत में करारी हार मिली। कांग्रेस के वर्चस्व वाले कडेगाव नगर पंचायत में 25 साल बाद कमल खिला है। कडेगाव नगर पंचायत की 17 सीटों में से भाजपा को 11 जीत पर विजय मिली है। भाजपा नेता पृथ्वीराज देशमुख ने इस जीत में अहम भूमिका निभाई है।
सत्तार ने केंद्रीय मंत्री दानवे को किया चित्त
शिवेसना नेता व प्रदेश के राजस्व राज्य मंत्री व अब्दुल सत्तार ने केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहब दानवे को औरंगाबाद के सोयगाव नगर पंचायत चुनाव में चित्त कर दिया है। शिवसेना ने सोयगाव नगर पंचायत में 17 में से 11 सीटें जीती जबकि भाजपा को मात्र 6 सीटों पर ही सफलता मिली। सत्तार ने दावा किया कि सोयगाव नगर पंचायत चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और राकांपा के बीच छिपा गठबंधन था।
अशोक चव्हाण का जादू कायम
प्रदेश के सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री अशोक चव्हाण के गृह जिले नांदेड़ में कांग्रेस का जादू कायम है। नांदेड़ की तीन में से दो नगर पंचायतों में कांग्रेस को एकतरफा जीत मिली है।
किस दल को मिली कितनी सीटें :
भाजपा- 384 सीटें
राकांपा- 344 सीटें
कांग्रेस- 316 सीटें
शिवसेना- 284 सीटें
सीपीआईएम- 11 सीटें
बसपा- 4 सीटें
मनसे- 4 सीटें
अन्य राज्यों में पंजीकृत दल- 3 सीटें
राज्य चुनाव आयोग में पंजीकृत दल- 82 सीटें
निर्दलीय- 206 सीटें
कुल सीटे- 1638