पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज शुक्र्रोदय हो रहा है। ज्योतिष के नवग्रहों में से एक अति विशिष्ट ग्रह शुक्र भी हैं। जिन्हें भाग्य का कारक माना जाता है। शुक्र ग्रह की अधिपति स्वयं देवी माता लक्ष्मी जी हैं। शुक्र को एक स्त्री ग्रह माना गया है। कुंडली में अन्य ग्रहों की तरह ही शुक्र ग्रह भी अपना एक असर दिखाते हैं।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः पौष़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः दशमी दोपहर 04.50, तक है,
वारः बुधवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः भरणी दोपहरः 02.00 तक है,
योगः साध्य प्रातः काल 11.37 तक,
करणः गर,
सूर्य राशिः धनु, चंद्र राशिः मेष,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 07.19, सूर्यास्तः 05.40 बजे।