मैं मोदी को मार सकता हूं, गाली भी दे सकता हूं, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का विवादित बयान
वायरल वीडियो के अनुसार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने प्रचार रैली के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘मैं बहस क्यों कर रहा हूं। मैं पिछले 30 साल से राजनीति में हूं। लेकिन एक स्कूल मेरे नाम पर नहीं है। मैं हमेशा सबकी मदद करता हूं। मैं मोदी को मार सकता हूं, उन्हें गाली भी दे सकता हूं। इसलिए मोदी मेरे खिलाफ प्रचार करने आए। एक ईमानदार नेतृत्व आपके सामने खड़ा है।’ कॉंग्रेस अध्यक्षों के ब्यान गुंडों को भी पूर्ण इज्ज़त देते हैं। वह गुंडों के लिए जिन शब्दों का उपयोग करते हैं वही उन्हें (गुंडों को) खूब आदर से बुलाते हैं।
मुंबई(ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट :
महाराष्ट्र के भंडारा जिले के लाखणी तहसील अंतर्गत जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव के प्रचार का रविवार को आखिरी दिन था। ऐसे में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में पक्ष को मजबूत करने के लिए कई जगहों पर बैठक की। इसी दिन का उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा कि वीडियो में नाना पटोले कह रहे हैं कि कि मैं मोदी को मार सकता हूं और उनको गाली भी दे सकता हूं। महाराष्ट्र के भंडारा जिले में मंगलवार को जिला परिषद का चुनाव है।
भंडारा जिले में अपने समर्थकों से बात करते हुए नाना ने कहा,”मैं बताता हूं कि मैं क्यों लड़ता और संघर्ष करता आ रहा हूं? मैं 30 वर्षों से राजनीति में हूं। ये नेता लोग 5 वर्ष में अपनी एक पीढ़ी का उद्धार कर लेते हैं। स्कूल-कॉलेज का निर्माण कर अपनी एक-दो पीढ़ी का उद्धार कर देते हैं। मैं इतने वर्षों से राजनीति कर रहा हूं, परंतु एक स्कूल मेरे नाम पर नहीं है। मैंने एक भी ठेकेदारी नहीं की। जो भी मदद मांगने आया उसे हमेशा मदद की है। इसलिए मैं मोदी को मार सकता हूं और उसे गाली भी दे सकता हूं। इसीलिए मोदी मेरे खिलाफ यहां प्रचार करने भी आया। मेरे रूप में आपके समक्ष एक प्रमाणिक लीडरशिप है। इसलिए ये लोग (विपक्ष) अपनी रणनीति बनाकर मुझे चक्रव्यूह में फंसाने की कोशिश करते हैं।”
वहीं, नाना पटोले के आपत्तिजनक बयान को लेकर विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। प्रवीण दरेकर ने कहा कि पीएम मोदी को लेकर
विवादित बयान की वजह से बुरे फंसे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष विधायक नाना पटोले ने बाद में सफाई दी है। उन्होंने कहा, “मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने मोदी नामक स्थानीय गुंडे के बारे में मुझसे शिकायत की थी। मैं उसके बारे में बोल रहा था। इसका वीडियो बनाकर कर मेरे खिलाफ साजिश रचकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है।” पटोले ने अपने बचाव में कहा, “मैं एक बार फिर से स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने वहां जो कुछ भी कहा, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में नहीं बल्कि स्थानीय मोदी नामक गुंडे के बारे में कहा था।”
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने इस बयान का कड़ा विरोध करते हुए पार्टी के जिलाध्यक्षों को पटोले के खिलाफ आक्रामक होने का निर्देश दिया है। चंद्रकात पाटिल ने सोमवार को कहा है कि भाजपा ऐसे बयानों को सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने अपने एक बयान में कहा था कि “यदि मैं वहां होता, तो मुंह पर जोरदार तमाचा मारता।” उनके इस बयान पर महाविकास आघाडी सरकार ने राणे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्होंने गिरफ्तार किया था। लिहाजा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पटोले ने प्रधानमंत्री के बारे में जो विवादित बयान दिया है। उसके लिए उनके खिलाफ भी मामला दर्ज होना चाहिए।
नाना पटोले की सफाई से भाजपा का समाधान नहीं हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जस का तस जवबा देते हुए कहा, कांग्रेस को अब राजनीतिक दल कहा जाए या फिर दहशत फैलाने वाला संगठन? किसी जमाने में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल रही कांग्रेस इतने रसातल में पहुंच गई है कि सत्ता पाने के लिए कुछ भी कर और कह रही है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सीमा के पास पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को 20 मिनट तक रोके रखा जाता है। इस गंभीर घटना का वहां के कांग्रेस के मुख्यमंत्री दखल तक नहीं लेते हैं। और अब महाराष्ट्र कांग्रेस का प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक बयान दिया है। उन्होंने पटोले की खिंचाई करते हुए कहा कि नानाभाऊ सिर्फ शारीरिक ऊंचाई बढ़ जाने से काम नहीं चलता है बल्कि वैचारिक व बौद्धिक ऊंचाई की भी जरूरत पड़ती है।
बता दें कि ये वही नाना पटोले हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बगावत करने के बाद भाजपा छोड़ दी थी और फिर कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए थे। पटोले वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र से जीत कर सांसद बने थे। दिसम्बर 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव से ऐन पहले नाना पटोले ने पार्टी से बगावत कर दी थी। उन्होंने न सिर्फ़ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता, बल्कि लोकसभा से भी इस्तीफा दे दिया था।