Wednesday, December 25

मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली पेंच टाइगर रिजर्व की विश्व विख्यात कॉलरवाली बाघिन की मृत्यु हो गई है। उसने अपने पूरे जीवन काल में 29 टाइगरों को जन्म दिया जो एक विश्व रिकॉर्ड बताया जाता है। … पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी की मादा टाइगर टी 15 की पहचान कॉलरवाली बाघिन के रूप में थी।

मध्यप्रदेश (ब्यूरो) :

पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी की मादा टाइगर टी 15 की पहचान कॉलरवाली बाघिन के रूप में थी। वह वन्यप्राणी प्रेंमियों के बीच काफी चर्चित थी और कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। सोलह साल से ज्यादा उम्र की कॉलरवाली बाघिन को 2005 में उस समय की विख्यात बाघिन बड़ी मादा ने जन्म दिया था। मां की मौत के बाद उसकी विरासत को कॉलरवाली बाघिन टी 15 ने संभालकर अपनी पहचान बनाई और उसने पूरे जीवन काम में 2008 से लेकर 2018 के बीच आठ बार में 29 शावकों को जन्म दिया। उनसे पेंच में टाइगर के कुनबे को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई थी। 

कॉलरवाली बाघिन के 25 शावक जीवित रहे
सोलह साल से ज्यादा उम्र वाली कॉलरवाली बाघिन ने जिन 29 शावकों को जन्म दिया, उनमें से 25 शावक जीवित रहे थे। वन्यप्राणी विशेषज्ञों के मुताबिक एक बाघिन के जीवनकाल में इतनी बढ़ी संख्या में टाइगर शावकों को जन्म देने और उनमें से 25 शावकों के जीवित रहने का अनोखा रिकॉर्ड कॉलरवाली बाघिन के नाम है। उसने सबसे पहले 2008 में तीन शावकों को जन्म दिया था। इसके बाद उसी साल अक्टूबर में चार, अक्टूबर 2010 में पांच, मई 2012 में तीन, अक्टूबर 2013 में तीन, अप्रैल 2015 में चार, 2017 में तीन और दिसंबर 2018 में चार शावकों को कॉलरवाली बाघिन ने जन्म दिया। 

मध्य प्रदेश को टाइगर्स स्टेट का दर्जा दिलाने में 29 शावकों को जन्म देने वाली कॉलरवाली बाघिन की भूमिका अहम थी। कॉलरवाली बाघिन का जन्म सितम्बर 2005 में हुआ था। इस बाघिन को ‘पेंच की रानी’ व ‘सुपर मॉम’ के नाम से भी जाना जाता था। ‘कॉलरवाली’ बाघिन ने मई 2008 से दिसंबर 2018 के मध्य कुल आठ बार में 29 शावकों को जन्म दिया और पेंच में बाघों का कुनबा बढ़ाने में अपना अविस्मरणीय योगदान दिया। 29 शावकों में से 25 शावकों को जन्म पश्चात एक बाघिन द्वारा जीवित रख पाना भी अपने आप में अभूतपूर्व कीर्तिमान है। साल 2011 में इस बाघिन ने एक साथ पाँच बच्चों को जन्म दिया था, जो अपने आप में दुर्लभ है।

बाघिन की मौत के बाद से वन्यजीव प्रेमियों में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर लोग अपनी चहेती बाघिन के लिए शोक संदेश लिख रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्वीट कर दुख जताया।

शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, “मप्र को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली, मध्य प्रदेश की शान व 29 शावकों की माता पेंच टाइगर रिजर्व की ‘सुपर टाइग्रेस मॉम’ कॉलरवाली बाघिन को श्रद्धांजलि। पेंच टाइगर रिजर्व की ‘रानी’ के शावकों की दहाड़ से मध्य प्रदेश के जंगल सदैव गुँजायमान रहेंगे।”

आईएफएस परवीन कासवान ने अपने ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, “पेंच की कॉलरवाली बाघिन का अंतिम संस्कार किया गया। आपको भारत के अलावा ऐसा कहाँ देखने को मिलेगा।”

एक यूजर ने ‘सुपर मॉम’ के निधन पर लिखा, “हम आज भी ऐसे भारत में रहते हैं, जहाँ बाघों का अंतिम संस्कार किया जाता है। पेंच की कॉलरवाली को अलविदा। ऐसी बाघिन जिसने शावकों की पुश्तों को जन्म दिया। एक ऐसी बाघिन जिसने जीवन पर्यंत शावकों का ध्यान रखा, लेकिन मृत्यु के समय अकेली रही।”

शिवानंद द्विवेदी ने ट्विटर पर लिखा, “यह हिंदू संस्कृति में ही संभव है।”

‘मैं चाहता हूँ कि हमारे संस्कार हमारे बच्चे भी देखें’

लोगों ने कॉलरवाली बाघिन का शुक्रिया भी किया

https://twitter.com/KRjivana24/status/1482930033111212033
https://twitter.com/DayanandKabaddi/status/1482693824828739586

दरअसल पेंच नेशनल पार्क में इस बाघिन के गले में सबसे पहले रेडियो कॉलर लगाया गया था, ताकि उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसके बाद से ही बाघिन को कॉलरवाली के नाम से जाना जाने लगा था। जनवरी 2019 में बाघिन की एक तस्वीर भी वायरल हुई थी, जिसमें वह अपने शावकों को मुँह में दबाकर ले जाती हुई दिखी थी। उसकी माँ को टी-7 बाघिन (बड़ी मादा) और पिता को चार्जर के नाम से जाना जाता था।