1995 में हमने जिला बनाया,अब भाजपा जजपा पुलिस फोर्स की नफरी बढाना ही भूली : चन्द्रमोहन
(पंचकूला न्यूज 15 दिसम्बर 2021) पूर्व उपमुख्यमंत्री भाई चन्द्रमोहन ने कहा कि जिला पंचकूला पुलिस भारी अभाव में चल रहा है जिसके चलते डीसीपी समेत पुलिस अधिकारी भी अनेको बार प्रदेश सरकार को बतौर चिट्ठियां लिखकर अवगत करवा चुके है परन्तु अब तक पुलिस बल बढ़ाने की नजर से कोई कार्यवाही न होना प्रदेश सरकार की अपराधों के रोकथाम की बात पर सवाल खड़ा करता है।पुलिस अनुसन्धान एवं विकास ब्यूरो 2013 की रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक थाने में 114 पुलिस बल की आवश्यकता है तो वही आन एवरेज में प्रत्येक थाने में संख्या 20 से 30 ही है।अब आलम यह है कि पुलिस आयुक्तालय पंचकूला में कोई भी पुलिस कर्मी डेपुटेशन पर नही है जबकि यहां से अन्य जगह कुल 320 पुलिस कर्मी डेपुटेशन पर है तो वही काफी समय से यहां के 300 पुलिस जवान हरियाणा पुलिस मुख्यालय में व हरियाणा पुलिस की अन्य यूनिट्स में अस्थाई ड्यूटियों पर तैनात है जोकि पंचकूला पुलिस की कुल स्वीकृत नफरी का एक चौथाई यानी 25% हिस्सा है।इसके साथ ही सेक्टर 14 का पुलिस थाना तो ऐसा है जहां एक भी पद स्वीकृत नही है तो वही सेक्टर 2-सेक्टर 6-सेक्टर 10-रामगढ़-मढ़ावाला ऐसी कुल 5 पुलिस चौंकिया है जहां एक भी पद स्वीकृत नही है फिर भी वह कार्य कर रही है।
चन्द्रमोहन ने कहा कि 15 अगस्त 1995 को उन्होंने तो पंचकूला को जिला बना दिया था परन्तु अब पिछले 7 साल से भाजपा शासन में है जोकि पंचकूला के लिए पुलिस फोर्स बढ़ाना ही भूल गई है।चन्द्रमोहन ने कहा कि उन्होंने जब पंचकूला को जिला बनाया तब कुल 6 पुलिस थाने व 4 पुलिस चौकियां बनाई गई थी जबकि उस समय 1991 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल आबादी 3,10,396 थी व अब 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की जनसंख्या 5,61,293 हो गई है जबकि अब 2021 में जनसंख्या इससे भी कई ज्यादा है।अब वर्तमान में कुल 11 पुलिस थाने है व 16 पुलिस चौकियां,ऐसे में नए थाने व चौकियां तो बनगई पर लेकिन उनमें कार्य करने वाले पुलिस बल को सेंक्शन ही नही किया गया जिससे अब अपराध पर रोकथाम के लिए उपयुक्त पुलिस बल ही नही है।
कांग्रेस नेता विजय बंसल को डीसीपी द्वारा आरटीआई में दी गई जानकारी के अनुसार 1995 की तुलना में अब जिले में जनसंख्या भी काफी बढ़ गई है तो वही औद्योगिक विकास होने के चलते भी देश के विभिन्न हिस्सों से लोग यहां आए है तो अब थानों में अपराधों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है तथा नए कानूनों के अस्तित्व में आने से श्रेणी विशेष के अनुसन्धान अधिकारियों की आवश्यकता भी बढ़ रही है।कम पुलिस बल होने के कारण पुलिस कर्मियों पर कार्य का दबाव बढ़ रहा है जिससे कार्य ज्यादा होने के चलते तनाव भी पुलिस कर्मियों में बढ़ रहा है।