कॉंग्रेस द्वारा हुई बड़ी से बड़ी गलती का दोषी या तो प्रदेश की जनता होती है पर मूल रूप से भाजपा सरकार तो होगी या फिर रहेगी। एक तरफ जहां ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते सभी दलों के नेता कोरोना नियमों का पालन करने के लिए कह रहे है। लेकिन खुद नेता चुनाव जीतने के लिए जनता की जान जोखिम में डाल रहे है। चुनावी सभा में लोगों की भीड़ इकट्ठा करवा रहे है। वहीं उत्तर प्रदेश के बरेली से कुछ ऐसा ही वीडियो सामने आया है जहां कांग्रेस पार्टी अपना नारा ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ को बढ़ावा देने के चक्कर में लड़कियों की जान खतरे में डाल दी है।
डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम, संवाददाता – नयी दिल्ली/लखनऊ :
बरेली में मंगलवार सुबह कांग्रेस की मैराथन में भगदड़ मच गई। सुबह 10 बजे हुई इस घटना में इसमें कई बच्चियां भीड़ में दब गईं। दरअसल, मैराथन में भीड़ ज्यादा होने से आयोजक व्यवस्थाओं को संभाल नहीं सके। बिशप मंडल इंटर कॉलेज के मैदान में सुबह 10 बजे दौड़ शुरू होते ही आगे दौड़ रहीं बच्चियां धक्का लगने से गिर गईं।
इसके बाद पीछे से आ रही भीड़ उन पर चढ़ गई। चीख-पुकार के बीच भगदड़ में कई बच्चियां घायल हुई हैं। घटना के कवरेज को लेकर कांग्रेस के नेता मीडियाकर्मियों से बदसलूकी पर उतारू हो गए। शहर की पूर्व मेयर और कांग्रेस नेता सुप्रिया ऐरन से तो हद ही कर दी। उन्होंने कहा कि वैष्णो देवी में भी भगदड़ मच सकती है, तो ये तो बच्चियों की भीड़ है।
मैराथन में 10 हजार बच्चियां शामिल हुई थीं कॉंग्रेस पार्टी के इस कारी पर बरेली ही में ही 10,000 दस हज़ार परिवारों का साथ है, यह संख्या तो केवल लड़कियों के परिवार है, यदि लड़कों को भी बुलाया जाता तो यकीनन वहीं दस हज़ार परिवार और होते।
प्रियंका गांधी के ‘लड़की हूँ – लड़ सकती हूं’ मुहिम के तहत यह मैराथन आयोजित की गई थी। सुबह हजारों की संख्या में लड़कियां मैराथन में पहुंच गईं। मैराथन शुरू होते ही भगदड़ मच गई। आगे दौड़ रही कुछ बच्चियां धक्का लगने से गिर गईं। इसके बाद पीछे आ रही भीड़ उन पर गिर पड़ी। कई बच्चियां नीचे दब गईं। इसे देख आयोजकों के हाथ-पांव फूल गए। चीख-पुकार के बीच किसी तरह उन्होंने बच्चियों को बाहर निकाला। इसके बाद ज्यादातर बच्चियों के परिजन उन्हें घर ले गए।
इधर, कार्यक्रम में शामिल होने आई ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की नेशनल कोआर्डिनेटर और UP वेस्ट की प्रभारी संगीता गर्ग सफाई देते नजर आईं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम सफल रहा और इसमें करीब 10 हजार बच्चियों ने हिस्सा लिया।