चुनाव के दौरान कोरोना के खतरे को देखते हुए चुनाव आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने एक बैठक की थी। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई थी कि मतदाताओं और कर्मचारियों का पूर्ण टीकाकरण अनिवार्य किया जाए। इस बार चुनाव में सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। किसी भी तरीके से आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्रवाई की जाएगी। राज्यों की सीमाओं पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट – चंडीगढ़ :
इस साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। जिन राज्यों में चुनाव होंगे वो हैं- उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर। उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं और वर्तमान में भाजपा की नेतृत्व वाली योगी आदित्यनाथ की सरकार है। गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में भी बीजेपी की सरकार है। जबकि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। इस बार इन चुनावों में आम आदमी पार्टी भी कांग्रेस और बीजेपी को टक्कर दे सकती है।
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। बता दें कि 2022 में इन पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। उत्तर प्रदेश में 403, पंजाब में 117, उत्तराखंड में 70, मणिपुर में 60 और गोवा में 40 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि ये चुनाव कोविड-19 से सुरक्षा को देखते हुए बड़ी तैयारी के साथ कराए जाएँगे। बूथों की संख्या बढ़ेगी। वहाँ मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध रहेंगे।
पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक ही चरण में सभी विधानसभा सीटों का मतदान निपटा लिया जाएगा। 10 मार्च को चुनाव परिणाम जारी किए जाएँगे। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होंगे – फरवरी में 10, 14, 20, 23 और 27 को, जबकि मार्च में 3 और 7 को। मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को चुनाव कराए जाएँगे। रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा। इस तरह 10 फरवरी, 2022 से चुनाव शुरू हो जाएगा।
सभी विधानसभाओं में एक ऐसा पोलिंग बूथ होगा, जो केवल महिलाओं के लिए होगा। ECI ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ सभी राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ भी बैठकें की हैं। जमीनी परिस्थिति को जानने-समझने के बाद चुनाव के तारीखों का ऐलान किया गया। इन 5 राज्यों में 24.9 लाख युवा ऐसे हैं, जो पहली बार वोट देंगे। कुल 18.34 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें 8.55 करोड़ महिलाएँ हैं। 80 की उम्र से ऊपर के बुजुर्गों, दिव्यांगों और कोरोना मरीजों के लिए पोस्टल बैलेट्स की सुविधा होगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा वोटर भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन भरने की सुविधा भी दी जाएगी। चुनाव में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत के लिए ‘cVIGIL’ एप के जरिए लोग शिकायत कर सकते हैं। घोषणा की गई है कि शिकायत के 100 मिनट के भीतर ECI अधिकारी वहाँ पहुँच जाएँगे। तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। सभी पोलिंग बूथों पर EVM एवं VVPAT का इस्तेमाल होगा। सभी चुनाव अधिकारियों/कर्मचारियों को ‘फ्रंटलाइन वर्कर’ के रूप में गिना जाएगा और उन्हें कोरोना की तीसरी (Precautionary) डोज दी जाएगी।
CEC सुशील चंद्रा ने इस दौरान “यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है” पंक्ति का भी इस्तेमाल किया। साथ ही 15 जनवरी, 2021 तक किसी भी राजनीतिक पार्टी को फिजिकल रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद स्थिति की समीक्षा कर आगे के नियम बताए जाएँगे। कोई भी रोडशो, साइकिल-बाईक यात्रा या पदयात्रा और जुलूस भी अगले आदेश तक नहीं निकाले जा सकेंगे। 7 चरणों में सभी 5 राज्यों के चुनाव निपटा लिए जाएँगे।