Tuesday, December 24

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज पुत्रदा एकादशी व्रत एवं लोहड़ी पर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 13 जनवरी 2022, गुरुवार को पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। एकादशी तिथि 12 जनवरी को शाम 04 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 13 जनवरी को रात 07 बजकर 32 मिनट तक रहेगी।

विक्रमी संवत्ः 2078, 
शक संवत्ः 1943, 

मासः पौष़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः एकादशी सांय 07.33 तक है,

वारः गुरूवार।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः कृतिका सांयः 05.07 तक है, 

योगः शुभ दोपहरः काल 12.34 तक, 

सूर्य राशिः धनु,  चंद्र राशिः वृष, 

करणः विष्टि, 

सूर्योदयः 07.19,  सूर्यास्तः 05.40 बजे।

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,