पंचकूला 14 जनवरी:
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा की जा रही भर्तियों में जिस प्रकार का फर्जीवाड़ा हर रोज सामने आ रहा है उससे खट्टर सरकार की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न लग गया है। हरियाणा का बेरोजगार युवा आज सरकार से जवाब मांग रहा है कि उसका कसूर केवल यह है कि वह सरकार द्वारा समय-समय पर अपने चहेतों को नौकरियां देने के उद्देश्य से नियमों में परिवर्तन किया जा रहा ताकि मैरिट वाले और प्रतिभावान युवाओं को रास्ते से हटाया जा सके।
चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने भी स्वीकार किया है कि कुल 117 भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे उनमें से 88 भर्तियों में फर्जीवाड़ा हुआ है। इन असहज परिस्थितियों को पैदा करने के लिए सरकार को उन युवाओं से माफी मांगनी चाहिए जो सरकार की ढूलमूल नीतियों का शिकार हो कर अपने भाग्य को कोस रहे हैं। यह कैसी विडम्बना है कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए बार बार आर्थिक और सामाजिक निर्धारित मानकों में बार बार परिवर्तन करके उन्हें बेरोजगारी के गर्त में धकेला जा रहा है और विभिन्न प्रकार की शर्तें थोप कर उनके भविष्य को तबाह किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जैसा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने स्वीकार किया है ऐ 465 सब इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल भर्ती की जांच जारी है। इसी प्रकार आर्थिक सामाजिक आधार पर मिलने वालों अंकों के नाम पर भी धोखाधड़ी की गई जिसके कारण अभी तक भर्ती प्रकिया को पारदर्शी नहीं बनाया जा सका है।हकरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने हरियाणा पुलिस में 5500 कांस्टेबल की भर्ती प्रकिया शुरू की गई है। इसमें भी अनेकों गड़बड़ियों की शिकायत मिली है । उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा में 55 सालों में ऐसी सरकार आई है जिसने सरकारी नौकरियों के नाम पर युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।
चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 9343 पदों के लिए निकाली गई भर्ती को भी रद्द करने का फैसला किया है। इन उम्मीदवारों से फीस के रूप में करोड़ों रुपए एकत्रित करके अब उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया गया है। अब दोबारा भर्ती होने से पहले उन्हें संयुक्त भर्ती परीक्षा पास करनी होगी। यह उन युवाओं के साथ दोहरा अन्याय होगा। एक तो कोविड के दुष्प्रभाव के कारण जीवन यापन करना दुष्कर हो रहा है इसके साथ ही जिन लोगों की आयु निकल चुकी है अब उनका क्या हश्र होगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि इन अपरिहार्य परिस्थितियों को देखते हुए हरियाणा में नौकरियों में प्रवेश की उम्र को 42 वर्ष से बढ़ाकर कर 45 वर्ष तक की जाए। उन्होंने कहा कि उड़िसा सरकार ने अभी हाल ही में नौकरियों में भर्ती की अधिकतम सीमा को 6 वर्ष तक बढ़ाया गया है।