पंचांग, 15 जनवरी 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज शनि प्रदोष व्रत है। हर महीने शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है, त्रयोदशी तिथि शनिवार को पड़ती है तो इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 15 जनवरी दिन शनिवार को है। हर महीने दो बार त्रयोदशी तिथि आती है, इसी तरह 12 महीनों में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः पौष़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः त्रयोदशी रात्रि 12.58 तक है,
वारः शनिवार।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः मृगशिरा रात्रिः 11.21 तक है,
योगः ब्रह्म दोपहरः काल 02.32 तक,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः मकर, चंद्र राशिः वृष,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 07.19, सूर्यास्तः 05.42 बजे।